तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को दिल्ली में भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के साथ बैठक को लेकर हटाने की मांग की थी. पत्र में कहा गया है कि अधिकारी और सॉलिसिटर जनरल के बीच हुई बैठक अनुचित है, क्योंकि भाजपा विधायक अधिकारी नारदा और शारदा मामलों में एक आरोपी हैं, जिनकी जांच चल रही है. नारदा मामले में मेहता सीबीआई की ओर से अदालत में पेश हो रहे हैं.
नई दिल्ली: भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के व्यक्तिगत तौर पर देश के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से उनके दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात करने के आरोप लगने के बाद मेहता ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर इस बात से इनकार किया है.
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, बीते शुक्रवार को मेहता ने एक बयान जारी कर कहा, ‘शुभेंदु अधिकारी कल (बृहस्पतिवार) दोपहर लगभग 3 बजे बिना किसी पूर्व सूचना के मेरे आवास सह कार्यालय आए. चूंकि मैं पहले से ही अपने कक्ष में एक पूर्व-निर्धारित बैठक में था, मेरे कर्मचारियों ने उनसे मेरे कार्यालय के प्रतीक्षालय में बैठने का अनुरोध किया और उन्हें एक चाय की पेशकश की.’
उन्होंने आगे कहा, ‘जब मेरी बैठक समाप्त हुई, तो मेरे पीपीएस (निजी सचिव) ने मुझे उनके आने की सूचना दी. मैंने अपने पीपीएस से अनुरोध किया कि वह शुभेंदु अधिकारी से मिलने में मेरी असमर्थता से अवगत कराएं और माफी मांगें क्योंकि उन्हें इंतजार करना पड़ा. अधिकारी मुझसे मिलने की जिद किए बिना चले गए. अत: अधिकारी से मेरी मुलाकात का प्रश्न ही नहीं उठता.’
दरअसल, तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को दिल्ली में भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के साथ उनकी बैठक को लेकर हटाने की मांग की थी.
तृणमूल सांसदों- डेरेक ओ’ब्रायन, सुखेंदु शेखर रॉय और महुआ मोइत्रा द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि शुभेंदु अधिकारी और सॉलिसिटर जनरल के बीच हुई बैठक अनुचित है, क्योंकि भाजपा विधायक नारदा और शारदा मामलों में एक आरोपी हैं, जिनकी जांच चल रही है.
We strongly condemn Shri Tushar Mehta's meeting with Shri @SuvenduWB, who has been accused in various offences that are currently being investigated.
This raises some serious questions about the integrity of the post held by the Learned Solicitor General. (1/2) pic.twitter.com/PQTKtNR7La
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) July 2, 2021
पत्र के अनुसार, शुभेंदु अधिकारी की गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात के बाद हुई इस बैठक से संशय पैदा होता है.
तृणमूल सांसदों ने दावा किया कि शुभेंदु अधिकारी पर नारदा और शारदा मामले से संबंधित धोखाधड़ी, रिश्वतखोरी और अवैध लाभ लेने के विभिन्न मामलों में आरोपी हैं.
उन्होंने कहा कि शारदा चिटफंड घोटाले में जांच एजेंसी को सलाह देने के अलावा सॉलिसिटर जनरल नारदा मामले में उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय में सीबीआई की ओर से पेश हो रहे हैं.
पत्र में उन्होंने कहा कि शुभेंदु अधिकारी और सॉलिसिटर जनरल के बीच बैठक न केवल अनुचित है, बल्कि हितों का सीधा टकराव है और देश के दूसरे सर्वोच्च कानून अधिकारी सॉलिसिटर जनरल के पद को भी कलंकित करता है.
तृणमूल सांसदों ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि भारत के सॉलिसिटर जनरल के पद की तटस्थता और सत्यनिष्ठा बनाए रखने के लिए, मेहता को पद से हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं.
बाद में शाम को तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कई ट्वीट कर मांग की कि मेहता के आवास पर अधिकारी के मौजूद रहने तक के सभी सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक किया जाए.
उन्होंने कहा, ‘मेहता के शुभेंदु अधिकारी के साथ उनकी गुप्त बैठक के बारे में अटकलों को खारिज करने का प्रयास केवल तभी सार्थक हो सकता है जब वह तब तक के सभी सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक करते हैं, जब तक अधिकारी उनके आवास पर मौजूद थे.’
रिपोर्ट के अनुसार, अदालत में लंबित नारदा मामले में मेहता सीबीआई के वकील हैं.
विधानसभा चुनाव के ठीक बाद सीबीआई को तब आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था जब बंगाल के दो मंत्रियों, एक टीएमसी विधायक और पूर्व मेयर को नारदा मामले में गिरफ्तार किया गया था.
हालांकि, इस दौरान चुनाव से ठीक पहले भाजपा का दामन थामने वाले शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई थी.
रिपोर्ट के अनुसार, मेहता के आवास पर जाने से पहले अधिकारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी.
वहीं, घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शुभेंदु अधिकारी ने मेहता के साथ किसी भी मुलाकात से इनकार किया.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं वहां चुनाव के बाद हुई हिंसा से जुड़े एक मामले पर चर्चा करने गया था, लेकिन मैं उनसे नहीं मिल सका.’
वहीं, राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने अधिकारी का समर्थन करते हुए कहा कि दोनों के बीच किसी भी मुलाकात का कोई सबूत नहीं है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)