मामला उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले का है. एक दलित युवती ने फेसबुक पर जान-पहचान बढ़ाकर कथित रूप से बलात्कार करने और धर्म परिवर्तन कराकर निकाह के बाद छोड़ देने का आरोप लगाते हुए एक युवक तथा उसके परिजनों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कराया है.
बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक युवती ने फेसबुक पर जान-पहचान बढ़ाकर कथित रूप से बलात्कार करने और धर्म परिवर्तन कराकर निकाह के बाद छोड़ देने का आरोप लगाते हुए एक युवक तथा उसके परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. जिले के एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने इसकी जानकारी दी.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवाण ने सोमवार को बताया कि एक युवती ने इज्जत नगर थाने में अफजल, उसके पिता अजहर, मां कमर जहां और बहन कहकशां के खिलाफ कथित बलात्कार, धमकी देने तथा आघात पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज कराया है.
उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाली लड़की का आरोप है कि पीलीभीत जिले के रहने वाले अफजल ने कथित रूप से करीब पांच साल पहले अपनी बहन कहकशां के फेसबुक अकाउंट से लड़की बनकर उससे बातचीत शुरू की और बाद में अपना सही परिचय दिया.
आरोप है कि मेलजोल बढ़ाने के बाद अफजल ने उन्हें बरेली के एक मॉल में मिलने के लिए बुलाया. उसके बाद वह उन्हें अपने परिजन से मुलाकात कराने के बहाने पीलीभीत ले गया जहां उसके पिता, मां और बहन ने उन्हें रात में अफजल के साथ एक कमरे में बंद कर दिया.
सजवाण ने बताया कि लड़की का आरोप है कि अफजल ने उन्हें अपनी हवस का शिकार बनाया और इस घटना का वीडियो बना लिया. बाद में जबरन धर्म परिवर्तन कर निकाह के लिए दबाव डाला और मना करने पर उसने अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी दी.
अधिकारी ने बताया कि लड़की का आरोप है कि करीब पांच साल तक संबंधों में रहने के बाद सितंबर 2020 में अफजल ने उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराकर बरेली के सैलानी मोहल्ले में उससे निकाह किया और तीन महीने तक उसे एक गेस्ट हाउस में रखा.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के मुताबिक, लड़की का दावा है कि इस बीच जब वह गर्भवती हुई तो अफजल ने जबरन उसका गर्भपात करा दिया और हाल ही में वह अपने मायके से सात लाख रुपये लाने का दबाव डालने लगा और पिछली 10 अप्रैल को उसे जाति सूचक अपशब्द कहते हुए घर से निकाल दिया.
उन्होंने बताया कि लड़की का कहना है उसे छोड़ने के बाद अफजल अपने मामा के साथ कहीं भाग गया और निकाह के दस्तावेज और तस्वीरों समेत सारे सबूत भी अपने साथ ले गया. सजवाण ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है.
मालूम हो कि बीते साल 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश सरकार तथाकथित ‘लव जिहाद’ को रोकने के लिए शादी के लिए धर्म परिवर्तन पर लगाम लगाने के लिए ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020’ ले आई थी.
इसमें विवाह के लिए छल-कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर विभिन्न श्रेणियों के तहत अधिकतम 10 वर्ष कारावास और 50 हजार तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जहां लव जिहाद को लेकर इस तरह का कानून लाया गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)