केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि भले ही वे केंद्रीय मंत्री हैं, लेकिन वे ऐसा ही करेंगे. अपने इस क़दम को सही ठहराने के लिए उन्होंने महात्मा गांधी का हवाला देते हुए कहा कि वे ‘असहयोग सिद्धांतों’ पर चल रहे हैं. केरल भाजपा ने पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद हुई कवरेज को लेकर मलयालम समाचार चैनल एशियानेट का बहिष्कार करने की घोषणा की थी.
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन ने बीते बुधवार को अपने आधिकारिक प्रेस वार्ता में एशियानेट न्यूज चैनल के पत्रकारों को शामिल करने से इनकार कर दिया.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा की कवरेज को लेकर केरल भाजपा ने मलयालम भाषा के इस चैनल का बहिष्कार करने का फैसला लिया है और उस पार्टी का नेता होने के नाते वे भी ऐसा ही करेंगे.
मुरलीधरन ने कहा, ‘चाहे आधिकारिक या गैर आधिकारिक (प्रेस वार्ता) हो, मैं भाजपा का नेता हूं. मैं एक ऐसे मीडिया ग्रुप को आमंत्रित नहीं करूंगा, जिसका केरल भाजपा ने बहिष्कार किया है. मैं भले ही केंद्रीय मंत्री हूं, लेकिन मैं ऐसा करूंगा.’
हाल ही में इजराइल में रॉकेट हमले में जान गंवाने वाली केरल की 30 वर्षीय महिला और कोरोना स्थिति के विषय पर वी. मुरलीधरन ने प्रेस वार्ता बुलाई थी.
जब कुछ पत्रकारों ने उनसे पूछा कि वे ऐसा कैसे कर सकते हैं, जबकि वे आधिकारिक पद पर हैं, उन्होंने कहा, ‘सबको ये पता होना चाहिए भाजपा वो पार्टी है जो इस देश में शासन कर रही है. हर एक पार्टी को ये आजादी है कि वे राष्ट्र विरोधी लोगों के खिलाफ अपना स्टैंड ले.’
जब कुछ पत्रकारों ने इस पर आपत्ति जताई तो उन्होंने कहा कि वे महात्मा गांधी के ‘असहयोग सिद्धांतों’ पर चल रहे हैं. इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने एशियानेट न्यूज के पत्रकारों को अपने आधिकारिक वॉट्सऐप ग्रुप से भी निकाल दिया था.
रिपोर्ट के अनुसार, एशियानेट न्यूज एडिटर एमजी राधाकृष्णनन ने कहा है कि चैनल को आधिकारिक तौर पर इसके बारे में नहीं बताया गया था. उन्होंने कहा कि भाजपा ने केरल में एक बयान जारी कर कहा है, वे चैनल का बहिष्कार करेंगे.
पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के बाद चैनल की एक रिपोर्टर पीआर प्रवीना ने एक भाजपा समर्थिक कॉलर पर व्यंगात्मक टिप्पणी की थी, जो कि सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया था. इसी के बाद से भाजपा ने चैनल को निशाने पर ले लिया.