वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की बेंगलुरु स्थित घर में गोली मारकर हत्या

हिंदुत्ववादी सांप्रदायिक राजनीति की कट्टर विरोधी गौरी लंकेश कर्नाटक से निकलने वाली साप्ताहिक पत्रिका ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ की संपादक थीं.

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हिंदुत्ववादी सांप्रदायिक राजनीति की कट्टर विरोधी गौरी लंकेश कर्नाटक से निकलने वाली साप्ताहिक पत्रिका ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ की संपादक थीं.

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पत्रकार गौरी लंकेश. (फोटो साभार: फेसबुक)

अपने निर्भीक लेखन और बेबाक विचारों की वजह से कर्नाटक में लोकप्रिय वरिष्ठ पत्रकार और संपादक गौरी लंकेश की मंगलवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई.

अज्ञात बदमाशों ने बेंगलुरु के राजराजेश्वरी नगर में स्थित उनके घर में घुसकर वारदात को अंजाम दिया. रात तकरीबन आठ बजे उनके घर के दरवाज़े पर बेहद करीब से उन्हें तीन गोलियां मारी गईं.

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, वह ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ नाम की साप्ताहिक मैगजीन की संपादक थीं. इस मैगजीन को ‘व्यवस्था विरोधी’ प्रकाशन के रूप में जाना जाता है.

रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक में संघ परिवार की सांप्रदायिक राजनीति के ख़िलाफ़ लेखन के चलते पिछले कुछ दिनों से वह कुछ लोगों के निशाने पर थीं. राज्य में कांग्रेस शासन है और अगले साल यहां चुनाव होने हैं.

कन्नड़ भाषा के प्रख्यात लेखक और गौरी लंकेश के बचपन के मित्र के. मुरलीसिडप्पा ने द वायर से बातचीत में कहा, ‘उनकी हत्या की ख़बर बेहद भयंकर है. उन्होंने यहां संघ परिवार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल रखा था. वास्तव में उनकी हत्या हो जाना यह बताता है कि स्थितियां कितनी ख़तरनाक हो चुकी हैं. जिन लोगों ने तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पानसरे और एमएम कलबुर्गी को मार डाला, उन्हीं लोगों ने गौरी लंकेश की हत्या की है.’

पिछले साल नवंबर में गौरी लंकेश को 2008 में लिखे एक लेख की वजह से मानहानि को दोषी पाया गया है. इस लेख को धारवाड़ से भाजपा सांसद प्रहलाद जोशी और भाजपा नेता उमेश दुशी ने आपत्तिजनक कहा था.

इस लेख में आरोप लगाया गया था कि भाजपा सांसद भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल हैं. लंकेश ने ख़ुद के दोषी होने को चुनौती दी थी जिसके बाद उन्हें ज़मानत मिल गई थी.