आदेश में कहा गया है कि ज़िला प्रशासन परोपकार के कामों का स्वागत करता है. हालांकि दान या नकद के रूप में इस तरह के कार्यों में अक्सर लाउडस्पीकर, सार्वजनिक सभा, घर-घर का दौरा किया जाता है. साथ ही सोशल मीडिया कवरेज के लिए दानदाताओं के नाम के साथ विशेष रूप से बनाए गए राहत किट/पैकेट का उपयोग होता है. यह दान से जुड़े उद्देश्य और पवित्रता को कमज़ोर करती है.
इम्फाल: मणिपुर की राजधानी इम्फाल के दो जिलों में से एक इम्फाल पश्चिम जिले ने चैरिटी के नाम पर गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और अन्य लोगों के द्वारा किए जाने वाले सभी प्रकार के कोविड राहत पर प्रतिबंध लगा दिया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि आम जनता के हित में प्रतिबंध आवश्यक था.
आदेश में कहा गया है कि ज़िला प्रशासन परोपकार के कामों का स्वागत करता है. हालांकि दान या नकद के रूप में इस तरह के कार्यों में अक्सर लाउडस्पीकर, सार्वजनिक सभा, घर-घर का दौरा किया जाता है. साथ ही सोशल मीडिया कवरेज के लिए दानदाताओं के नाम के साथ विशेष रूप से बनाए गए राहत किट/पैकेट का उपयोग होता है.
जिला प्रशासन ने कहा कि उसे लगता कि चैरिटी के नाम पर प्रचार पाने के लिए मीडिया या सोशल मीडिया आउटलेट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है. विशेष रूप से निर्मित किटों के उपयोग के माध्यम से फोटोग्राफी या वीडियो कवरेज के लिए दूसरों के बीच सार्वजनिक सभा अत्यधिक गैरजरूरी है, क्योंकि यह दान से जुड़े उद्देश्य और पवित्रता को कमजोर करती है.
इसमें कहा गया है कि आम जनता के हित में इस तरह की अवांछनीय और उभरती प्रवृत्तियों पर तुरंत अंकुश लगाना और रोकना अनिवार्य हो गया है.
इसलिए यह आदेश दिया जाता है कि महामारी के दौरान राहत पैकेटों पर लोगों का इस्तेमाल सहित संगठनों और व्यक्तियों द्वारा चैरिटी के नाम पर घर घर जाने जैसे गैरजरूरी चलन को तुरंत रोका जाए.
इसके अलावा जिला प्रशासन ने चेतावनी दी कि आदेश का उल्लंघन करने वालों को कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत दंडित किया जाएगा.
बता दें कि मंगलवार को मणिपुर में एक दिन में सबसे अधिक 824 कोविड-19 मामले देखने को मिले, जिसके साथ ही राज्य में कुल कोविड पॉजिटिव लोगों की संख्या बढ़कर 45,451 पहुंच गई. वहीं, मंगलवार को राज्य में कोविड-19 के कारण 15 मौतें हुईं, जिसके साथ ही कुल संख्या 720 पहुंच गई.