कोविड-19: भाजपा ने देरी से लिया यू-टर्न, मोदी ने कुंभ को ‘प्रतीकात्मक’ रखने की अपील की

कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि कुंभ को मरकज़ से जोड़ना नहीं चाहिए, क्योंकि मरकज एक कोठी की तरह की बंद जगह में हुआ था, जबकि कुंभ का क्षेत्र बहुत बड़ा, खुला हुआ और विशाल है. उन्होंने कहा था कि सबसे महत्वपूर्ण है कि कुंभ गंगा नदी के किनारे है. मां गंगा का आशीर्वाद यहां बह रहा है, इसलिए यहां कोरोना नहीं होना चाहिए.

//
(फाइल फोटो: रॉयटर्स)

कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि कुंभ को मरकज़ से जोड़ना नहीं चाहिए, क्योंकि मरकज एक कोठी की तरह की बंद जगह में हुआ था, जबकि कुंभ का क्षेत्र बहुत बड़ा, खुला हुआ और विशाल है. उन्होंने कहा था कि सबसे महत्वपूर्ण है कि कुंभ गंगा नदी के किनारे है. मां गंगा का आशीर्वाद यहां बह रहा है, इसलिए यहां कोरोना नहीं होना चाहिए.

उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले के दौरान नगा साधु. (फोटो: रॉयटर्स)
उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले के दौरान नगा साधु. (फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली/देहरादून: कोरोना वायरस के देश में लगातार बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संत समाज से उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे कुंभ को ‘प्रतीकात्मक’ रखने की अपील की, ताकि इस महामारी के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी जा सके.

प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर यह जानकारी दी कि उन्होंने जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि से इस सिलसिले में फोन पर बात की और साथ ही संतों का कुशल-क्षेम भी पूछा.

उन्होंने कहा, ‘मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए. इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी.’

एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामी अवधेशानंद से बात कर उन्होंने सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना.

उन्होंने कहा, ‘सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं. मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया.’

प्रधानमंत्री से बातचीत के बाद स्वामी अवधेशानंद ने भी लोगों से भारी संख्या में कुंभ का स्नान करने के लिए हरिद्वार नहीं पहुंचने और सभी नियमों का पालन करने का आग्रह किया.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान का हम सम्मान करते हैं! जीवन की रक्षा महत पुण्य है. मेरा धर्म परायण जनता से आग्रह है कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए भारी संख्या में स्नान के लिए नहीं आएं एवं नियमों का निर्वहन करें!.’

इससे पहले बीते 21 मार्च को जब कोरोना वायरस की दूसरी लहर भारत को अपनी चपेट में लेना शुरू कर चुकी थी और देश में इसके विभिन्न प्रकारों की जानकारी भी सामने आने लगी थी, तब कई राष्ट्रीय अखबारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत कुंभ आने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए उन्हें बता रहे थे कि इसमें शामिल होना ‘स्वच्छ’ और ‘सुरक्षित’ है.

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित विज्ञापन.
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित विज्ञापन.

इतना ही नहीं तीरथ सिंह रावत श्रद्धालुओं को यह सुझाव देने में सबसे आगे रहे हैं कि कुंभ मेला किसी भी तरह देश को तबाह करने वाली महामारी से मुक्त है. उदाहरण के लिए उन्होंने कह दिया था कि ‘रोक-टोक’ नहीं होना चाहिए और मेला ‘सभी के लिए खुला’ होना चाहिए.

बीते 20 मार्च को मुख्यमंत्री रावत ने ये तक कह दिया था, ‘कोविड-19 के नाम पर किसी को नहीं रोका जाएगा, क्योंकि हमें यकीन है कि भगवान में विश्वास वायरस के डर को दूर करेगा.’

हाल ही में यह स्पष्ट हो जाने के बाद कि मेला उत्तराखंड के कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ रहा है, रावत ने इस पर भरोसा करने से इनकार कर दिया था.

मुख्यमंत्री रावत ने बीते 13 अप्रैल को इस बात पर जोर दिया था कि दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के मरकज में हुआ कार्यक्रम कुंभ से ज्यादा खतरनाक था.

उन्होंने कहा था कि कुंभ और मरकज के बीच कोई तुलना नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा था कि कुंभ को मरकज से जोड़ना नहीं चाहिए, क्योंकि मरकज एक कोठी की तरह की बंद जगह में हुआ था, जबकि कुंभ का क्षेत्र बहुत बड़ा, खुला हुआ और विशाल है.

मुख्यमंत्री ने यहां तक कह दिया था, ‘सबसे महत्वपूर्ण है कि कुंभ गंगा नदी के किनारे है. मां गंगा का आशीर्वाद यहां बह रहा है, इसलिए यहां कोरोना नहीं होना चाहिए.’

मालूम हो कि पिछले साल मार्च में दिल्ली का निजामुद्दीन मरकज कोरोना हॉटस्पॉट बनकर उभरा था. दिल्ली के निजामुद्दीन पश्चिम स्थित तबलीगी जमात के मरकज में 13 मार्च से 15 मार्च तक कई सभाएं हुई थीं, जिनमें सऊदी अरब, इंडोनेशिया, दुबई, उज्बेकिस्तान और मलेशिया समेत अनेक देशों के मुस्लिम धर्म प्रचारकों ने भाग लिया था.

इनके अलावा देशभर के विभिन्न हिस्सों से हजारों की संख्या में भारतीयों ने भी इसमें हिस्सा लिया था, जिनमें से कई कोरोना संक्रमित पाए गए थे. इसे लेकर मुस्लिम समुदाय पर कोरोना फैलाने का आरोप लगाया गया था.

कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान मरकज में आयोजित तबलीगी जमात कार्यक्रम और विदेशियों के ठहरने के संबंध में महामारी रोग अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम, विदेश अधिनियम और दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थीं. हालंकि कई मामलों में अदालत द्वारा हस्तक्षेप के बाद आरोपियों को बरी करते हुए मामले रद्द भी किए गए थे.

बहरहाल तीरथ सिंह रावत भाजपा के अकेले नेता नहीं हैं, जिन्होंने कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच कुंभ मेले की वकालत की है.

उत्तर प्रदेश में भाजपा के एक विधायक न सिर्फ कुंभ मेले में शामिल होने की बात कही, बल्कि यह भी कहा कि वह कोरोना पॉजिटिव भी थे.

भाजपा विधायक सुनील भराला ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा है कि वहां करोड़ों लोग हैं और सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है. उनका कहना है कि वह कुंभ गए थे और अब वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.

जब एंकर ने भारला से पूछा कि अगर एक राज्य जहां खुद मुख्यमंत्री ही कोरोना पॉजिटिव निकल जाएं और कई अन्य राजनेता भी इससे संक्रमित हो तब क्या कुंभ मेले में इस तरह का व्यवहार जारी रखा जा सकता है? जब एंकर ने ऐसे राजनेताओं के नाम गिनाए तो भराला दो बार कहते हैं, ‘मैं खुद कोरोना पॉजिटिव हूं.’

कोविड-19 के कारण एक माह की अवधि के लिए सीमित कर दिए गए महाकुंभ के तीन शाही स्नान- महाशिवरात्रि, सोमवती अमावस्या और बैसाखी हो चुके हैं, जबकि 27 तारीख को रामनवमी के पर्व पर आखिरी शाही स्नान होना है.

देश के अन्य हिस्सों की तरह उत्तराखंड में भी कोरोना वायरस मामलों में लगातार बढ़ोतरी जारी है और रोज रिकॉर्ड नए मरीज सामने आ रहे हैं.

हरिद्वार के विभिन्न अखाड़ों के कई साधु संत भी कोविड-19 की चपेट में आ चुके हैं जिनमें अखाडा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाडे के महंत नरेंद्र गिरि भी शामिल हैं. इतना ही नहीं मध्य प्रदेश से आए निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देव की कोविड-19 के कारण 13 अप्रैल को मृत्यु हो चुकी है.

हरिद्वार महाकुंभ मेला स्वास्थ्य कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पांच अप्रैल से लेकर 14 अप्रैल तक कुंभ मेला क्षेत्र में 68 साधु संतों की जांच रिपोर्ट में उनके महामारी से पीड़ित होने की पुष्टि हो चुकी है.

निरंजनी के आयोजन के समापन की घोषणा से अन्य अखाड़े नाराज, माफी मांगने को कहा

प्रधानमंत्री की अपील से पहले बीते शुक्रवार को निरंजनी अखाड़े द्वारा हरिद्वार महाकुंभ के 17 अप्रैल से समापन की घोषणा किए जाने के बाद अन्य अखाड़े विरोध में उतर आए हैं और इस मसले पर माफी मांगने को कहा है.

निर्वाणी अणि अखाड़ा के अध्यक्ष महंत धर्मदास ने कहा कि कुंभ मेले की समाप्ति की घोषणा का अधिकार केवल मेलाधिकारी या प्रदेश के मुख्यमंत्री को है. उन्होंने कहा कि निरंजनी अखाड़े ने बिना किसी सहमति के ऐसा कहकर समाज में अफरातफरी मचाने का अक्षम्य अपराध किया है और ऐसे में उसके साथ रहना मुश्किल है.

महंत धर्मदास ने कहा कि निरंजनी अखाड़े को अपने ऐसे बयान के लिए पूरे अखाड़ा परिषद के सामने माफी मांगनी चाहिए और तभी उसके साथ आगे बने रहने पर विचार किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि उसका यह फैसला ठीक नहीं है, क्योंकि कुंभ के बारे में कोई भी फैसला सभी 13 अखाड़े मिलकर लेते हैं.

बड़ा उदासीन अखाड़े ने भी साफ किया कि वह जल्द महाकुंभ मेला समाप्त करने के पक्ष में नहीं है. अखाड़े के अध्यक्ष महंत महेश्वर दास ने कहा कि बिना अखाड़ा परिषद की बैठक के महाकुंभ मेला समाप्त करने के बारे में कोई फैसला नहीं किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि कुंभ मेले की व्यवस्था विचार-विमर्श से चलती है, लेकिन निरंजनी अखाड़े ने इस पर अखाड़ों से कोई बात नहीं की. उन्होंने कहा कि कुंभ मेला मुहूर्त से शुरू होता है और मुहूर्त से ही समाप्त होता है. उन्होंने कहा कि परंपरा और मर्यादा के साथ कुंभ मेले को पूरी अवधि तक चलाया जाएगा.

उन्होंने कहा कि जहां तक 27 तारीख को होने वाले शाही स्नान की बात है तो उसे कोविड-19 नियमों के साथ किया जाएगा.

गौरतलब है कि दूसरे सबसे बड़े अखाड़े निरंजनी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि साधु-संत और श्रद्धालु बड़ी संख्या में कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं, जिसे देखते हुए उनकी तरफ से कुंभ मेला समाप्त किया जा रहा है.

अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि निरंजनी अखाड़े के साधु संत 17 अप्रैल को कुंभ क्षेत्र की अपनी छावनियां खाली करके अपने-अपने स्थानों को लौट जाएंगे. उन्होंने कहा कि अखाड़े के जिन संतों को 27 अप्रैल का स्नान करना है, वे बाद में अलग-अलग वापस चले जाएंगे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25