केंद्र का मुख्यधारा के मीडिया को नये आईटी नियमों से छूट देने से इनकार, कहा- इसे लागू करें

बीते दिनों नेशनल ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन ने मुख्यधारा के टीवी मीडिया और इसके डिजिटल मंचों को नये आईटी नियमों से बाहर रखने की मांग की थी. इस पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि नियमों से कुछ को छूट देना उन डिजिटल समाचार प्रकाशकों के साथ भेदभाव होगा, जिनके पास पहले से टीवी या प्रिंट मंच नहीं है.

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Patna: People watch Finance Minister Nirmala Sitharaman present the Union Budget 2021-21 on television sets, during the Budget Session of Parliament, at an electronics store in Patna, Monday, Feb, 1, 2021. (PTI Photo)(PTI02_01_2021_000061B)

बीते दिनों नेशनल ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन ने मुख्यधारा के टीवी मीडिया और इसके डिजिटल मंचों को नये आईटी नियमों से बाहर रखने की मांग की थी. इस पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि नियमों से कुछ को छूट देना उन डिजिटल समाचार प्रकाशकों के साथ भेदभाव होगा, जिनके पास पहले से टीवी या प्रिंट मंच नहीं है.

Patna: People watch Finance Minister Nirmala Sitharaman present the Union Budget 2021-21 on television sets, during the Budget Session of Parliament, at an electronics store in Patna, Monday, Feb, 1, 2021. (PTI Photo)(PTI02_01_2021_000061B)
(प्रतीकात्मक तस्वीर: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मुख्यधारा के टेलीविजन चैनलों और प्रिंट मीडिया को आईटी नियम, 2021 के दायरे से छूट देने से इनकार कर दिया है.

सरकार ने उनसे डिजिटल मीडिया नियमों के प्रावधानों का तुरंत पालन करने के लिए ‘तत्काल कदम’ उठाने को कहा है.

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने डिजिटल समाचार प्रकाशकों, ओटीटी प्लेटफार्मों और डिजिटल मीडिया प्रकाशकों के संघों को बीते गुरुवार को दिए एक स्पष्टीकरण में कहा कि है कि इन वेबसाइटों कानून के दायरे में लाने का औचित्य ‘अच्छी तरह से तर्कपूर्ण’ है.

मंत्रालय ने कहा इस कानून के तहत कुछ को छूट देना उन डिजिटल समाचार प्रकाशकों के साथ भेदभावपूर्ण होगा जिनके पास पहले से टीवी या प्रिंट प्लेटफॉर्म नहीं है.

नेशनल ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने हाल ही में मंत्रालय को पत्र लिखकर मुख्यधारा की टेलीविजन मीडिया और इसके डिजिटल समाचार प्लेटफार्मों को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता), 2021 के नियमों को लागू करने से छूट देने की मांग की थी.

एनबीए ने दलील दी थी कि ऐसे संस्थान पहले से ही विभिन्न व्यवस्थाओं, कानूनों, दिशानिर्देशों और नियम एवं विनियमनों द्वारा ‘पर्याप्त रूप से विनियमित’ है, इसलिए इन्हें नए आईटी नियम 2021 के दायरे से ‘छूट’ प्रदान की जाए.

इस पर मंत्रालय ने कहा, ‘चूंकि आचार संहिता के तहत ऐसे डिजिटल प्लेटफॉर्म को मौजूदा मानदंडों/ नियमों का पालन करने के लिए कहा गया, जो पारंपरिक प्रिंट और टीवी मीडिया के लिए प्रचलित हैं, इसलिए ऐसी संस्थाओं के लिए नियामक कोई अतिरिक्त बोझ नहीं है. तदनुसार, ऐसे संगठनों की डिजिटल समाचार सामग्री को डिजिटल मीडिया नियम 2021 के दायरे से छूट देने के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया जा सकता है.’

हालांकि मंत्रालय ने यह भी कहा कि कहा वे मानते हैं कि पारंपरिक टीवी और प्रिंट मीडिया वाली संस्थाएं पहले से ही सरकार के साथ प्रेस और पंजीकरण पुस्तक अधिनियम या 2011 के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देशों के तहत पंजीकृत हैं.

उन्होंने कहा, ‘पारंपरिक समाचार प्लेटफॉर्म (टीवी और प्रिंट) वाले संगठनों के डिजिटल संस्करण/डिजिटल प्रकाशन स्व-नियामक निकायों के आंतरिक दिशानिर्देशों का पालन कर रहे होंगे. इसलिए यदि संगठन चाहें तो वे डिजिटल मीडिया नियम, 2021 के साथ निरंतरता सुनिश्चित करने के बाद उसी स्व-नियामक तंत्र के तहत काम कर सकते हैं.’

मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि जब किसी डिजिटल समाचार प्रकाशक की कोई भी खबर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित की जाती है तो ऐसे कंटेंट उस प्लेटफॉर्म की नियामक की जिम्मेदारी से बाहर होंगे. हालांकि अगर किसी ओटीटी प्लेटफॉर्म को इस तरह की खबरों या कंटेंट को लेकर कोई शिकायत मिलती है तो वह इस मामले को उस खबर से संबंधित प्रकाशक को ट्रांसफर कर सकता है.

मंत्रालय ने कहा कि ऐसी स्थिति को देखते हुए इस मामले में डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स या किसी को भी कोई आशंका नहीं होनी चाहिए.

मंत्रालय ने कहा कि केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम, 1995 और उनके आंतरिक कोड या दिशानिर्देशों के तहत कार्यक्रम कोड के उल्लंघन से संबंधित शिकायतों का न्याय करने के लिए टेलीविजन समाचार चैनलों के पास पहले से ही एक स्व-नियामक तंत्र है.

उन्होंने कहा, ‘डिजिटल मीडिया नियम 2021 के तहत स्तर II की आवश्यकता केवल मौजूदा संस्थागत व्यवस्था का विस्तार है. इसके अलावा स्व-नियामक निकाय की संरचना पूरी तरह से प्रकाशकों द्वारा तय की जाएगी और इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होगी.’

केंद्र ने आगे कहा कि सरकार न तो इसमें हस्तक्षेप करेगी और न ही बाधा डालेगी.

मंत्रालय ने उन चिंताओं को भी खारिज कर दिया कि डिजिटल मीडिया नियमों के तहत निर्धारित निगरानी तंत्र से डिजिटल समाचार प्रकाशकों और ओटीटी प्लेटफार्मों के कामकाज पर अत्यधिक सरकारी नियंत्रण होगा.

उन्होंने कहा, ‘वर्तमान में भी पारंपरिक टीवी चैनलों के संबंध में सरकार में एक अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) के माध्यम से एक निगरानी तंत्र है, जो उल्लंघन से संबंधित कुछ शिकायतों को देखता है.’

इन दलीलों के साथ केंद्र सरकार ने मुख्यधारा की मीडिया से कहा कि वे नए नियमों का पालन करें. आईटी नियम 2021 के संबंध में 500 से अधिक प्रकाशकों ने सरकार के साथ मांगी गई जानकारी साझा कर दिया है.

(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)