नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के राजस्व में 90 फीसदी से अधिक की गिरावट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ को सबसे अधिक 10.64 करोड़ रुपये का राजस्व साल 2017-18 के दौरान हासिल हुआ, जबकि 2020-2021 में ये घटकर महज 1.02 करोड़ रुपये हो गया.

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मन की बात कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो साभार: पीआईबी)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ को सबसे अधिक 10.64 करोड़ रुपये का राजस्व साल 2017-18 के दौरान हासिल हुआ, जबकि 2020-2021 में ये घटकर महज 1.02 करोड़ रुपये हो गया.

मन की बात कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो साभार: पीआईबी)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा बहुप्रचारित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम की लोकप्रियता में तेजी से गिरावट आई है.

बीते सोमवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में इस कार्यक्रम के राजस्व में 90 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है. साल 2017-18 में ये अपने चरम पर था.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सांसद फौज़िया खान के एक सवाल के जबाव में सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में ‘मन की बात’ कार्यक्रम को 1.02 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जो साल 2017-18 में प्राप्त हुए कुल 10.64 करोड़ रुपये के राजस्व की तुलना में 90 फीसदी से ज्यादा की गिरावट है.

साल 2020-21 में हुई कुल आय वित्त वर्ष 2014-15 के चार महीने में हुई आय से भी कम है.

इस कार्यक्रम को 2014-15 में 1.16 करोड़ रुपये, साल 2015-16 में 2.81 करोड़ रुपये, 2016-17 में 5.14 करोड़ रुपये और 2018-19 में 7.47 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे. इसके बाद साल 2019-20 में कार्यक्रम ने सिर्फ 2.56 करोड़ रुपये ही अर्जित किए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ 2014 में शुरू होने के बाद से इस कार्यक्रम ने 30.80 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है. मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण विभिन्‍न आकाशवाणी और दूरदर्शन के चैनलों पर महीने के अंतिम रविवार को पूर्वाह्न 11 बजे किया जाता है.

ठाकुर ने कहा, ‘प्रसार भारती ने अपने आकाशवाणी और दूरदर्शन नेटवर्क और सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म पर भी आज की तारीख तक ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 78 एपिसोड का प्रसारण किया है. यह कार्यक्रम विभिन्‍न भाषाओं और उसके बाद बोलियों में भी प्रसारित किया जा रहा है.’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य राकेश सिन्हा ने प्रश्न किया था कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम से रेडियो की लोकप्रियता में वृद्धि हुई है और इसका पुनरुद्धार हुआ है.

इसके जवाब में सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दावा करते हुए कहा, ‘जी, हां’. जबकि उपर्युक्त आंकड़े दर्शाते हैं कि इस कार्यक्रम की कमाई में लगातार गिरावट आ रही है.

उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम के माध्‍यम से देश भर की जनता तक पहुंचने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक अनूठी पहल है. यह कार्यक्रम प्रत्‍येक नागरिक को प्रधानमंत्री के रेडियो संबोधन के जरिए जुड़ने, सुझाव देने और सहभागी शासन का हिस्‍सा बनने का अवसर प्रदान करता है.’

ठाकुर ने बताया कि दूरदर्शन के 34 चैनल और लगभग 91 निजी सैटेलाइट टीवी चैनल पूरे भारतवर्ष में इस रेडियो कार्यक्रम का प्रसारण करते हैं और इसके दर्शकों की संख्‍या 11.8 करोड़ है और यह वर्ष 2020 में 14.3 करोड़ लोगों को सुलभ था.

उन्होंने कहा, ‘इससे परंपरागत रेडियो में फिर से रुचि और जागरूकता उत्‍पन्‍न हुई है.’

एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में अपनी शुरुआत से अब तक ‘मन की बात’ से 30.80 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ है. सबसे अधिक राजस्व 2017-18 के दौरान हासिल हुआ जबकि सबसे कम राजस्व 2020-2021 में आया.

हालांकि उन्होंने दोहराया कि प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम का मुख्‍य उद्देश्‍य दिन-प्रतिदिन शासन के मुद्दों पर नागरिकों के साथ संवाद स्‍थापित करना है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)