देश के विभिन्न राज्यों के पत्रकार संगठनों समेत आम नागरिकों ने इस जघन्य हत्या की निंदा की. अमेरिकी दूतावास और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी चिंता जताई.
नई दिल्ली: बेंगलुरु में वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की बुधवार को राजनीतिक दलों, पत्रकार संगठनों और सामाजिक संगठनों ने कड़ी निंदा की. कांग्रेस ने इस मामले को लेकर भाजपा को घेरा तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने इस घटना के तार भाजपा या उसके लोगों से कथित तौर पर जुड़े होने के आरोपों को ग़ैर ज़िम्मेदाराना, निराधार और फर्ज़ी क़रार दिया.
पत्रकार की हत्या की निंदा करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि यह घटना इस बात की भयावह याद दिलाती है कि असहिष्णुता और कट्टरता हमारे समाज में सिर उठा रही है.
पार्टी ने साथ ही कहा कि संप्रग के 10 साल के शासनकाल में ऐसी कोई घटना नहीं हुई जबकि 2014 में केंद्र में भाजपा सरकार के आने के बाद से सीपीआई नेता गोविंद पानसरे, तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर, एमएम कलबुर्गी के बाद अब लंकेश गौरी को उनके स्वंतत्र विचारों के कारण निशान बनाया गया. पार्टी ने कहा कि 2014 के बाद से देश में असहिष्णुता और भय का जो माहौल बनाया गया है, उसके कारण यह घटनाएं हो रही हैं.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी इस हत्याकांड की निंदा की और कहा कि सच्चाई को कोई दबा नहीं सकता.
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा कि सोनिया और राहुल ने इस घटना को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से बातचीत की और दोषियों को पकड़ने के लिए यथासंभव कदम उठाने को कहा.
सोनिया गांधी ने एक बयान में कहा, देश में तर्कवादियों, स्वतंत्र सोच रखने वालों और पत्रकारों की हत्या की कई घटनाओं ने ऐसा माहौल पैदा कर दिया है कि असंतोष , वैचारिक मतभेद और विचारों को लेकर असहमति आपकी जान को ख़तरे में डाल सकती है. इसे सहन नहीं किया जा सकता और इसे सहन नहीं किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, यह हमारे लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुखद क्षण हैं और यह घटना सचेत करती है कि असहिष्णुता और कट्टरता हमारे समाज में अपना सिर उठा रही है.
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें दक्ष हिंदूवादी नेता क़रार दिया और कहा कि वह जो बोलते हैं, उसका उनके अपने लोगों के लिए कुछ मतलब होता है और दुनिया के लिए कुछ और.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, सच को कभी दबाया नहीं जा सकता. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की विचारधारा सच को दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन भारत में यह नहीं हो सकता.
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोनिया और राहुल के बयानों को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ फर्ज़ी आरोप लगाना उनकी पार्टी के प्रति अन्याय और लोकतंत्र के लिए नुकसानदेह है.
गडकरी ने कहा, मौजूदा सरकार, भाजपा या इसके किसी संगठन का पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या से कोई सबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पर खामोश रहने का आरोप लगाया जा रहा है, जबकि लोग जानते हैं कि वह विदेश दौरे पर हैं.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया, वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की निंदा करती हूं. उम्मीद करती हूं कि त्वरित जांच होगी और न्याय मिलेगा. मेरी संवेदनाएं परिवार के साथ हैं.
55 वर्षीय कन्नड़ पत्रकार की मंगलवार रात बेंगलुरु के राजराजेश्वरी नगर स्थित उनके आवास पर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. वह वामपंथ की तरफ झुकाव और हिंदुत्व की राजनीति के ख़िलाफ़ स्पष्टवादी विचारों के लिए जानी जाती थीं.
गौरी अपनी कार से घर वापस लौटीं और गेट खोल रही थीं, तभी मोटरसाइकिल पर सवार हमलावरों ने उनपर अंधाधुंध गोलियां चला दीं, जिनमें से दो उनके सीने में और एक माथे पर लगी और उनकी वहीं मौत हो गई.
कर्नाटक सरकार ने गौरी लंकेश हत्या के मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की
बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने वरिष्ठ पत्रकार और कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या की जांच के लिए बुधवार को एक विशेष जांच दल एसआईटी गठित करने का फैसला किया.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और राज्य के गृह मंत्री रामालिंगा रेड्डी के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने संवाददाताओं से कहा कि एसआईटी का नेतृत्व महानिरीक्षक आईजी स्तर के अधिकारी करेंगे.
उन्होंने कहा कि राज्य जल्द से जल्द अपराधियों का पता लगाने को लेकर दृढ़ है और पुलिस महानिदेशक को एसआईटी गठित करने के निर्देश दिए.
सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले की सीबीआई जांच को लेकर भी संभावनाएं खुली हैं. उन्होंने कहा, लेकिन एसआईटी को जांच करने दें. अगर गौरी के परिवार के सदस्य ऐसा चाहते हैं तो मेरा विकल्प खुला है.
राजकीय सम्मान के साथ पत्रकार गौरी लंकेश का अंतिम संस्कार किया गया
बेंगलुरु: पत्रकार गौरी लंकेश का बुधवार को यहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
इस मौके पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, गृह मंत्री रामालिंगा रेड्डी, जदएस विधायक बीज़ेड जमीर अहमद ख़ान, अभिनेता प्रकाश राज, रंगमंच की हस्तियां, पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे.
यहां के टीआर मिल श्मशानघाट पर उनको श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में आम लोग भी पहुंचे थे. लिंगायत परंपरा के अनुसार उनको दफन किया गया और इस अवसर पर लोगों ने गौरी लंकेश अमर रहे और गौरी लंकेश ज़िंदाबाद के नारे लगाए.
गौरी के भाई ने दोषियों के जल्द गिरफ्तार होने का जताया भरोसा
बेंगलुरु: वरिष्ठ पत्रकार और कार्यकर्ता गौरी लंकेश के भाई ने बुधवार को भरोसा जताया कि सीसीटीवी फुटेज और पत्रकार के मोबाइल फोन से ठोस सबूतों की मदद से हत्यारे जल्द ही पकड़े जाएंगे.
गौरी के भाई और फिल्म निर्माता इंद्रजीत लंकेश ने यहां संवाददाताओं से कहा, परिसरों में सीसीटीवी कैमरे में पूरी घटना क़ैद हो गई है. मैं इस बात को लेकर काफी आश्वस्त हूं कि दोषी जल्द ही पकड़े जाएंगे.
उन्होंने कहा, यहां तक कि उनके फोन में कई सबूत और सुराग हैं. जांच चल रही है. मैं बाद में जानकारी दूंगा. इंद्रजीत ने कहा कि पुलिस ने सीसीटीवी की हार्ड डिस्क बरामद कर ली है. उन्होंने कहा, मैं उनसे इसे मेरे या मेरी मां के सामने देखने का अनुरोध कर रहा हूं.
उन्होंने कहा, गेट और दरवाजे के पास लगे दो सीसीटीवी कैमरों में बिना लाइट के भी पूरी घटना दर्ज हो गई है और यहां तक कि फुटेज से हम यह पता लगा सकते हैं कि असल में वहां क्या हुआ होगा. हमले की योजना और हमला करने की हर घटना उसमें दर्ज है.
दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में प्रदर्शन और सभा
दिल्ली के सैकड़ों पत्रकारों ने बुधवार को इस हत्याकांड के ख़िलाफ़ स्थानीय प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में विरोध प्रदर्शन किया. पत्रकारों ने गौरी के लिए इंसाफ की मांग की और असहमति की आवाज़ों को दबाने की कोशिश कर रही ताकतों से डटकर मुकाबला करने का आवान किया.
लेखक एवं वरिष्ठ पत्रकार परॉन्जय गुहा ठाकुरता ने गौरी की हत्या को भारतीय मीडिया के इतिहास में एक निर्णायक क्षण क़रार दिया. उन्होंने कहा, हम देख रहे हैं कि खुली सोच की गुंजाइश कम होती जा रही है. वे ऐसे लोगों को चुप कराना चाहते हैं जो सत्ता का सामना सच से कराना चाहते हैं. हम चुप नहीं रह सकते, क्योंकि वे तो यही चाहते हैं. बिल्कुल चुप न रहें. यह उनकी कामयाबी होगी.
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के साथ प्रेस एसोसिएशन और इंडियन विमेन प्रेस कोर ने गौरी की हत्या के विरोध में बुधवार दोपहर तीन बजे एक कार्यक्रम का आयोजन किया. वरिष्ठ पत्रकार माणिनी चटर्जी ने कहा, विधायी बहुमत चाहे कितना भी हो, कुछ अधिकार ऐसे होने चाहिए जिनका उल्लंघन नहीं किया जा सके.
ठाकुरता ने कहा, एक पत्रकार के साथ-साथ एक्टिविस्ट या एक्टिविस्ट के साथ-साथ पत्रकार होने में क्या गलत है.
उन्होंने कहा, गौरी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा था. गौरी को उसी ख़बर के लिए क्यों निशाना बनाया गया जो कई अन्य ने भी प्रकाशित की थी स्वतंत्र अभिव्यक्ति के बाबत इस निर्णायक क्षण में हम गौरी को भुला नहीं सकते और यदि हम ऐसा करते हैं तो वे अपने मकसद में कामयाब हो जाएंगे.
भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या को लेकर चिंता जताई और कर्नाटक सरकार से कहा कि वह घटना को लेकर विस्तृत रिपोर्ट सौंपे.
केरल श्रमजीवी पत्रकार संघ ने भी जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया. इस फोरम की दिल्ली इकाई ने कहा कि वरिष्ठ कन्नड़ पत्रकार की हत्या असहनशीलता की राजनीति का उदाहरण है. पत्रकार संघ ने यह भी कहा कि यह आलोचना की आवाजों को दबाने की कोशिश है.
राष्ट्रीय पत्रकार संघ से संबद्ध संगठनों ने देशभर में ज्ञापन सौंपे और हत्यारों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की. संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रासबिहारी ने यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि संगठन से जुड़ी सभी राज्य इकाइयों ने पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के विरोध में अपने-अपने यहां ज्ञापन सौंपे और धरना-प्रदर्शन किए. इस दौरान हत्यारों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की गई.
द एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने वरिष्ठ पत्रकार लंकेश की हत्या की कड़ी निंदा की और इस घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की. एक बयान में कहा गया, द एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया गौरी लंकेश की हत्या से काफी स्तब्ध है और इसकी कड़ी निंदा करती है. उनकी हत्या लोकतंत्र में असंतोष लोगों के लिए अशुभ संकेत है और प्रेस की आजादी पर क्रूर हमला है. संस्था यह मांग करती है कि कर्नाटक सरकार हत्या की न्यायिक जांच गठित करने के अलावा दोषियों को पकड़ने के लिए तत्परता से कार्रवाई करें.
मुंबई के पत्रकार संगठनों ने की निंदा
मुंबई: मुंबई प्रेस क्लब और बंबई पत्रकार संघ के नेतृत्व में विभिन्न मीडिया संगठनों ने वरिष्ठ कन्नड़ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की निंदा की और इस मामले की त्वरित जांच की मांग की.
मुंबई प्रेस क्लब के अलावा टीवी पत्रकार संघ, फोटोग्राफर संघ और नेटवर्क ऑफ विमेन इन मीडिया इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे. गौरी की हत्या की निंदा करने के लिए कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी आज शाम उपनगर बांद्रा में एक सभा आयोजित की है.
पुडुचेरी पत्रकार संघ ने की आलोचना
पुडुचेरी: पुडुचेरी पत्रकार संघ ने भी इस हत्याकांड की निंदा की. पत्रकार संघ के अध्यक्ष डी. शिवकुमार ने एक विज्ञप्ति में इस हत्या को नृशंस और बेहद निंदनीय बताया है.
उन्होंने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता का गला कभी नहीं घोंटा जा सकता. लोकतंत्र एवं संवैधानिक सर्वोच्चता के हित के लिए स्पष्ट टिप्पणियां एवं बेखौफ़ विचार व्यक्त करने वाले पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए.
कर्नाटक में विरोध प्रदर्शन
बेंगलुरु: पत्रकार और कार्यकर्ता गौरी लंकेश की यहां हुई हत्या की निंदा करते हुए शहर भर में विरोध प्रदर्शन हुए. वहीं चेन्नई में भी लंकेश की हत्या को लेकर पत्रकारों और आम लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
पत्रकारों ने हत्या के विरोध में प्रेस क्लब से लेकर राज्य सचिवालय तक मार्च किया और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की.
हत्या की निंदा करते हुये बेंगलुरु प्रेस क्लब के अध्यक्ष सदाशिव शेनॉय ने कहा कि हम मांग करते हैं कि इस निर्मम हत्या की जांच के लिए हाईकोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक समिति गठित की जानी चाहिए.
स्वतंत्रता सेनानी 99 वर्षीय एचएस दुरईस्वामी के नेतृत्व में टाउन हॉल पर एक प्रदर्शन का आयोजन किया गया जहां सैकड़ों लोग गौरी लंकेश को श्रृद्धांजलि देने पहुंचे और उनकी हत्या पर नाराजगी व्यक्त की.
गौरी लंकेश के शव को यहां रविंद्र कलाक्षेत्र में रखा गया है जहां लोगों ने उन्हें आखिरी विदाई दी.
चेन्नई में भी घटना की निंदा
चेन्नई में पत्रकार संगठनों और राजनीतिक दलों ने बेंगलुरु में वरिष्ठ पत्रकार की हत्या की निंदा की और इस तरह की घटनाओं की निंदा की. चेन्नई प्रेस क्लब ने कहा, इस घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया और एक बार फिर भारत में पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं.
प्रेस क्लब ने एक बयान में कहा, जिस तरीके से गौरी लंकेश की हत्या हुई वह दिखाता है कि इसे योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया. चेन्नई प्रेस क्लब कर्नाटक सरकार से अनुरोध करता है कि हत्या के लिये जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार किया जाए.
मद्रास पत्रकार संघ ने भी इस हत्या की कड़े शब्दों में निंदा की और हत्यारों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की है.
हैदराबाद में पत्रकारों ने की निंदा की
हैदराबाद: हैदराबाद में मीडियाकर्मियों ने वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के विरुद्ध प्रदर्शन किया और अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की.
प्रेस क्लब हैदराबाद के तहत पत्रकारों ने लंकेश की हत्या की निंदा करते हुए नारेबाजी की. उन्होंने प्रेस क्लब से खैरताबाद सर्किल तक मार्च में भी हिस्सा लिया. उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर, मैं भी गौरी हूं, तुम हत्या के ज़रिये अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गला नहीं घोट सकते जैसे नारे लिखे थे.
मध्य प्रदेश के पत्रकारों ने आलोचना की
भोपाल: मध्य प्रदेश के पत्रकारों ने भोपाल में इस हत्याकांड की आलोचना की है और इस घटना की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है.
फ्रैंड्स आॅफ फ्री मीडिया ग्रुप के संयोजक एवं वरिष्ठ पत्रकार दीपक तिवारी ने कहा, यह घटना प्रेस की आज़ादी पर हमला है. यह वारदात निंदनीय है. हमारी मांग है कि इस मामले की सीबीआई जांच हो.
संगठन ने लंकेश हत्याकांड पर दुख व्यक्त करते हुये पीड़ित परिजनों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की और दिवंगत पत्रकार के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा.
लेखकों के मंच ने नफरत के ख़िलाफ़ संघर्ष की शपथ ली
नई दिल्ली: वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की निंदा करते हुए इंडियन राइटर्स फोरम ने बुधवार को शपथ ली कि वे मुक्त विचार और भारत के बहुलतावाद से नफरत करने वालों के ख़िलाफ़ उनकी लड़ाई को जारी रखेंगे.
मंच की तरफ से जारी एक बयान में लंकेश को असहमति की आवाज़ थी, एक उद्देश्य की आवाज़ थी जिसे बंदूकों से शांत कर दिया गया.
अमेरिकी दूतावास ने आलोचना की
नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास की ओर से बुधवार को जारी बयान में प्रेस की आज़ादी का हवाला देते हुए इस वारदात को निंदनीय बताया गया है.
अमेरिकी दूतावास के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सम्मानित पत्रकार गौरी लंकेश की बेंगलुरु में हुई हत्या के संदर्भ में भारत सहित दुनिया भर में प्रेस की आज़ादी के हवाले से हो रही आलोचना में अमेरिकी दूतावास अपना स्वर मिलाता है. दूतावास ने लंकेश हत्याकांड पर दुख व्यक्त करते हुए पीड़ित परिजनों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की.
एमनेस्टी ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर जताई चिंता
मानवाधिकारों पर नज़र रखने वाली एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने कहा कि बेंगलुरु में पत्रकार गौरी लंकेश की उनके घर के बाहर बंदूकधारियों द्वारा की गई हत्या देश में अभिव्यक्ति की आज़ादी की स्थिति के बारे में चिंता पैदा करती है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल की प्रोग्राम्स डायरेक्टर अस्मिता बसु ने कहा, उनकी हत्या की विस्तृत जांच कराई जानी चाहिए और उनके दोषियों को सज़ा दिलानी चाहिए. पुलिस को इस बात की जांच करनी चाहिए कि क्या उनकी पत्रकारिता के कारण उनकी हत्या की गई.
बॉलीवुड ने पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की निंदा की
मुंबई: जावेद अख्तर, शबाना आजमी, सोनम कपूर और दिया मिर्जा जैसी बॉलीवुड हस्तियों ने पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की निंदा करते हुए इस घटना को प्रेस की आज़ादी पर हमला क़रार दिया.
गीतकार जावेद अख़्तर ने ट्वीट किया, दाभोलकर, पानसरे, कलबुर्गी और अब गौरी लंकेश. अगर एक ही तरह के लोगों की हत्या हो रही है तो फिर किस तरह के लोग हत्यारे हैं.
उनकी पत्नी और अभिनेत्री शबाना ने ट्वीट कर कहा, गौरी लंकेश की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। स्तब्धकारी और दुखदायी घटना है. दाभोलकर, पानसरे और कलबुर्गी के हत्यारों को दंडित किया जाना चाहिए.
अभिनेत्री दिया मिर्जा ने ट्वीट किया, हत्यारों का पता लगाया जाना चाहिए और दंडित किया जाना चाहिए.
अभिनेता जावेद ज़ाफरी ने कहा, यह बहुत ख़तरनाक संकेत है कि उन सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की हत्या की जा रही है जो सरकार से सवाल करते हैं.
मोदी और संघ प्रमुख की चुप्पी पर भाकपा ने सवाल उठाए
कन्नड़ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत की चुप्पी पर हैरत जताते हुए भाकपा ने बुधवार को सवाल उठाए. पार्टी ने आरोप लगाया कि इस हमले के पीछे दक्षिणपंथी और धर्मांध ताकतें हैं.
भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी. राजा ने कहा, मैं उनकी हत्या की कड़ी निंदा करता हूं. दक्षिणपंथी फासीवादी ताकतें इतनी आक्रामक हो गई हैं कि अब वे कानून को अपने हाथों में लेने लगी हैं. यह हमला भी उन्हीं की घृणित साजिश का एक हिस्सा है.
भाकपा नेता अतुल कुमार अंजान ने कहा कि यह हत्या प्रेस की स्वतंत्रता पर भी हमला है. उन्होंने कहा, धर्मांधों द्वारा बेरहमी से किए गए इस हमले की कई राजनीतिक दलों और नेताओं ने निंदा की है. लेकिन प्रधानमंत्री और संघ प्रमुख मोहन भागवत की चुप्पी हैरान करने वाली है.
भाकपा नेता अतुल कुमार अंजान ने कहा कि यह हत्या प्रेस की स्वतंत्रता पर भी हमला है. उन्होंने कहा, धर्मांध बेरहमी से किए गए इस हमले की कई राजनीतिक दलों और नेताओं ने निंदा की है. लेकिन प्रधानमंत्री और संघ प्रमुख मोहन भागवत की चुप्पी हैरान करने वाली है.
माकपा ने एक बयान में कहा, पोलित ब्यूरो पत्रकार की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा करती है. यह हत्या उसी तर्ज पर है जैसे पहले उन आवाज़ों को दबाया गया जिन्होंने नफरत के मौजूदा माहौल और आरएसएस और भाजपा की असहिष्णुता के ख़िलाफ़ बोलने की हिम्मत की थी.
कर्नाटक सरकार लंकेश की हत्या के दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करे: भाजपा
भाजपा ने कर्नाटक सरकार से कहा कि वह पत्रकार गौरी लंकेश की बेंगलुरु में हुई हत्या की त्वरित जांच करे और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करे. केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर हमला बोला और कहा कि कांग्रेस नीत सरकार में कानून व्यवस्था की हालत बहुत खराब है. उन्होंने कहा कि बीते ढाई वर्षों में यहां 18-19 राजनीतिक हत्याएं हुई हैं जिनमें तर्कवादी एमएम कलबुर्गी की हत्या भी शामिल है.
बेंगलुरु से लोकसभा सदस्य अनंत कुमार ने संवाददाताओं से कहा, कर्नाटक की वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की बेरहमी से हत्या कर दी गई. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. हम राज्य सरकार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से अनुरोध करते हैं कि वह त्वरित जांच करवाएं, दोषियों को तत्काल गिरफ्तार करें और उन्हें कठोर दंड दें.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)