आंध्र प्रदेश: समाचार चैनलों ने अपने ख़िलाफ़ दर्ज राजद्रोह का केस रद्द करने की गुहार लगाई

राजद्रोह के मामले में गिरफ़्तार आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के असंतुष्ट सांसद के. रघु राम कृष्ण राजू के बयान को प्रसारित करने के संबंध में राज्य के टीवी5 और एबीएन आंध्रा ज्योति समाचार चैनलों पर मामला दर्ज किया गया है. बीते अप्रैल में राजू ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई अदालत द्वारा पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी को दी गई जमानत खारिज करने की मांग की थी.

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New Delhi: A view of the Supreme Court of India in New Delhi, Monday, Nov 12, 2018. (PTI Photo/ Manvender Vashist) (PTI11_12_2018_000066B)
(फोटो: पीटीआई)

राजद्रोह के मामले में गिरफ़्तार आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के असंतुष्ट सांसद के. रघु राम कृष्ण राजू के बयान को प्रसारित करने के संबंध में राज्य के टीवी5 और एबीएन आंध्रा ज्योति समाचार चैनलों पर मामला दर्ज किया गया है. बीते अप्रैल में राजू ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई अदालत द्वारा पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी को दी गई जमानत खारिज करने की मांग की थी.

New Delhi: A view of the Supreme Court of India in New Delhi, Monday, Nov 12, 2018. (PTI Photo/ Manvender Vashist) (PTI11_12_2018_000066B)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश में अपने खिलाफ राजद्रोह के एक मामले में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए दो मीडिया संस्थानों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

उन्होंने ने दावा किया है कि यह राज्य में समाचार चैनलों को डराने की एक कोशिश है ताकि वे सरकार की आलोचना करने वाली किसी भी सामग्री का प्रसारण करने से डरें.

टीवी5 समाचार चैनल के स्वामित्व वाले श्रेया ब्रॉडकास्टिंग प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि राज्य की जगनमोहन रेड्डी सरकार एक ‘फर्जी प्राथमिकी’ दर्ज कर अपने आलोचकों और मीडिया को चुप कराना चाहती है और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रही है.

चैनल के ब्यूरो हैदराबाद, विशाखापत्तनम तथा विजयवाड़ा में हैं. टीवी5 के अलावा याचिकाकर्ता में एबीएन आंध्रा ज्योति चैनल भी शामिल है.

टीवी चैनलों के खिलाफ प्राथमिकी के तार सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के असंतुष्ट सांसद के. रघु राम कृष्ण राजू के खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मामले से जुड़े हैं, जिन्हें आंध्र प्रदेश पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. इन चैनलों ने सांसद के कथित ‘आपत्तिजनक भाषणों’ को प्रसारित किया था.

चैनल ने अपनी याचिका में कहा कि उसके खिलाफ राजू से संबंधित कार्यक्रमों का प्रसारण करने पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, जो अपनी ही पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की आलोचना कर रहे हैं.

बार एंड बेंच के मुताबिक, टीवी5 ने कहा कि उनके खिलाफ एफआईआर ये कहते हुए दायर की गई है कि राजू को सुनियोजित तरीके से चैनल पर स्लॉट दिए गए थे, लेकिन इसे आपराधिक कृत्य नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि आमतौर पर नेताओं को एक विशेष समय पर ही बुलाया जाता है.

चैनल ने न्यायालय से मांग की है कि इस मामले में जांच पर रोक लगाई जाए और एक आदेश जारी कर पुलिस को याचिकाकर्ता कंपनी, न्यूज चैनल या कर्मचारियों पर कोई भी कार्रवाई करने से रोका जाए.

उन्होंने कहा कि इस तरह की एफआईआर न सिर्फ बोलने एवं अभिव्यक्ति का आजादी का उल्लंघन है, बल्कि यह राज्य में मीडिया की स्थिति को भी दर्शाता है.

वहीं एबीएन आंध्रा ज्योति ने कहा है कि जब से राज्य में वाईएस जगनमोहन रेड्डी की सरकार आई है, तब से न्यूज चैनल सरकार के निशाने पर हैं, जिसके चलते आंध्र प्रदेश में चैनल का प्रसार कम हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि जबकि दूरसंचार विवाद निपटारा एवं अपीलीय न्यायाधिकरण (टीडीएसएटी) ने इस संबंध में आदेश भी जारी किया है, लेकिन अभी भी चैनल सीमित दायरे में ही प्रसारित हो पा रहा है.

राजू को पिछले हफ्ते शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया था और कथित तौर पर पुलिस द्वारा हिरासत में उन्हें प्रताड़ित भी किया गया है.

27 अप्रैल को राजू ने 2012 के आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई अदालत द्वारा पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी को दी गई जमानत खारिज करने की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ने जमानत प्रावधानों का उल्लंघन किया है.

इसे लेकर विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म पर राजू द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर उनके प्राथमिकी दर्ज की गई थी. आंध्र पुलिस ने उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124A (देशद्रोह), 153A (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 505 के तहत आरोप लगाए हैं.

वाईएसआर कांग्रेस सांसद राजू ने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. राज्य के हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)