उत्तराखंड कुंभ में शामिल महामंडलेश्वर का कोविड-19 संक्रमण से निधन, कई अखाड़े आयोजन से बाहर

एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड के हरिद्वार शहर में चल रहे कुंभ में शामिल मध्य प्रदेश के निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देव दास की कोविड 19 संक्रमण से बीते 13 अप्रैल को मौत हुई है. कुंभ मेले में कोरोना की बिगड़ती रही स्थिति को देखते हुए 13 अखाड़ों में से निरंजनी और तपो निधि श्री आनंद अखाड़े ने इस आयोजन से हटने का ऐलान किया है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड के हरिद्वार शहर में चल रहे कुंभ में शामिल मध्य प्रदेश के निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देव दास की कोविड 19 संक्रमण से बीते 13 अप्रैल को मौत हुई है. कुंभ मेले में कोरोना की बिगड़ती रही स्थिति को देखते हुए 13 अखाड़ों में से निरंजनी और तपो निधि श्री आनंद अखाड़े ने इस आयोजन से हटने का ऐलान किया है.

हरिद्वार में लगा कुंभ मेला. (फोटो: रॉयटर्स)
हरिद्वार में लगा कुंभ मेला. (फोटो: रॉयटर्स)

देहरादूनः उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे महाकुंभ में भाग लेने के बाद मध्य प्रदेश के निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देव दास का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया. वह 65 साल के थे. निर्वाणी अखाड़ा 13 मुख्य अखाड़ों में से एक है.

इस आयोजन में शामिल होने वाले अखाड़ों से जुड़े संतों के अलावा तमाम लोग इस महामारी के संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. इस बढ़ते प्रकोप की वजह से कई अखाड़ों ने हरिद्वार कुंभ आयोजन से बाहर होने का निर्णय लिया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, उनका गुरुवार को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया.

स्वास्थ्य विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, ‘पांच से 14 अप्रैल के बीच हरिद्वार के कुंभ में शामिल शीर्ष 68 साधु संक्रमित हो गए हैं.’

स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. त्रिपति बहुगुणा ने कहा, ‘जिस निजी अस्पताल में महामंडलेश्वर कपिल देव दास भर्ती थे, उसने स्वास्थ्य विभाग को बताया है कि उन्हें 12 अप्रैल को भर्ती कराया गया था और उन्होंने 13 अप्रैल को आखिरी सांस ली. उन्हें कोरोना से पहले किडनी संबंधी समस्याएं भी थीं. उन्हें डायलिसिस पर रखा गया था.’

हरिद्वार के सीएमओ डॉ. सीके झा का कहना है, ‘कनखल में उस जगह पर जहां महामंडलेश्वर और उनके 10,000 से अधिक संतों और अनुयायी डेरा जमाए हुए थे. स्वास्थ्य विभाग की टीमें शुक्रवार को उस स्थान का दौरा करेंगी, उस जगह को सैनिटाइज किया जाएगा और वहां रह रहे लोगों के सैंपल इकट्ठा किए जाएंगे.’

इस बीच जनवरी से 15 अप्रैल के बीच कुंभ से वापस लौट रहे 33 पुलिसकर्मी भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

दूसरी ओर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि भी कोरोना संक्रमित हैं और ऋषिकेष के एम्स में उनका इलाज चल रहा है.

हरिद्वार में साधु समुदायों के बीच लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों के मद्देनजर सबसे बड़े नगा संन्यासी अखाड़ों में से एक और जूना अखाड़े के बाद दूसरे सबसे शक्तिशाली निरंजनी अखाड़े ने कुंभ से बाहर होने का ऐलान किया है.

हरिद्वार कुंभ में शामिल संतों के 13 अखाड़ों में से एक निरंजनी अखाड़े ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों और राज्य में खराब होती स्थिति के मद्देनजर बृहस्पतिवार को आयोजन से हटने का फैसला किया. तपो निधि श्री आनंद अखाड़े ने भी ऐसा ही निर्णय लिया है

निरंजनी अखाड़े के सचिव रवींद्र पुरी ने बताया, ‘मुख्य शाही स्नान 14 अप्रैल को मेष संक्राति के साथ संपन्न हो गया. हमारे अखाड़े में कई लोगों में कोविड-19 के लक्षण सामने आ रहे हैं. ऐसे में हमारे लिए कुंभ मेला संपन्न हो गया.’

रविंद्र पुरी का कहना है कि हरिद्वार के कैंपों में ठहरे अधिकतर संत और उनके अनुयायियों में कोरोना के लक्षण हैं, जिस वजह से अखाड़े के संतों ने 17 अप्रैल से मेला खत्म करने का फैसला किया है.

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, हरिद्वार के चीफ मेडिकल अधिकारी डॉ. एसके झा ने बताया कि हरिद्वार में बताया, ‘मेडिकल टीमें अखाड़े के पास जा रही हैं और साधुओं का लगातार आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जा रहा है. 17 अप्रैल से इस प्रक्रिया को तेज किया जाएगा.’

कुंभ मेला प्रशासन के मुताबिक, ‘गुरुवार को 332 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. प्रशासन का कहना है कि उनके पास कोरोना मौतों का किसी तरह का कुल आंकड़ा नहीं है. बुधवार को 13,415 लोगों में से 119 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. 12 अप्रैल के बाद से 79,301 लोगों का कोरोना टेस्ट कराया गया है, जिनमें से 745 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.’

सभी 13 अखाड़ों की सर्वोच्च संस्था अखाड़ा परिषद के महासचिव महंत हरि गिरि ने कहा, ‘यह सही है कि कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और हम इस स्थित पर सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे हैं. हम जल्द ही इस पर अंतिम फैसला लेंगे.’

बता दें कि कुंभ मेला आधिकारिक तौर पर 30 अप्रैल को समाप्त होगा और अगला शाही स्नान 27 अप्रैल को होगा.

उत्तराखंड कंट्रोल रूम के मुताबिक, 10 अप्रैल को कोरोना के 254 मामले दर्ज हुए. 11 अप्रैल को 386, 12 अप्रैल को 408, 13 अप्रैल को 594 और 14 अप्रैल को 525 मामले दर्ज हुए.

उत्तराखंड में गुरुवार को अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में सर्वाधिक 2220 नए मामले सामने आए थे. इससे पहले प्रदेश में 19 सितंबर 2020 को 2,078 नए मरीज सामने आए थे.

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, नए मामलों को मिलाकर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 116,244 हो गई है.

इसके अलावा गुरुवार को महामारी से पीड़ित नौ अन्य मरीजों ने दम तोड़ दिया, जिसके साथ ही प्रदेश में मृतक संख्या बढ़कर 1,802 हो गई.

प्रदेश में सर्वाधिक 914 कोविड मरीज देहरादून में मिले, जबकि हरिद्वार में 613, नैनीताल में 156, उधम सिंह नगर में 131, पौड़ी गढ़वाल में 105 नए मरीज सामने आए.

प्रदेश में उपचाराधीन मामलों की संख्या 12,484 है जबकि 99,777 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)