यूपी-बिहार की क़ानून-व्यवस्था पर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले क्लर्क को निलंबित किया गया

मामला गाज़ियाबाद का है, जहां राजस्व विभाग के एक लिपिक ने वॉट्सऐप स्टेटस पर उत्तर प्रदेश और बिहार में ‘जंगल राज’ होने का आरोप लगाते हुए लिखा था कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पूर्ववर्ती केआर नारायणन की तरह ठोस फैसले क्यों नहीं ले रहे हैं. ज़िला प्रशासन ने उनके ख़िलाफ़ विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

मामला गाज़ियाबाद का है, जहां राजस्व विभाग के एक लिपिक ने वॉट्सऐप स्टेटस पर उत्तर प्रदेश और बिहार में ‘जंगल राज’ होने का आरोप लगाते हुए लिखा था कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पूर्ववर्ती केआर नारायणन की तरह ठोस फैसले क्यों नहीं ले रहे हैं. ज़िला प्रशासन ने उनके ख़िलाफ़ विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

गाजियाबाद: वॉट्सऐप स्टेटस डालकर उत्तर प्रदेश और बिहार में खराब कानून व्यवस्था के बावजूद वहां से राज्यपालों से रिपोर्ट न मांगने को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से सवाल करके, सेवा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में राजस्व विभाग के एक लिपिक को निलंबित कर दिया गया है.

दोनों प्रदेशों में ‘जंगल राज’ होने का आरोप लगाते हुए लिपिक बिजेंद्र सिंह ने सवाल किया कि राष्ट्रपति कोविंद अपने पूर्ववर्ती केआर नारायणन की तरह ठोस फैसले क्यों नहीं ले रहे हैं, जबकि दोनों ही दलित हैं.

कर्मचारी ने सवाल किया कि राष्ट्रपति कोविंद कानून-व्यवस्था को लेकर राज्यपालों से रिपोर्ट क्यों नहीं मांग रहे हैं.

कर्मचारी के इस व्यवहार पर टिप्पणी करते हुए जिला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडेय ने कहा कि उपजिलाधिकारी देवेंद्र पाल सिंह द्वारा की गई जांच के आधार पर राजस्व विभाग के लिपिक को निलंबित कर दिया गया है.

जिलाधिकारी ने बताया कि यह उत्तर प्रदेश कर्मचारी सेवा नियम, 1956 का स्पष्ट उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि लिपिक के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पांडेय ने कहा कि सिंह को गाजियाबाद में भूमि अभिलेख कार्यालय से जोड़ा गया है और निलंबन अवधि के दौरान उन्हें केवल आधा वेतन मिलेगा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)