कोविड-19 रोधी टीके की कमी की वजह से असम में आधी क्षमता से हो रहा है टीकाकरण: मुख्यमंत्री

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने लोगों से टीकाकरण में राज्य सरकार का साथ देने और मुख्यमंत्री राहत कोष या असम आरोग्य निधि में पैसा दान करने की अपील की. हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में वित्तीय संकट में नहीं है और उसके पास अपनी आबादी के टीकाकरण के लिए पर्याप्त बजट है.

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असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा. (फोटो: पीटीआई)

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने लोगों से टीकाकरण में राज्य सरकार का साथ देने और मुख्यमंत्री राहत कोष या असम आरोग्य निधि में पैसा दान करने की अपील की. हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में वित्तीय संकट में नहीं है और उसके पास अपनी आबादी के टीकाकरण के लिए पर्याप्त बजट है.

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (फोटो: पीटीआई)
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (फोटो: पीटीआई)

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में टीकों की कमी के कारण प्रतिदिन 50,000 लोगों को ही कोरोना वायरस रोधी टीका लगाया जा रहा है, जो इसके टीकाकरण क्षमता का आधा है.

सरमा ने कहा कि सरकार उम्मीद कर रही है कि अगले महीने से टीके की उपलब्धता सुधरेगी और जुलाई-अगस्त तक इसका पर्याप्त भंडार होगा.

उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘असम में हमने अब तक लगभग 35 लाख लोगों को टीका लगाया है. हमारे पास प्रतिदिन एक लाख लोगों को टीका लगाने की क्षमता है, लेकिन हम केवल टीकों की कमी के कारण प्रतिदिन लगभग 50,000 टीका लगा रहे हैं.’

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन दिनों में राज्य में टीका लेने वालों की संख्या में धीरे-धीरे कमी आ रही है. मंगलवार और सोमवार को क्रमश: 60,772 और 69,071 व्यक्तियों की तुलना में बुधवार को केवल 38,235 लोगों को ही टीका लगाया गया.

सरमा ने कहा, ‘हालांकि हमें उम्मीद है कि भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के कारण अगले महीने से स्थिति में सुधार होगा. जायडस टीका प्रक्रिया में है और स्पुतनिक वी पहले ही आ चुका है. इसलिए, मुझे उम्मीद है कि जुलाई-अगस्त तक हमारे पास पर्याप्त टीके होंगे.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरा देश टीके की कमी से जूझ रहा है.

उन्होंने कहा, ‘हमें 45 साल और उससे अधिक की श्रेणी के लिए प्रति माह 5-7 लाख टीके मिल रहे हैं. अन्य 5-6 लाख टीके 18-44 साल की श्रेणी के लिए मासिक प्राप्त होते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘मैं यह दावा नहीं करूंगा कि स्थिति में बहुत सुधार हुआ है, लेकिन हम पिछले तीन दिनों में आशा की एक किरण देख रहे हैं, क्योंकि संक्रमण की दर में गिरावट आई है और यह करीब छह प्रतिशत पर पहुंच गया है.’

सरमा ने हालांकि कहा कि अब ब्लैक फंगस का मुद्दा उत्पन्न हो गया और सरकार उस मोर्चे पर भी काम कर रही है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बुधवार को गुवाहाटी के एक निजी अस्पताल में काले ब्लैक फंगस से एक कोविड -19 मरीज की मौत हो गई, असम में इस तरह का यह पहला मामला है.

सरमा ने कहा, ‘हमारे स्वास्थ्य मंत्री केशब महंत कल एक प्रेस वार्ता को संबोधित करेंगे और वह इसे (ब्लैक फंगस) को महामारी में शामिल करने के तौर-तरीकों की घोषणा करेंगे.’

सरमा ने कहा कि मार्च-अप्रैल में वैक्सीन की खुराक बर्बाद हो गई थी, जब बहुत कम लोग टीका लगवाने के लिए आ रहे थे, लेकिन अब शायद कोई बर्बादी नहीं हो रही है.

उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां टीके की बर्बादी 9 प्रतिशत थी, जो घटकर 6 प्रतिशत हो गई है. जैसे-जैसे हमारी मात्रा बढ़ेगी, बर्बादी कम होगी.’

राज्य की टीकाकरण योजना पर मुख्यमंत्री ने कहा कि असम में लगभग तीन करोड़ लोग टीकाकरण के पात्र हैं और उनमें से लगभग एक करोड़ 45 वर्ष और उससे अधिक उम्र के हैं, जिन्हें केंद्र सरकार से टीका मिलेगा.

उन्होंने कहा, ‘हमारे पास 18-44 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 1.2 करोड़ लोग हैं, जिनका टीकाकरण असम सरकार करेगी. 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों के लिए हम अभी नहीं जानते हैं कि उन्हें कौन टीका लगाएगा.’

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को 1.2 करोड़ लोगों को मुफ्त टीकाकरण प्रदान करने के लिए 600-800 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी.

उन्होंने लोगों से टीकाकरण में राज्य सरकार का साथ देने और मुख्यमंत्री राहत कोष या असम आरोग्य निधि में पैसा दान करने की अपील की. हालांकि, सरमा ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में वित्तीय संकट में नहीं है और उसके पास अपनी आबादी के टीकाकरण के लिए पर्याप्त बजट है.

सरमा ने कहा कि निम्न प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों, कॉलेज के शिक्षकों और कृषि विश्वविद्यालय ने इस उद्देश्य के लिए एक दिन का वेतन दान करने का फैसला किया है और यह सारा पैसा असम आरोग्य निधि खाते में जमा किया जाएगा.

असम में समग्र कोविड-19 स्थिति पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम इसे नियंत्रित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं और महामारी के खिलाफ एकजुट लड़ाई चल रही है.’

मालूम हो कि गुरुवार तक असम में कोरोना वायरस मामलों की कुल संख्या 347,001 थी और अब तक इस बीमारी से 2,433 लोगों की मौत हो चुकी है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)