पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों में रविवार को फिर वृद्धि हुई है. बीते सात सप्ताह में वाहन ईंधन के दामों में हुई यह 27वीं बढ़ोतरी है, जिसके बाद देश में पेट्रोल और डीज़ल के दाम ऐतिहासिक उच्चस्तर पर पहुंच गए हैं.
नई दिल्ली: वाहन ईंधन कीमतों में एक और वृद्धि के बाद राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 97 रुपये प्रति लीटर के पार निकल गया है. वहीं डीजल 88 रुपये प्रति लीटर के पास पहुंच गया है.
वाहन ईंधन की कीमतों में रविवार को फिर बढ़ोतरी हुई. सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार पेट्रोल के दाम 29 पैसे प्रति लीटर और डीजल के 28 पैसे प्रति लीटर और बढ़ाए गए हैं.
पिछले करीब सात सप्ताह में वाहन ईंधन कीमतों में यह 27वीं बढ़ोतरी है. इससे देश में पेट्रोल और डीजल के दाम ऐतिहासिक उच्चस्तर पर पहुंच गए हैं.
राजधानी दिल्ली में पेट्रोल अपने सर्वकालिक उच्चस्तर 97.22 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है. वहीं डीजल 87.97 रुपये प्रति लीटर पर है.
महानगरों में मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु में पेट्रोल पहले ही 100 रुपये प्रति लीटर के आंकड़े को पार कर चुका है. अब मुंबई में पेट्रोल 103.36 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.44 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है.
राजस्थान का श्रीगंगानगर देश का पहला जिला है जहां पेट्रोल सबसे पहले 100 रुपये प्रति लीटर के पार हुआ था. फरवरी के मध्य में वहां पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया था.
श्रीगंगानगर में डीजल भी 100 रुपये प्रति लीटर के पार निकल गया. अब शहर में पेट्रोल 108.37 रुपये प्रति लीटर और डीजल 101.12 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है.
देश में राजस्थान पेट्रोल और डीजल पर सबसे अधिक वैट लगाता है. उसके बाद मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना का नंबर आता है. मुंबई देश का पहला महानगर है, जहां 29 मई को पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के ऊपर पहुंचा था.
उल्लेखनीय है कि तेल के स्थानीय दाम अलग-अलग राज्यों में वैट की अलग अलग दर और भाड़ा शुल्क पर निर्भर करते है. इन्हीं कारण देश के छह राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और एक केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पेट्रोल 100 रुपये लीटर के ऊपर चला गया है.
वहीं, पटना में भी पेट्रोल का दाम 100 रुपये प्रति लीटर के करीब पहुंच गया है. वहां पेट्रोल 99.28 रुपये प्रति लीटर और डीजल 93.30 रुपये प्रति लीटर है.
पिछले वर्ष कच्चे तेल के दाम हालांकि पिछली बीस साल के न्यूनतम स्तर पर लुढ़क गए थे, पर स्थानीय स्तर पर ईंधन के खुदरा दामों में कोई खास कमी नहीं आई थी, क्यों कि केंद्र सरकार ने उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया था.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशासन ने सार्वजनिक वित्त को मजबूती प्रदान करने के लिए बार-बार बिक्री कर में बढ़ोतरी की है. कर अब खुदरा मूल्य का लगभग 60 प्रतिशत हो गए हैं और पेट्रोल तथा डीजल पर संघीय कर 2013 के बाद से लगभग छह गुना बढ़ गए हैं.
पेट्रोल-डीजल के दामों में हुई भारी वृद्धि वापस लेने और पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग करते हुए देशभर के पेट्रोल पंपों के पास कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा शुक्रवार को विरोध किए जाने के बाद अब वाम दलों ने 15 दिन तक विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)