केंद्र ने आईटी नियमों के ख़िलाफ़ सभी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग की

केंद्र सरकार का यह क़दम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि नए आईटी नियमों  को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं दिल्ली और मद्रास हाईकोर्ट सहित विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित हैं. नए आईटी नियमों के तहत सोशल मीडिया और स्ट्रीमिंग कंपनियों को तेज़ी से विवादास्पद सामग्रियों को हटाना होगा, शिकायत समाधान अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी और जांच में सहयोग करना होगा.

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New Delhi: A view of Supreme Court of India in New Delhi, Thursday, Nov. 1, 2018. (PTI Photo/Ravi Choudhary) (PTI11_1_2018_000197B)
(फोटो: पीटीआई)

केंद्र सरकार का यह क़दम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि नए आईटी नियमों  को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं दिल्ली और मद्रास हाईकोर्ट सहित विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित हैं. नए आईटी नियमों के तहत सोशल मीडिया और स्ट्रीमिंग कंपनियों को तेज़ी से विवादास्पद सामग्रियों को हटाना होगा, शिकायत समाधान अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी और जांच में सहयोग करना होगा.

New Delhi: A view of Supreme Court of India in New Delhi, Thursday, Nov. 1, 2018. (PTI Photo/Ravi Choudhary) (PTI11_1_2018_000197B)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्र ने देश के विभिन्न हाईकोर्टों में नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग को लेकर शीर्ष अदालत का रुख किया है. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट इसी सप्ताह सुनवाई कर सकता है.

सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं दिल्ली और मद्रास हाईकोर्टों सहित विभिन्न हाईकोर्टों में लंबित हैं.

नए आईटी नियमों के अनुसार, सोशल मीडिया और स्ट्रीमिंग कंपनियों को तेजी से विवादास्पद सामग्रियों को हटाना होगा, शिकायत समाधान अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी और जांच में सहयोग करना होगा.

नए नियमों का मकसद फेसबुक, ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों के साथ ही ओटीटी मंचों को विनियमित करना है.

शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर इस मामले की जो स्थिति दिखाई गई है, उसके आधार पर केंद्र की याचिका पर नौ जुलाई को सुनवाई हो सकती है.

दिल्ली हाईकोर्ट में नए आईटी नियमों को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं लंबित हैं. हाईकोर्ट ने इन याचिकाओं पर केंद्र से जवाब मांगा है.

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियमावली, 2021 को चुनौती देने वाली याचिकाएं क्विंट डिजिटल मीडिया लिमिटेड और इसकी निदेशक रितु कपूर, समाचार वेबसाइट द वायर प्रकाशित करने वाले फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज्म, फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज चलाने वाले प्रवदा मीडिया फाउंडेशन और अन्य द्वारा दायर की गई हैं.

28 जून को इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने नए आईटी नियमों पर अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए मामले को सुनवाई के लिए 7 जुलाई को नियमित पीठ के पास भेज दिया था.

वहीं, डिजिटल न्यूज में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले 13 परंपरागत अखबार और टेलीविजन मीडिया की कंपनियों ने भी डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (डीएनपीए) के तहत मद्रास हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर करते हुए इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स, 2021 को संविधान विरोधी, अवैध और संविधान के अनुच्छेद 14, अनुच्छेद 19 (1) क और अनुच्छेद 19 (1) छ का उल्लंघन करने वाला घोषित करने की मांग की है.

मद्रास हाईकोर्ट ने 23 जून को याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.

कर्नाटक संगीतकार, लेखक और कार्यकर्ता टीएम कृष्णा ने भी आईटी नियमों के खिलाफ एक याचिका के साथ मद्रास हाईकोर्ट का भी रुख किया है.

इससे पहले 10 मार्च को केरल हाईकोर्ट की जस्टिस पीवी आशा ने लाइव लॉ द्वारा दायर एक याचिका पर कार्रवाई करते हुए स्पष्ट रूप से केंद्र सरकार को नियमों के भाग III में प्रावधानों का पालन न करने के लिए याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई करने से रोक दिया, क्योंकि याचिकाकर्ता कानून की रिपोर्ट और कानूनी साहित्य के प्रकाशक हैं और नए आईटी नियमों की वैधता पर केंद्र से जवाब से मांगा था.

मंगलवार को ही दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्विटर को निर्देश दिया कि वह उसे आठ जुलाई तक सूचित करे कि कंपनी कब तक स्थानीय शिकायत समाधान अधिकारी की नियुक्ति करेगी.

ट्विटर ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर कहा था कि वह नए आईटी नियमों के तहत एक अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी और एक अंतरिम स्थानीय शिकायत अधिकारी की नियुक्ति के ‘अंतिम चरण’ में है. कंपनी ने कहा कि इस बीच एक शिकायत अधिकारी भारतीय उपभोक्ताओं की शिकायतें देख रहा है.

(समाचार एजेंसी पीटीआई से इनपुट के साथ)