एक जुलाई से देश में एलपीजी सिलेंडर के दामों में 25.50 रुपये की बढ़ोतरी लागू हो गई. बीते छह महीने में एलपीजी के दाम में 140 रुपये की वृद्धि हुई है. कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने इसके लिए केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि महामारी के संकट के बीच पेट्रोल-डीज़ल और रसोई गैस की क़ीमतों का बढ़ना सरकार की उदासीनता को दिखाता है.
नई दिल्ली: गुरुवार 1 जुलाई से देश में लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) सिलेंडर के दामों में 25.50 रुपये की बढ़ोतरी लागू हो गई.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में 14.2 किलो की क्षमता वाला घरेलू गैस सिलेंडर अब 834.50 रुपसे का मिलेगा. वहीं 19 किलो वाले कमर्शियल गैस सिलिंडर में भी 76 रुपये की बढ़ोतरी हुई जिसके बाद वह दिल्ली में 1550 रुपये का मिलेगा.
इससे पहले घरेलू गैस सिलेंडर 809 रुपये का मिलता था.
हर महीने की शुरुआत में एलपीजी की कीमतों की समीक्षा होती है और 1 जुलाई से होने वाली हालिया बढ़ोतरी के साथ पिछले छह महीने में एलपीजी गैस के दामों में 140 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है. हालांकि, जून में कीमतें स्थिर रही थीं.
ग्राहकों को बाजार कीमत चुकानी होगी और सब्सिडी के योग्य लोगों को सरकार सब्सिडी मुहैया करा सकती है.
लेकिन पिछले कुछ वर्षों में लगातार कीमतों में बढ़ोतरी के कारण महानगरों और प्रमुख शहरों में सब्सिडी खत्म हो गई.
उदाहरण के तौर पर ग्राहक दिल्ली में बिना सब्सिडी पाए बाजार कीमत चुका रहे हैं.
राज्य द्वारा संचालित ईंधन खुदरा विक्रेताओं के अधिकारियों ने कहा कि उच्च माल ढुलाई शुल्क की भरपाई के लिए दूरदराज के क्षेत्रों में ग्राहकों को एक छोटी सी सब्सिडी का भुगतान किया जाता है.
महामारी के समय जनता को राहत देने के लिए रसोई गैस की कीमतें कम करे सरकार: कांग्रेस
कांग्रेस ने रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर बृहस्पतिवार को कहा कि महामारी और आर्थिक संकट के समय सरकार का यह कदम उसकी उदासीनता को दिखाता है और लोगों को राहत देने के लिए उसे एलपीजी सिलेंडर के दाम कम करने चाहिए.
पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने दावा भी किया कि पिछले कुछ महीनों में रसोई गैस की कीमतों में 240 रुपये की बढ़ोतरी की गई है.
सुप्रिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह लोगों के घाव पर नमक छिड़कने के अलावा कुछ नहीं है. पिछले छह मौकों पर रसोई गैस की कीमतों में 240 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. नवंबर, 2020 में एक सिलेंडर की कीमत 594 रुपये की थी जो जुलाई, 2021 तक बढ़कर 834 रुपये हो गई है.’
उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘जब दाम भी बढ़ते हैं तो मोदी जी का नारा ‘बहुत हुई महंगाई की मार…’ याद आता है. हम सरकार से कहना चाहते हैं कि बहुत हुई महंगाई की मार, बस करो मोदी सरकार.’
कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया, ‘यह सरकार पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतें उस वक्त बढ़ा रही है जब देश के लोग गंभीर संकट से घिरे हैं. यह सरकार की उदासीनता को दिखाता है.’
उनके मुताबिक, ‘भारत में रसोई गैस के दाम ‘सऊदी अरामको’ (सऊदी अरब की कंपनी) की गैस की कीमत से निर्धारित होते हैं. कुछ समय पहले तक सऊदी अरामको की गैस का दाम 587 डॉलर प्रति मीट्रिक टन था तो रसोई गैस की कीमत 809 रुपये थी. अब सऊदी अरामको की गैस के दाम 523 डॉलर प्रति मीट्रिक टन हो गये हैं. ऐसे में यहां रसोई गैस की कीमतें कम क्यों नहीं हुई?’
उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, ‘सरकार एक लोन मेला और लगवा दे ताकि लोग लोन लेकर पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस खरीद सकें.’
सुप्रिया ने सवाल किया कि क्या उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त सिलेंडर हासिल करने वाले गरीब परिवार के लोग 834 रुपये की रसोई गैस खरीद सकते हैं?
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस की मांग है कि सरकार अपनी संवेदना दिखाते हुए महामारी से जूझ रहे देश को राहत दीजिए और एलपीजी गैस के दाम कम कीजिए.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)