20 जुलाई 2018 को अलवर ज़िले में गो-तस्करी के संदेह में कथित गोरक्षकों की भीड़ ने रकबर ख़ान की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इसके बाद विश्व हिंदू परिषद के गोरक्षक सेल के नेता नवल किशोर शर्मा पर भीड़ की अगुवाई करने का आरोप था.
जयपुर: राजस्थान के अलवर में 31 वर्षीय रकबर खान की ‘गोरक्षकों’ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने के लगभग तीन साल बाद पुलिस ने आखिरकार स्थानीय विहिप नेता नवल किशोर शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, रकबर के परिवार ने कहा था कि अलवर स्थित रामगढ़ के विहिप गोरक्षा सेल के प्रमुख शर्मा ने उस भीड़ का नेतृत्व किया था, जिसने उन्हें पीट-पीटकर मार डाला था.
हालांकि, तत्कालीन भाजपा सरकार को हिलाकर रख देने वाले इस मामले की प्राथमिकी में शर्मा को मौका-ए-वारदात पर मौजूद तो दिखाया गया था, लेकिन यह भी कहा गया था कि शर्मा ने ही घटना के बारे में पुलिस को सूचना दी थी.
शर्मा की गिरफ्तारी की खबर मिलने पर रकबर के 30 वर्षीय चचेरे भाई हारून ने कहा कि विहिप नेता ‘मास्टरमाइंड’ था. उन्होंने कहा, ‘उसे पहले गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए था. लेकिन कभी नहीं से देर से ही सही. अब उसे जेल में रहना चाहिए और कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.’
अलवर के एसपी तेजस्वनी गौतम ने कहा कि शर्मा को गुरुवार रात गिरफ्तार किया गया था. ‘मौजूदा जांच अधिकारी (आईओ) के अनुसार, उसे साजिश और गोरक्षा में शामिल (होने) का दोषी पाया गया है.’
अलवर ग्रामीण के अतिरिक्त एसपी आईओ श्रीमन मीणा ने जांच के बारे में विस्तार से बताने से इनकार कर दिया.
विशेष लोक अभियोजक अशोक कुमार शर्मा ने कहा कि गिरफ्तारी शर्मा के टेलीफोन संदेशों सहित अतिरिक्त सबूतों की खोज के बाद हुई थी.
उन्होंने ने कहा, ‘लंबे समय से इनकी जांच की जा रही थी. दूसरा, वह आपराधिक साजिश का हिस्सा था. वह पुलिस को गुमराह कर सूचना दे रहा था, फिर भी सब कुछ उन्हीं की निगरानी में हो रहा था. उसने ऐसा जताया कि वह पुलिस के साथ है और उनकी मदद कर रहा है.’
अभियोजक ने कहा कि शर्मा को 10 दिन की हिरासत में भेज दिया गया है.
बता दें कि 20 जुलाई 2018 को राजस्थान के अलवर जिले में रामगढ़ थाना क्षेत्र में आने वाले लालवंडी में रकबर खान और उनके दोस्त असलम खान पर भीड़ ने हमला कर दिया था.
रकबर और असलम पैदल ही गायों को अलवर के एक गांव से हरियाणा में नूह जिले के कोलगांव अपने घर ले जा रहे थे. कोलगांव लालवंडी से 12 किलोमीटर दूर है.
इस दौरान असलम बचकर भाग निकलने में कामयाब रहे, लेकिन रकबर की भीड़ ने बर्बर पिटाई की. इसके कुछ घंटों के भीतर ही उनकी मौत हो गई.
इस मामले में आईपीसी की धारा 143 (गैरकानूनी ढंग से इकट्ठा होने), 341 (गलत तरीके से रोकना), 323 (स्वेच्छा से किसी को चोट पहुंचाना), 302 (हत्या) और 34 (समान मंशा से कई लोगों द्वारा हमला करना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई.
इस मामले में चार लोगों परमजीत सिंह, धर्मेंद्र, नरेश और विजय को गिरफ्तार किया गया और उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में अभी अंतिम सुनवाई होनी बाकी है. वहीं, परमजीत और नरेश जमानत पर बाहर हैं.
इस साल फरवरी में रकबर के परिवार ने अदालत पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए अलवर की जिला एवं सत्र न्यायाधीश संगीता शर्मा के समक्ष याचिका दायर कर मामले को अन्य अदालत में स्थानांतरित करने का आग्रह किया था. लेकिन अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया और हाईकोर्ट में अपील करने की सलाह दी थी.
कहा गया था कि अलवर में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के गोरक्षक सेल के नेता नवल किशोर शर्मा ने भीड़ की अगुवाई की.
इस मामले में स्थानीय भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा के भी शामिल होने की बात कही जाती है, जिन्हें बाद में राजस्थान में भाजपा के उपाध्यक्ष पद पर पदोन्नत कर दिया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)