एमपी: मायके से पैसा न मांगने पर महिला को तेजाब पिलाने के आरोप में पति और एक महिला गिरफ़्तार

घटना 28 जून को ग्वालियर ज़िले के डबरा की है. पति कार ख़रीदने के लिए पत्नी से मायके से पैसे मांगने का दबाव बना रहा था. इससे इनकार करने पर कथित तौर पर 22 वर्षीय एक महिला को तेज़ाब पिला दिया गया. उपका इलाज दिल्ली के एक अस्पताल में चल रहा है. मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में एक पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है.

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दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती महिला से मिलने गई थीं. (फोटो साभार: ट्विटर)

घटना 28 जून को ग्वालियर ज़िले के डबरा की है. पति कार ख़रीदने के लिए पत्नी से मायके से पैसे मांगने का दबाव बना रहा था. इससे इनकार करने पर कथित तौर पर 22 वर्षीय एक महिला को तेज़ाब पिला दिया गया. उपका इलाज दिल्ली के एक अस्पताल में चल रहा है. मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में एक पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है.

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती महिला से मिलने गई थीं. (फोटो साभार: ट्विटर)

ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पुलिस ने 22 वर्षीय एक महिला को कथित रूप से तेजाब पिलाये जाने पर उसके ससुरालवालों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है.

तेजाब पिलाने के आरोप में महिला के पति और भाभी को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. दोनों को बुधवार देर शाम जेल भेज दिया गया. साथ ही इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में एक पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि आरोपियों ने दहेज की मांग पूरी न होने पर कथित तौर अपनी बहू यानी इस महिला को तेजाब पिलाया था.

दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ट्वीट कर दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की थी. इसके बाद ग्वालियर पुलिस ने कार्रवाई की है.

पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित सांघी ने कहा कि दिल्ली में कार्यकारी मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता द्वारा दिए गए बयान के आधार पर पुलिस ने 20 जुलाई की शाम उसके ससुरालवालों के खिलाफ पूर्व में दर्ज दहेज के मामले में आईपीसी की धाराएं 307 (हत्या का प्रयास) और 326 ए (एसिड के इस्तेमाल से गंभीर चोट पहुंचाना) भी जोड़ी हैं.

अधिकारी ने बताया कि घटना 28 जून को ग्वालियर जिले के डबरा की है. इसके बाद पीड़िता की मां ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को उसके ससुरालवालों ने दहेज की मांग पूरी न होने पर तेजाब पिला दिया. घटना के बाद डबरा थाने में पीड़िता के ससुरालवालों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

दैनिक भास्कर के मुताबिक, घाटीगांव सिमरिया निवासी शशि जाटव (22 वर्ष) की शादी 17 अप्रैल 2021 को डबरा के रामगढ़ निवासी वीरेंद्र कुमार जाटव से हुई थी.

लॉकडाउन के बाद वीरेंद्र को नई कार खरीदनी थी. इसके लिए 3 लाख रुपये कम पड़ रहे थे. वह पत्नी को मायके से रुपये लाने के लिए कह रहा था. 27 जून की रात उसने पत्नी से फिर पैसे लाने के लिए कहा, लेकिन इस बार पत्नी ने मना कर दिया. उसके बाद पति ने उसे जबरदस्ती एसिड पिला दिया.

आरोपी ने ही उसे ग्वालियर के एक अस्पताल में भर्ती कराया था. इसके बाद मायके वालों ने डबरा थाने में दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कराया था.

एसपी ने बताया कि पीड़िता की हालत खराब होने पर उसे उपचार के लिए दिल्ली रेफर किया गया, जहां उसने मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान में बताया कि उसके पति और ससुरालवालों ने दहेज की मांग पूरी न होने पर उसे तेजाब पिलाया.

इससे पहले 20 जुलाई को मालीवाल ने एक ट्वीट में बताया कि वह दिल्ली में अस्पताल में पीड़िता से मिलने गई थीं.

मालीवाल ने लिखा था, ‘ग्वालियर की लड़की को उसके पति ने तेजाब पिलाया, जिससे उसके अंग जल गए. अब तक कोई गिरफ्तार नहीं हुआ. लड़की का इलाज हम दिल्ली में करवा रहे हैं और उसके बयान भी एसडीएम के सामने दर्ज करवाए गए हैं. ये भयानक फोटो इस आस से डाली है कि शिवराज सिंह चौहान जी (मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश) अपराधियों को गिरफ्तार करवाएंगे.’

ट्वीट का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यालय ने मालीवाल को ग्वालियर पुलिस द्वारा इस मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी दी है.

दैनिक भास्कर के मुताबिक, पत्नी को तेजाब पिलाने के आरोप में महिला के पति वीरेंद्र कुमार जाटव को पुलिस ने बुधवार को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया. उसकी भाभी मिथलेश को भी गिरफ्तार किया है. दोनों को बुधवार शाम को जेल भेज दिया गया है.

साथ ही इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में एक पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है. एएसआई ब्रह्म कुमार दीक्षित ने सिर्फ दहेज प्रताड़ना से संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया था. एफआईआर में तेजाब पिलाने से संबंधित धाराओं का जिक्र तक नहीं किया था.

जानकारी देने के बावजूद मामले के जांचकर्ता एएसआई ने 20 जुलाई तक न तो धाराएं बढ़ाईं और न ही पीड़िता का बयान दर्ज किया. मामले पर तत्काल कार्रवाई नहीं करने और जांच में लापरवाही बरतने के लिए एएसआई को निलंबित कर दिया गया.

पीड़ित महिला के भाई योगेश जाटव ने कहा, ‘शादी के बाद से ही ससुराल में बहन को परेशान करना शुरू कर दिया था. शादी से ठीक पहले भी उन्होंने रुपयों की मांग की थी. जिस पर हमें सिमरिया गांव में अपनी एक बीघा जमीन भी सस्ते में बेचनी पड़ी थी.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)