मामला अलीगढ़ का है, जहां एक हिंदू परिवार ने जलेसर के पीर बाबा में आस्था के चलते अपने घर में दो छोटी मज़ार बनाई हुई थीं. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा ‘हिंदुओं के धर्मांतरण की साज़िश रचने’ का आरोप लगाने के बाद इन्हें हटा दिया गया.
आगराः उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक हिंदू परिवार को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद अपने घरों से दो मज़ारों को हटाना पड़ा.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने ‘हिंदुओं के धर्मांतरण की साजिश’ रचने का आरोप लगाकर सोशल मीडिया कैंपेन शुरू किया था.
जयपाल सिंह और सात लोगों के उनके परिवार द्वारा उनके घर में सीमेंट से निर्मित दो छोटी-छोटी मज़ारें बनाई गई थीं, जो जलेसर (एटा) के पीर बाबा को समर्पित थीं.
दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करने वाले जयपाल ने इस अख़बार को बताया, ‘हमें पीर बाबा में हमारा गहरा विश्वास है इसीलिए हमने सालभर पहले इन मज़ारों को बनाया था. हमने कुछ गलत नहीं किया. हमने किसी की जमीन पर कब्ज़ा नहीं किया लेकिन कल पुलिस ने हमें इन्हें हटाने को कहा. उनका कहना है कि इससे सांप्रदायिक तनाव हो सकता है. मैं छोटा-मोटा आदमी हूं, किसी से लड़ाई नहीं कर सकता.’
बुधवार को बजरंग दल के संयोजक गौरव शर्मा ने ट्वीट कर प्रशासन से मजारें हटाने को कहा. उनका कहना है कि यह हिंदू परिवारों के धर्मांतरण की साजिश का हिस्सा है.
शर्मा ने अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), अलीगढ़ पुलिस और सांसद साध्वी प्रज्ञा को टैग किया था.
शर्मा ने कहा कि परिवार मजारों का इस्तेमाल अशिक्षितों को हिंदू से इस्लाम में धर्मांतरित करने के लिए कर रहा है. हिंदू घर में मजार का क्या मतलब.
पुलिस ने स्वीकार किया है कि उन्हें इस मामले पर बजरंग दल से शिकायत मिली है और उन्होंने बुधवार को सिंह के घर का दौरा किया था. जलेसर के चौकी प्रभारी अनुज कुमार ने कहा, ‘हमने सिर्फ सिंह को सलाह दी, मजार हटाने का फैसला उनका था.’