बीते चार मई को स्थानीय व्यापारी के साथ संबंध की अफ़वाहों को लेकर ग्रामीणों द्वारा अपमानित और मारपीट के बाद एक महिला ने आत्महत्या कर ली थी. इसके क़रीब दो सप्ताह बाद अवसाद से जूझ रहे उनके पति ने भी आत्महत्या कर ली. हाईकोर्ट ने एसआईटी का गठन करते हुए दोनों मामलों की जांच रिपोर्ट देने को कहा है.
अगरतला: त्रिपुरा हाईकोर्ट ने शनिवार को दक्षिण जिले के एक गांव में एक महिला की आत्महत्या के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) को जांच का आदेश दिया, जिसने सार्वजनिक अपमान के बाद कथित तौर पर ख़ुदकुशी कर ली थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एक तीन सदस्यीय एसआईटी के लिए केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान के कमांडेंट लकी चौहान, बेलोनिया उपमंडल पुलिस अधिकारी सौम्या देबबर्मा और त्रिपुरा मानवाधिकार आयोग की प्रभारी बबीता भट्टाचार्जी को चुना गया है. एसआईटी को 25 जून को अपनी रिपोर्ट देनी है.
हाल ही में एक सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी और जस्टिस सुभाषिश तलापात्रा की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने दक्षिण जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. कुलवंत सिंह की निगरानी में एक जांच अधिकारी के आंशिक रूप से जांच करने के बावजूद एक एसआईटी गठित करने का आदेश दिया था.
अदालत के आदेश में कहा गया, इन परिस्थितियों में चल रही जांच और आरोपी के बचाव को भी प्रभावित न करने के लिए, हम पूरी जांच एसआईटी को सौंपने के अपने विस्तृत कारण नहीं बताते हैं. इसलिए एसआईटी का गठन किया गया है.
हाईकोर्ट ने राज्य प्रशासन को जांच के दौरान एसआईटी को सुविधाएं और सहयोग मुहैया कराने को भी कहा.
गौरतलब है कि एक स्थानीय व्यापारी के साथ कथित विवाहेतर संबंध के लिए ग्रामीणों द्वारा अपमानित और मारपीट के बाद 4 मई को महिला ने आत्महत्या कर ली. घटना को लेकर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306, 323, 354 और 120 (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
महिला की मृत्यु के लगभग दो सप्ताह बाद उनके पति की भी अवसाद के कारण आत्महत्या करने से मौत हो गई. कोर्ट ने इस मामले को भी जांच में शामिल करने का आदेश दिया है.