प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने पाकिस्तान में बलात्कार के बढ़ते मामलों के बीच हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अगर कोई महिला कम कपड़े पहन रही है तो इसका असर पुरुषों पर होगा, जब तक कि वे रोबोट नहीं हैं. इस बयान के बाद से वह विपक्षी महिला सांसदों के निशाने पर आ गए हैं. उनके इस बयान की निंदा की जा रही है.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में बलात्कार के बढ़ते मामलों के बीच महिलाओं के पहनावे पर विवादास्पद बयान को लेकर प्रधानमंत्री इमरान खान विपक्षी महिला सांसदों के निशाने पर आ गए हैं. बढ़ती यौन हिंसा पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि महिलाओं के कम कपड़े पहनने से पुरुषों पर असर पड़ता है, जब तक कि वे रोबोट नहीं.
अमेरिकी टीवी एचबीओ को हाल में दिए साक्षात्कार में खान से पूछा गया था कि क्या उन्हें लगता है कि महिलाओं के पहनावे की वजह से बलात्कार की घटनाएं होती हैं, इसके जवाब में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अगर कोई महिला बहुत कम कपड़े पहन रही है तो इसका असर होगा, इसका पुरुषों पर असर होगा, जब तक कि वे रोबोट नहीं हैं. मेरा मतलब है कि यह सामान्य समझ की बात है.’
68 वर्षीय खान के जवाब से इस सन्न रह गए साक्षात्कारकर्ता जोनाथन स्वॉन ने अपना सवाल दूसरे तरीके से पूछा, ‘लेकिन क्या इससे वास्तव में यौन हिंसा के कृत्यों को उकसावा मिलता है?’
अपने रुख पर कायम खान ने कहा, ‘यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कैसे समाज में रहते हैं. अगर किसी समाज में लोगों ने ऐसी चीजें नहीं देखी हैं तो इसका असर होगा. आपके जैसे समाज में शायद असर नहीं पड़े. यह सांस्कृतिक साम्राज्यवाद है, जो भी हमारी संस्कृति में है, उसे अन्य सभी को स्वीकार करना चाहिए.’
खान के विवादास्पद बयान की निंदा करते हुए विपक्षी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) की सीनेटर शेरी रहमान ने ट्वीट किया, ‘चाहे हमारे कानून हों या मजहब हो, बिल्कुल साफ है कि महिलाओं के लिए सम्मान की सामने वाली की जिम्मेदारी होती है. किसी को महिलाओं को हिंसा, बलात्कार या महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए जिम्मेदार ठहराने का या वे क्या पहनें, ये बताने का अधिकार नहीं है. हमारे प्रधानमंत्री ऐसा कर रहे हैं, इससे हैरान हूं.’
Can the PM please explain why he chose to victim-blame women for the violence and sex crimes they face? Not ok at any level. Social, judicial, religious and political. He’s saying it’s the victim’s fault, not the man’s. Could he explain what else leads to assault? Misogyny 101 pic.twitter.com/8t0M3evCF9
— SenatorSherryRehman (@sherryrehman) June 22, 2021
रहमान ने कहा, ‘क्या प्रधानमंत्री बता सकते हैं कि उन्होंने महिलाओं पर होने वाली हिंसा और यौन अपराधों के लिए पीड़ित महिलाओं को दोष क्यों दिया? यह सामाजिक, न्यायिक, धार्मिक और राजनीतिक- किसी भी स्तर पर ठीक नहीं है. वह कह रहे हैं कि यह पीड़ित की गलती है, आदमी की नहीं. क्या वे समझा सकता हैं कि हमला क्या होता है?’
उन्होंने कहा कि इमरान खान ऐसा कहकर महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले और उनका दमन करने वालों की हरकतों को जायज ठहरा रहे हैं. प्रधानमंत्री का यह बयान अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना और निंदनीय है.
सिंध की महिला विकास मंत्री शहला रजा ने कहा कि प्रधानमंत्री को ‘महिलाओं पर नजर रखने’ के बजाय देश के सामने मौजूद मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने ट्वीट करके खान के बयान की निंदा की.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘दुनिया को एक बीमार, स्त्री द्वेषी, पतित और परित्यक्त इमरान खान की मानसिकता के बारे में जानकारी मिली. यह महिलाओं की पसंद नहीं है, जो उन्हें यौन उत्पीड़न की ओर ले जाती है, बल्कि पुरुषों की पसंद है, जो इस घृणित और नीच अपराध में शामिल होने का विकल्प चुनते हैं.’
Maybe the misogynst, degenerate can defend Paedophiles and murderers, as he advocates for rapist, after all men cannot be expected to control temptation. Just FYI Mr degenerate, self control is a little thing upon which Allah places a great premium. 2/2
— Marriyum Aurangzeb (@Marriyum_A) June 21, 2021
मरियम ने कहा, ‘हो सकता है कि महिला से द्वेष रखने वाला, पतित व्यक्ति पीडोफाइल (जो बच्चों के प्रति कामुकता भाव से आकर्षित रहता है) और हत्यारों का बचाव कर सके, क्योंकि वह बलात्कारी की वकालत करता है, क्योंकि सभी पुरुषों से कुछ गलत करने की इच्छा को नियंत्रित करने की उम्मीद नहीं की जा सकती है.’
बाद में सत्तारूढ़ तहरीक-ए-इंसाफ की ओर से जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री जरताज गुल और पार्टी सांसद मलीका अली बुखारी तथा कंवल शौजाब ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन बुलाकर कहा कि खान के बयानों को गलत तरह से पेश किया गया है.
इंटरनेशनल कमीशन ऑफ ज्यूरिस्ट्स की कानूनी सलाहकार रीमा ओमर ने खान द्वारा यौन हिंसा के मामलों में पीड़ित को दोषी ठहराने के अपने रुख को दोहराने के लिए निराशा व्यक्त की.
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री इमरान खान को देश में यौन हिंसा की शिकार महिलाओं को जिम्मेदार ठहराते हुए देखना निराशाजनक है. यह स्पष्ट रूप से उनकी बीमार मानसिकता है.’
Disappointing and frankly sickening to see PM Imran Khan repeat his victim blaming regarding reasons for sexual violence in Pakistan
Men are not “robots”, he says. If they see women in skimpy clothes, they will get “tempted” and some will resort to rape
Shameful!
— Reema Omer (@reema_omer) June 20, 2021
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, इससे पहले अप्रैल में इमरान खान ने एक लाइव टेलीविज़न साक्षात्कार के दौरान पाकिस्तान में यौन हिंसा के मामलों में वृद्धि के लिए अश्लीलता को जिम्मेदार ठहराया था और महिलाओं को इससे बचने के लिए पर्दा करने की सलाह दी थी.
उन्होंने कहा था, ‘पर्दा की यह पूरी अवधारणा ही टेम्पटेशन (कुछ करने की इच्छा, विशेष रूप से कुछ गलत) से बचने के लिए है. हर किसी में इससे बचने की इच्छाशक्ति नहीं होती है.’
उस दौरान उनके बयान को लेकर उनसे माफी मांगने की मांग करते हुए सैकड़ों लोग लामबंद हुए थे और इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन किया था. प्रदर्शनकारियों ने खान की आलोचना की थी.
समाचार एजेंसी एएनआई ने पाकिस्तान के आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि नवंबर 2020 में पाकिस्तान में हर दिन बलात्कार की 11 घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें पिछले छह वर्षों में 22,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. हालांकि, इन अपराधों की दोषसिद्धि दर केवल 0.03 प्रतिशत है, क्योंकि तब तक केवल 77 आरोपियों को ही दोषी ठहराया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)