यूपी: मांस विक्रेता को कथित गोरक्षकों ने पीटा, पुलिस ने पीड़ित पर दर्ज की एफआईआर

मामला मुरादाबाद का है, जहां मांस ले जा रहे एक मीट विक्रेता को गोरक्षा वाहिनी के पदाधिकारी की अगुवाई वाले समूह ने रोककर मारपीट की और गो-तस्कर बताते हुए पुलिस को सौंप दिया. बाद में विक्रेता को छोड़ते हुए हमलावरों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया. घटना के बाद भारतीय गोरक्षा वाहिनी ने दावा किया है कि आरोपी उनसे संबद्ध नहीं हैं.

/
शाकिर को पीटते हमलावर. (साभार: वीडियोग्रैब/सोशल मीडिया)

मामला मुरादाबाद का है, जहां मांस ले जा रहे एक मीट विक्रेता को गोरक्षा वाहिनी के पदाधिकारी की अगुवाई वाले समूह ने रोककर मारपीट की और गो-तस्कर बताते हुए पुलिस को सौंप दिया. बाद में विक्रेता को छोड़ते हुए हमलावरों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया. घटना के बाद भारतीय गोरक्षा वाहिनी ने दावा किया है कि आरोपी उनसे संबद्ध नहीं हैं.

शाकिर को पीटते हमलावर. (साभार: वीडियोग्रैब/सोशल मीडिया)
शाकिर को पीटते हमलावर. (साभार: वीडियोग्रैब/सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में रविवार को एक कथित गोरक्षक की अगुवाई में कुछ लोगों द्वारा मुस्लिम मांस विक्रेता को पीटने का मामला सामने आया है.

एनडीटीवी के अनुसार, पीड़ित मोहम्मद शाकिर के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने इस समूह के खिलाफ मामला दर्ज किया है, लेकिन एक अन्य एफआईआर जो पुलिस ने खुद दायर की है, उसमें शाकिर का नाम बतौर आरोपी दर्ज किया गया है.

दैनिक जागरण की खबर के अनुसार, रविवार को शाकिर को गोरक्षा वाहिनी के पदाधिकारियों ने बुरी तरह पीटने के बाद उन्हें गो-तस्कर बताते हुए पुलिस के हवाले कर दिया था, जहां पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए हिरासत में ले लिया था.

बाद में शाकिर को छोड़ दिया गया और उनके परिजनों के अनुसार वे अब घर पर हैं. अख़बार के अनुसार, कटघर के के रहने मनोज सिंह गोरक्षा वाहिनी के उपाध्यक्ष हैं और बीते कुछ समय से मांस विक्रेताओं के खिलाफ अभियान चला रहे हैं.

रविवार को उन्होंने कटघर थाना क्षेत्र के गोट गांव में नरखेड़ा निवासी शाकिर को अपने साथियों के साथ पकड़कर गोमांस की तस्करी का आरोप लगाते हुए लाठी से पीटा और पुलिस को बुलाकर शाकिर को उसे सौंप दिया.

शाकिर के परिजनों की शिकायत पर दर्ज हुई एफआईआर में ठाकुर के साथ पांच अन्य लोग- प्रदीप, बाबू, गुलशन उर्फ गुल्ली, सुमित और विजय के साथ कुछ अज्ञात लोगों के नाम हैं. एनडीटीवी के अनुसार इनमें से चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि बाकी फरार हैं.

उधर शाकिर के पास से जब्त किए गए मांस की प्रारंभिक जांच में यह भैंस का मीट बताया गया है. कटघर थाना प्रभारी गजेंद्र सिंह ने बताया कि शाकिर के पास से मिला 50 किलो मीट भैंस का है. मुरादाबाद में बिना लाइसेंस इतनी मात्रा में मांस नहीं ले जाया सकता. इसी कानून का उल्लंघन करने के मामले में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है, जहां लोगों का यह समूह स्कूटर पर भैंस का मांस ले जा रहे शाकिर को रोकता है और उनसे पचास हजार रुपये मांगता है. ठाकुर और अन्य लोग शाकिर को घेरे दिखते हैं और जब वह जमीन पर गिरता है तब उसे लाठियों से मारते हैं.

ठाकुर ने स्थानीय मीडिया को दिए बयान में कहा कि वे शाकिर को रोकने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उन्होंने अपनी गाड़ी से उन्हें टक्कर मार दी. उन्होंने कहा, ‘किसी को दो लाठी मारना अपराध है, लेकिन किसी को जान से मारने की कोशिश करना नहीं है? मैं गोहत्या रोकने का प्रयास कर रहा हूं लेकिन पुलिस मुझे धमका रही है. प्रशासन मुझे पुलिस टीम दे… मैं इस रैकेट का भंडाफोड़ करूंगा.’

उधर इस प्रकरण के सामने के बाद भारतीय गोरक्षा वाहिनी ने दावा किया है कि ठाकुर अब उनसे संबद्ध नहीं हैं और उन्हें छह महीने पहले ही संगठन से हटा दिया गया था.

वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश सिंह परिहार ने द क्विंट को बताया, ‘मनोज ठाकुर को गलत गतिविधियों में संलिप्तता के चलते छह महीने पहले संगठन से निकाल दिया गया था. लोगों में उन पर वसूली करने के कई आरोप लगाए थे. मुरादाबाद के हमारे स्थानीय प्रतिनिधियों ने भी हमें इस बारे में बताया था. लगता है अब हमें  दूर करने के लिए उनके संगठन से अलग होने की एक अलग प्रेस विज्ञप्ति जारी करनी होगी. हमने उन्हें समझाया लेकिन वे नहीं सुनते.’

दैनिक जागरण के मुताबिक, मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं. अख़बार के अनुसार, बीते कुछ दिनों से गोरक्षा वाहिनी के लोगों के खिलाफ लगातार अवैध धन वसूली की शिकायतें आ रहीं थीं.

मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने ठाकुर और उनके साथियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा, ‘मैंने सुना है कि उसने फैक्ट्री से मीट खरीदा था और उसके पास रसीद भी थी. फिर भी उस पर हमला किया गया. गोहत्या के नाम पर इस तरह की नफरत पर रोक लगनी चाहिए. ऊपरवाले का शुक्र है कि इस व्यक्ति की जान नहीं गई.’