असम: कोविड-19 जांच से बचने के लिए सिलचर हवाईअड्डे से भागे 300 से अधिक यात्री

​जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि हमारे पास उन लोगों का ब्योरा है और हम उनका पता लगाएंगे. हम आईपीसी और अन्य संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक कार्रवाई शुरू करेंगे. अधिकारी ने बताया कि बुधवार को छह विमानों से उतरे 690 यात्रियों में से 189 की जांच की गई, जिनमें से छह संक्रमित पाए गए थे.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि हमारे पास उन लोगों का ब्योरा है और हम उनका पता लगाएंगे. हम आईपीसी और अन्य संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक कार्रवाई शुरू करेंगे. अधिकारी ने बताया कि बुधवार को छह विमानों से उतरे 690 यात्रियों में से 189 की जांच की गई, जिनमें से छह संक्रमित पाए गए थे.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

सिलचर: अनिवार्य कोविड-19 जांच से बचने के लिए बुधवार को असम के सिलचर (कछार जिला मुख्यालय) हवाईअड्डे पर 300 से अधिक यात्रियों ने हंगामा किया और वहां से भाग गए.

अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी और कहा कि इन लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की जाएगी.

कछार जिले के अतिरिक्त उपायुक्त (स्वास्थ्य) सुमित सत्तवान ने बताया कि बुधवार को छह विमानों से देश के विभिन्न हिस्सों से कुल 690 यात्री सिलचर हवाईअड्डे पर पहुंचे थे.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 जांच के लिए हवाईअड्डे पर तथा पास में स्थित तिकोल मॉडल अस्पताल में इन यात्रियों के नमूने लिए जाने थे.

अधिकारी ने कहा, ‘जांच शुल्क के लिए 500 रुपये के भुगतान को लेकर लगभग 300 यात्रियों ने इन दोनों स्थानों पर हंगामा किया.’

असम सरकार ने राज्य में हवाई मार्ग से पहुंचने वाले सभी यात्रियों के लिए कोविड-19 जांच अनिवार्य कर दी है, जिसके तहत रैपिड एंटीजन जांच नि:शुल्क की जाती है और फिर आरटी-पीसीआर जांच की जाती है, जिसके लिए 500 रुपये का भुगतान करना होता है.

रैपिड एंटीजन जांच में संक्रमणमुक्त पाए जाने वाले यात्रियों को भी आरटी-पीसीआर जांच से गुजरना होता है.

यह उल्लेख करते हुए कि यात्रियों ने नियमों का उल्लंघन किया, अधिकारी ने कहा, ‘हमारे पास उन लोगों का ब्योरा है और हम उनका पता लगाएंगे. हम आईपीसी की धारा 188 (लोकसेवक द्वारा लागू आदेश की अवज्ञा करना) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक कार्रवाई शुरू करेंगे.’

अधिकारी ने बताया कि 690 यात्रियों में से 189 की जांच की गई, जिनमें से छह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए. कई यात्रियों को जांच से छूट दी गई, क्योंकि उनका गंतव्य असम की जगह मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा जैसे पड़ोसी राज्यों का था.

सत्तवान ने बताया, ‘ये 300 यात्री कैसे भाग निकले और अन्य जानकारियों के बारे में हम जांच कर रहे हैं कि वास्तव में क्या हुआ था.’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य अधिकारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया, ‘यात्री कोविड टेस्ट नहीं कराना चाह रहे थे, इसलिए वे सहयोग नहीं कर रहे थे. वे सचमुच केंद्र से भाग गए.’

इस बीच कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने मंगलवार को राज्य के सभी बाजार, दुकान और रेस्टोरेंट शाम छह बजे तब बंद कर देने के आदेश दिए हैं.

असम सरकार ने बुधवार रात घोषणा की थी कि बाहर से आ रहे सभी यात्रियों को आवश्यक रूप से सात दिन के होम क्वारंटीन में रहना होगा.

राज्य में संक्रमण के अब तक 229,138 मामले सामने आ चुके हैं और 1,150 लोगों की मौत हुई है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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