कर्नाटक के कोगडु ज़िले के विराजपेट क़स्बे का मामला. आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने बीते आठ जून को लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने को लेकर मानसिक रूप से विक्षिप्त रॉय डी’सूजा को हिरासत में लिया था. इस दौरान उनके साथ बुरी तरह से मारपीट की गई. इलाज के दौरान 12 जून को उनकी मौत हो गई. मृतक के भाई की शिकायत पर पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
मदिकेरी: कर्नाटक के कोडगु जिले में हिरासत में मौत का मामला सामने आया है. पिछले हफ्ते लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में मानसिक रूप से विक्षिप्त 50 साल के एक व्यक्ति को कथित तौर पर पुलिसकर्मियों ने पीट-पीटकर मार डाला.
मृतक की पहचान रॉय डी’सूजा के रूप में हुई है.
पुलिस की इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया कि घटना के बाद आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी सीआईडी को सौंपने की तैयारी भी की जा रही है.
कर्नाटक दक्षिणी रेंज के आईजी प्रवीण मधुकर पवार ने पत्रकारों को बताया कि मृतक के भाई रॉबिन डी’सूजा की शिकायत पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इंस्पेक्टर जनरल आईजीपी दक्षिणी रेंज प्रवीण मधुकर पवार ने बताया कि मृतक के भाई द्वारा दायर शिकायत के बताया कि रॉय डी’सूजा से संबंधित घटना नौ जून को विराजपेट पुलिस स्टेशन के पास हुई. मृतक के भाई की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार रॉय डी’सूजा को लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए पाए जाने के बाद पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां उसके साथ मारपीट की गई.
शिकायत के अनुसार, ‘मारपीट के बाद डी’सूजा बेहोशी की हालत में आ गए थे. उनकी मां को बुलाया गया और उनके बेटे को ले जाने के लिए कहा गया. परिवार ने तब डी’सूजा को इलाज के लिए पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने का फैसला किया, जहां इलाज के दौरान 12 जून को उनकी मौत हो गई है.
उन्होंने बताया कि विराजपेट के पुलिस उपाधीक्षक ने आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसके आधार पर उन सभी को निलंबित कर दिया गया है.
निलंबित पुलिसकर्मियों की पहचान- हेड कॉन्स्टेबल एमयू सुनील, कॉन्स्टेबल एनएस लोकेश, एचजे तनुकुमार, एनएच सतीश, सुनील एमएल, रमेश ए, केजी नेहरू और बीटी प्रदीप के रूप में की है. ये सभी विराजपेट थाने में तैनात थे.
पवार ने कहा, ‘अनुमंडल अधिकारी (एसडीएम) की ओर से जांच की जा रही है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत हम मामले को सीआईडी को सौंप रहे हैं.’
परिवार के सदस्यों ने बताया कि रॉय डी’सूजा मानसिक रूप से विक्षिप्त थे और अपनी मां के साथ रह रहे थे, जबकि उनके भाई रॉबिन बेंगलुरु में थे.
उन्होंने बताया कि रॉय आठ जून को देर रात अपने घर से भाग गए थे. पुलिसकर्मियों ने उसे घूमते-फिरते देखा और उनसे लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने को लेकर पूछताछ की और उन्हें बुरी तरह से पीटा.
परिवार ने बताया कि नौ जून की सुबह उसकी मां को थाने में बुलाया गया, जहां रॉय बेहोश पड़े थे. उन्हें पहले पास के प्राइवेट अस्पताल और फिर वहां से जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई.
उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही रॉबिन ने पुलिस अधीक्षक क्षमा मिश्रा के पास शिकायत दर्ज कराई.
विराजपेट के डिप्टी एसपी ने घटना में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट सौंपी थी.
इस बीच पुलिस ने दावा किया है कि रॉय डी’सूजा द्वारा उसके कर्मचारियों को धमकाने के बाद उसके साथ मारपीट की गई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)