महाराष्ट्र: पुणे ज़िले में रासायनिक संयंत्र में आग लगने से 18 कर्मचारियों की मौत

पुणे ज़िले के एक औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एसवीएस एक्वा टेक्नोलॉजीज के संयंत्र में सोमवार दोपहर को आग लग गई थी, जिसमें क्लोरीन डायऑक्साइड का उत्पादन होता है. जिस समय वहां आग लगी प्लांट में और उसके आसपास कुल 37 लोग काम कर रहे थे. मृतकों में 15 महिलाएं हैं.

पुणे के घोटवाडे फाटा में स्थित संयत्र में आग लगने से कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई. (फोटो: पीटीआई)

पुणे ज़िले के एक औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एसवीएस एक्वा टेक्नोलॉजीज के संयंत्र में सोमवार दोपहर को आग लग गई थी, जिसमें क्लोरीन डायऑक्साइड का उत्पादन होता है. जिस समय वहां आग लगी प्लांट में और उसके आसपास कुल 37 लोग काम कर रहे थे. मृतकों में 15 महिलाएं हैं.

पुणे के घोटवाडे फाटा में स्थित संयत्र में आग लगने से कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई. (फोटो: पीटीआई)
पुणे के घोटवाडे फाटा में स्थित संयत्र में आग लगने से कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई. (फोटो: पीटीआई)

पुणे: महाराष्ट्र के पुणे जिले के एक औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक रासायनिक संयंत्र में सोमवार दोपहर को भीषण आग लगने से कम से कम 18 कर्मचारियों की मौत हो गई और पांच अन्य लोग लापता हो गए. मृतकों में 15 महिलाएं हैं. अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

अधिकारियों ने बताया कि आग एसवीएस एक्वा टेक्नोलॉजीज के संयंत्र में लगी, जिसमें क्लोरीन डायऑक्साइड का उत्पादन होता है. यह संयंत्र पुणे शहर के पास मुलशी तहसील के पिरांगट औद्योगिक क्षेत्र में स्थित है.

मुलशी संभाग के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट संदेश शिरके ने कहा, ‘18 शव बरामद किए गए हैं. अंधेरे और आग लगने से पैदा हुई गर्मी के कारण हमने तलाशी अभियान बंद कर दिया है.’

पीएमआरडीए (पुणे महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण) के मुख्य अग्निशमन अधिकारी देवेंद्र पोटफोडे ने कहा कि संयंत्र में लगी आग पर काबू के लिए छह से सात दमकल वाहन भेजे गए और आग पर काबू पा लिया गया है तथा लापता कर्मचारियों की तलाश की जा रही है.

आग लगने के कारण के बारे में पूछे जाने पर पोटफोडे ने कहा कि कंपनी के अधिकारियों के अनुसार परिसर में प्लास्टिक सामग्री की पैकिंग किए जाने के क्रम में आग लगी.

उन्होंने कहा कि पैकेजिंग हिस्से में कुछ चिंगारी के कारण आग लगी और चारों ओर प्लास्टिक होने के कारण यह तेजी से फैल गई.

पोटफोडे ने बताया कि मृतकों में 15 महिलाएं शामिल हैं, जो वहां पैकिंग का काम कर रही थीं.

पुणे जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिनव देशमुख ने कहा कि संयंत्र में जल शोधन के लिए क्लोरीन डाइऑक्साइड का उत्पादन होता है.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, जिस समय वहां आग लगी उस समय प्लांट में और उसके आसपास कुल 37 लोग काम कर रहे थे.

अधिकारियों ने बताया कि आग लगने के बाद अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए दमकलकर्मियों को एसवीएस एक्वा टेक्नोलॉजीज प्लांट के दोनों छोर पर दीवारों को तोड़ने के लिए अर्थ मूवर्स और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल करना पड़ा, लेकिन आग की तीव्रता बढ़ती गई, बचाव की कोशिशें बेकार रहीं.

एक अधिकारी ने बताया कि शव बुरी तरह जल चुके थे, पहचानने योग्य नहीं थे. उनका पहचान करने और पोस्टमॉर्टम के लिए शवों को सैसून सरकारी अस्पताल भेजे गए. मरने वालों में ज्यादातर मुलशी तालुका के रहने वाले थे.

 

दमकल की आठ गाड़ियों और 50 दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाया. दमकल अधिकारियों ने कहा कि शव कई समूहों में पाए गए थे. शायद पीड़ित एक साथ रहने की कोशिश में एक-दूसरे से चिपके हुए थे.

इसी बीच, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि राज्य सरकार पीड़ितों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये देगी.

पुणे के जिला कलेक्टर राजेश देशमुख ने जांच के आदेश दिए हैं.

पुणे के ग्रामीण एसपी अभिनव देशमुख ने कहा, ‘हम आगे की कार्रवाई से पहले जांच पैनल की प्रारंभिक रिपोर्ट का इंतजार करेंगे. फिलहाल आकस्मिक हादसा का मामला दर्ज किया जा रहा है. पीड़ितों की तलाश में कंपनी के अधिकारी हमारे साथ हैं.’

कंपनी के एक्सपोर्ट एग्जिक्यूटिव सागर शाह ने कहा कि यूनिट के फायर ऑडिट से पता चला कि कोई लापरवाही नहीं थी.

वहीं, इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र और गृह मंत्री अमित शाह ने हादसे में लोगों की मौत पर गहरा दुख जताया है. प्रधानमंत्री ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की मदद की घोषणा की है.

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रधानमंत्री ने पुणे की फैक्ट्री में लगी आग में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के स्वजन को दो-दो लाख रुपये अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. प्रत्येक घायल को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)