प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक बीमार युवक ने समय पर इलाज न मिलने के चलते इलेक्ट्रॉनिक रिक्शा में उन्हें अस्पताल ले जा रही मां के क़दमों में दम तोड़ दिया. उनका शव वापस ले जाने के लिए भी किसी एंबुलेंस की व्यवस्था न हो पाने के कारण उनकी मां ई-रिक्शा में ही मृत शरीर लेकर जाना पड़ा.
नई दिल्ली: कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्था की खस्ता हालत के कारण देशभर से लगातार दर्दनाक खबरें और तस्वीरें सामने आ रही हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की ऐसी ही एक तस्वीर आम जनता के क्षोभ और गुस्से का कारण बन गई है.
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, वाराणसी में एक बीमार बेटे ने समय पर इलाज न मिल पाने के बाद अपनी मां के कदमों में दम तोड़ दिया. मामले में सामने आई एक तस्वीर में एक इलेक्ट्रिक रिक्शा में बेटे का शव मां के कदमों में पड़ा हुआ नजर आता है.
महादेव का काशी। माँ के पैरों पर बेटे की लाश। इलाज दिया नहीं। शव को सम्मान से ले जाने का वाहन भी नहीं। आसमान गिर पड़ेगा। धरती फट जाएगी। माँ की तकलीफ और उसके दर्द से ईश्वर भी काँप उठा होगा। महादेव बाबा काशी विश्वनाथ महराज जी, अपने भक्तों की पुकार सुनो। इन्हे बचाओ। ये संकट में है। pic.twitter.com/opjDZqhUUO
— Brajesh Misra (@brajeshlive) April 20, 2021
बताया गया कि जौनपुर जिले के मडियांहू निवासी विनय सिंह के भतीजे विनीत सिंह मुंबई में काम करते थे. पिछले साल दिसंबर में विनीत एक शादी समारोह में आए थे और तब से यहीं थे. उस समय उनकी तबीयत खराब होने पर परिवार के लोगों ने जौनपुर में एक डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने किडनी में समस्या बताई.
विनीत के बड़े पिता विनय सिंह ने बताया कि दिसंबर से लगातार पांच बार इलाज के लिए बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) अस्पताल में जाकर लाइन लगाई लेकिन किसी डॉक्टर ने नहीं देखा.
उन्होंने बताया कि बीते सोमवार को तबीयत ज्यादा खराब हुई तो अपनी मां चंद्रकला सिंह के साथ विनीत इलाज के लिए बीएचयू गए थे. जब वहां डॉक्टरों ने कोविड-19 की वजह से नहीं देखा तो ककरमत्ता के एक निजी अस्पताल में ले गए. वहां भी उन्हें भर्ती नहीं किया गया. इसके बाद विनीत ने रिक्शा में ही उनकी मां के कदमों में दम तोड़ दिया। विनीत अपने परिवार के चार भाई व एक बहन में तीसरे नंबर पर थे.
तेज टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, विनीत की मौत के बाद शव वापस ले जाने के लिए भी कोई एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं हो पाई जिसके कारण उनकी मां को ई-रिक्शे में ही उनका मृत शरीर लेकर जाना पड़ा.
Ye halat hai varanasi ki jaha se ye admi chun k pm bana hai, aur tum saalo prachaar kar rahe ho…bhagg jao yaha se pic.twitter.com/gAnUk3PTXa
— बाबा_बलिया_वाले (@baba_yaga331) April 20, 2021
सोशल मीडिया पर इस घटना की तस्वीर को साझा करते हुए लोग प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था के हाल पर चिंता जता रहे हैं.
उनका कहना है कि ऐसे मुश्किल समय में उन्हें चुनाव प्रचार के बजाय क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुधारने पर जोर देना चाहिए. लोगों ने राज्य की योगी सरकार पर भी निशाना साधा है.
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच पूरे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा चुकी है. यूपी में संक्रमण के मामलों में वाराणसी दूसरे स्थान पर है. पहले स्थान पर राजधानी लखनऊ है.
सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में वाराणसी के लोग कोरोना मरीजों के लिए बेड, दवाई, इंजेक्शन, ऑक्सीजन आदि की मदद मांगते देखे जा रहे हैं.
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते एक दिन में वाराणसी में कोविड संक्रमण के 2,600 से अधिक मामले सामने आए हैं और वर्तमान में 16,152 एक्टिव केस हैं. अब तक यहां 525 लोग इस संक्रमण के चलते जान गंवा चुके हैं.
सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जिन जिलों में लॉकडाउन लगाने का निर्देश दिया था, उनमें वाराणसी का भी नाम था. हालांकि योगी सरकार ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है.