अयोध्या के एक पत्रकार पाटेश्वरी सिंह ने दावा किया कि एक भाजपा विधायक के ख़िलाफ़ खबर लिखने के चलते उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. उन्हें मंगलवार शाम पांच-छह लोगों ने पीटा है. पुलिस का कहना है कि अभी अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज हुआ है, पर्याप्त जांच के बाद ही विधायक का नाम जोड़ा जाएगा.
लखनऊ: अयोध्या में एक स्थानीय पत्रकार की मंगलवार शाम शहर कोतवाली क्षेत्र में पांच से छह अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर पिटाई कर दी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पत्रकार ने दावा किया कि हमलावरों ने मारपीट करते हुए कहा कि अयोध्या में एक विधायक के खिलाफ खबर लिखने के लिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.
अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस ने कहा कि सभी हमलावरों की पहचान हो जाने और मामले की पर्याप्त जांच होने के बाद ही विधायक का नाम जोड़ा जा सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हमले के पीछे गोसाईगंज से भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ़ खब्बू तिवारी के होने का आरोप लगाया गया है.
सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में सिंह के सिर से खून बहता दिख रहा है और वे कहते हुए दिखते हैं कि भाजपा नेता और उनके समर्थकों के खिलाफ लिखने के कारण यह हुआ है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, जिला अस्पताल में भर्ती पत्रकार की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है और बेहतर इलाज के लिए उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हमले में उनके सिर में चोट आई थी.
एडिशनल एसपी (सिटी) विजय पाल सिंह ने बताया, ‘पाटेश्वरी सिंह (पत्रकार) मंगलवार शाम करीब साढ़े सात बजे रकाबगंज इलाके से बाइक से घर जा रहे थी. सुरेंद्र लॉन के सामने एक काली एसयूवी सड़क किनारे खड़ी थी. जैसे ही उन्होंने एसयूवी को पार किया गाड़ी बढ़ गई और उसने उनके दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी, जिससे वह अपनी बाइक से नीचे गिर गए. गाड़ी में सवार लोग उतरे और उनकी पिटाई करने लगे. कुछ स्थानीय लोग उन्हें बचाने के लिए दौड़ पड़े. फिलहाल उनका इलाज चल रहा है और अज्ञात आरोपित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. हम स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रहे हैं और सुराग के लिए स्थानीय सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं.’
पीड़ित ने खुद को ‘भारत कनेक्ट’ अखबार का ब्यूरो चीफ और ‘जन संदेश टाइम्स’ के लिए एक सिटी रिपोर्टर बताया. उन्होंने कहा कि वह अपने हमलावरों के खिलाफ लिख रहे थे, जिसके चलते उनके खिलाफ पहले भी एक झूठी प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
पीड़ित ने हमले के बाद मीडिया को दिए एक वीडियो बयान में कहा, ‘जब मैंने वाहन देखा तो मुझे परेशानी का आभास हुआ लेकिन मैं आगे बढ़ गया. 100 मीटर से अधिक आगे नहीं बढ़ा था तभी वाहन ने मेरी बाइक को टक्कर मार दी और मैं जमीन पर गिर गया. विधायक और उनके सहयोगी के खिलाफ लिखने पर मुझे जान से मारने की धमकी देते हुए करीब 5 से 6 लोगों ने बेंत और रॉड से मुझ पर हमला किया. उन्होंने मेरे दो मोबाइल फोन छीन लिए और उन्हें जमीन पर पटक दिया. अगर कुछ स्थानीय लोग मेरे बचाव के लिए नहीं दौड़े होते तो वे मुझे मार देते. उन्हें देख वे भाग खड़े हुए.’
यह पूछे जाने पर कि प्राथमिकी में विधायक और उनके सहयोगी का नाम क्यों नहीं लिया गया, कोतवाली एसएचओ नितेश कुमार ने कहा कि हालांकि पीड़ित ने अपनी शिकायत में अपने हमलावरों का हवाला देते हुए कहा था कि उन्हें विधायक और उनके सहयोगी के खिलाफ बहुत अधिक लिखने के लिए निशाना बनाया गया था. यह घटना में उनकी संलिप्तता को साबित करता है.
एसएचओ ने कहा, ‘अगर उन्होंने कहा होता कि वे सीधे तौर पर शामिल हैं, तो हम उनका नाम जोड़ते.’
हालांकि, सिटी सर्कल ऑफिसर (सीओ) पलाश बंसल ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय लोगों के बयान के आधार पर हमलावरों की पहचान हो जाने और यह स्थापित होने कि उन्हें किसने और क्यों भेजा, के बाद विधायक का नाम (शामिल करने) की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने कहा, ‘हम आस-पास के इलाकों से सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं और यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि ये लोग कौन हैं और उन्होंने पत्रकार पर हमला क्यों किया. अभी तक यह केवल अटकलें हैं कि विधायक ने हमलावरों को भेजा है.’
बंसल ने बताया कि आईपीसी की धारा 147 (दंगा), 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. पीड़ित की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर और धाराएं जोड़ी जा सकती हैं.