उत्तर प्रदेश में लगातार आ रहे दलित उत्पीड़न के मामले, कानपुर में युवक को पेड़ से बांधकर पीटा

उत्तर प्रदेश में बीते दो हफ़्तों में दलितों पर उत्पीड़न की तीन घटनाएं सामने आई हैं, जो कानपुर, चंदौली और आज़मगढ़ में हुई हैं. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर संबंधित घटनाओं के वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई है. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दलित उत्पीड़न की इन घटनाओं पर जवाब मांगा है.

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(प्रतीकात्मक फोटोः नेविल जावेरी/फ्लिकर)

उत्तर प्रदेश में बीते दो हफ़्तों में दलितों पर उत्पीड़न की तीन घटनाएं सामने आई हैं, जो कानपुर, चंदौली और आज़मगढ़ में हुई हैं. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर संबंधित घटनाओं के वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई है. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दलित उत्पीड़न की इन घटनाओं पर जवाब मांगा है.

(प्रतीकात्मक फोटोः नेविल जावेरी/फ्लिकर)

लखनऊः उत्तर प्रदेश में दलितों के कथित उत्पीड़न और उनके घरों में तोड़-फोड़ की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. ऐसी दो घटनाएं कानपुर देहात और चंदौली में हुई हैं.

सोशल मीडिया पर दलित उत्पीड़न से संबंधित इन घटनाओं के वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई, जबकि एक अन्य मामले में पीड़ितों ने आजमगढ़ पुलिस पर उनके साथ मारपीट करने और तलाशी के बहाने उनके घरों को तोड़ने के आरोप लगाए. पुलिस ने हालांकि इन आरोपों से इनकार किया है.

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दलित उत्पीड़न की इन घटनाओं पर जवाब मांगा है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दलित उत्पीड़न का ताजा मामला बीते आठ जुलाई को कानपुर देहात का है, जहां कुछ लोगों ने सार्वजनिक तौर पर 19 साल के एक युवक के बाल पकड़कर उसे खींचा और लात-घूसों से उसकी पिटाई की, लेकिन घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बीते 10 जुलाई को मामला दर्ज किया गया.

पुलिस अधिकारी का कहना है, ‘कानपुर देहात की पुलिस ने इस घटना में शामिल चार लोगों को बीते रविवार को गिरफ्तार किया. घटना के वीडियो में नजर आ रहे लोगों को पकड़ने के लिए छापेमारी की गई. वहीं, पीड़ित का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है और डॉक्टरों ने उनकी हालत स्थिर बताई है.’

बता दें कि बीते 10 जुलाई को दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिसमें पेड़ से बंधे एक युवा को कुछ लोग पीटते दिखाई दे रहे हैं. ये लोग पीड़ित के निजी अंग में डंडा डालते नजर आ रहे हैं और उसकी जाति को लेकर उससे सवाल कर रहे हैं.

पुलिस का कहना है कि मामले में जांच शुरू कर दी गई है.

पीड़ित की पहचान श्रवण के तौर पर हुई है, जो एक टेंट हाउस में काम करता है.

कानपुर देहात के सर्किल ऑफिसर अरुण कुमार सिंह ने कहा, ‘शुरुआती जांच से पता चलता है कि प्रेम संबंधों को लेकर युवक से मारपीट की गई. अकबरपुर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है.’

सिंह ने कहा, ‘वीडियो में दिखाई दे रहे चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अन्य की तलाश में छापेमारी की जा रही है.’

वहीं, एक अन्य मामले में चंदौली पुलिस ने बरथारा खुर्द गांव में जमीन विवाद को लेकर दलित परिवार पर कथित तौर पर हमला करने और उनके घर को आग के हवाले करने के लिए बीते 10 जुलाई को ठाकुर समुदाय के चार लोगों को गिरफ्तार किया गया.

यह घटना आठ जुलाई को हुई, लेकिन वीडियो के वायरल होने के बाद एफआईआर दर्ज की गई.

वीडियो क्लिप में लाठी-डंडों के साथ कुछ लोगों को देखा जा सकता है, जो अन्य लोगों को धमका रहे हैं. पीड़ित के घर को भी आग लगा दी गई.

पीड़ितों में से एक वैजंती देवी की शिकायत के आधार पर दर्ज शिकायत में कहा गया है कि आरोपियों ने घर को आग लगाने से पहले उनके बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों की पिटाई की.

कोतवाली पुलिस थाने में छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

चंदौली के एसीपी दयाराम का कहना है कि एफआईआर में नामजद चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और अन्य को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है.

पुलिस ने कहा कि शुरुआती जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों के स्वामित्व वाली कृषि भूमि के साथ ही पीड़िता वैजंती देवी का घर है और आरोपियों का कहना है कि दलित परिवार उनकी जमीन पर कूड़ा-कचरा फेंकता था.

बता दें कि लगभग एक हफ्ते पहले दलित परिवार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें आजमगढ़ जिले के रौनापार थानाक्षेत्र के पलिया गांव में उनके घर को कुछ लोग क्षतिग्रस्त करते देखे जा सके हैं. परिवार ने पुलिस पर 29 जून को उनके घर में तोड़-फोड़ करने का आरोप लगाया है.

पीड़ित परिवार का आरोप है कि 29 जून को पुलिस की एक टीम उनके घर पहुंची, तलाशी के बहाने उनके घर में तोड़-फोड़ की और उनसे मारपीट की. वहीं, पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया है.

पुलिस ने बताया था कि पलिया गांव के मुखिया और उसके साथियों ने 29 जून को एक व्यक्ति की पिटाई की, क्योंकि उन्होंने मुखिया के बेटे और अन्य द्वारा कुछ लड़कियों को परेशान करने का वीडियो बना लिया था. ये लोग दो पुलिसकर्मियों से मारपीट के भी आरोपी हैं.

आरोप है कि  पुलिस पर हमले के बाद देर रात पुलिस ने दलित बस्ती की घेराबंदी की. मुख्य आरोपी बताए जा रहे ग्राम प्रधान के मकान में तोड़फोड़ की और मकान को गिरा दिया.

परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके घरों में लूटपाट भी की. पुलिस की कार्रवाई को देखकर ग्रामीण सहम गए और इसके बाद पुरुष व बच्चे घर छोड़कर भाग गए. दूसरे दिन पुलिस ने 11 नामजद व 135 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया. इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं.

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