कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने दावा किया है कि उन्हें भाजपा के संसदीय सहयोगियों द्वारा विश्वसनीय रूप से सूचित किया गया है कि 2024 से पहले लोकसभा की संख्या 1000 या उससे अधिक करने का प्रस्ताव है. ऐसा करने से पहले एक गंभीर सार्वजनिक परामर्श होना चाहिए. वर्तमान में लोकसभा में 543 और राज्यसभा में 245 सदस्य हैं.
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने रविवार को दावा किया कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के पास साल 2024 से पहले लोकसभा के सांसदों की संख्या 1000 या उससे अधिक बढ़ाने का प्रस्ताव है. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी फैसला लेने से पहले सार्वजनिक चर्चा होनी चाहिए.
एक ट्वीट में तिवारी ने कहा, ‘मुझे भाजपा के संसदीय सहयोगियों द्वारा विश्वसनीय रूप से सूचित किया गया है कि 2024 से पहले लोकसभा की संख्या 1000 या उससे अधिक करने का प्रस्ताव है. 1000 सीटों वाले नए संसद कक्ष का निर्माण किया जा रहा है. ऐसा करने से पहले एक गंभीर सार्वजनिक परामर्श होना चाहिए.’
एक अन्य कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, ‘सार्वजनिक बहस की आवश्यकता है. हमारे जैसे बड़े देश के लिए सीधे चुने जाने वाले अधिक प्रतिनिधियों की जरूरत है. लेकिन अगर यह वृद्धि जनसंख्या के आधार पर होती है तो इससे दक्षिणी राज्यों का प्रतिनिधित्व और कम हो जाएगा, जो स्वीकार्य नहीं होगा.’
Public debate is needed. A large country like ours needs more directly elected representatives. But if the increase is based on population it will further diminish the representation of the southern states, that will not be acceptable.
— Karti P Chidambaram (@KartiPC) July 25, 2021
बता दें कि फिलहाल लोकसभा में 543 और राज्यसभा में 245 सदस्य हैं. हालांकि, सरकार ने नए संसद भवन के निर्माण के बाद संसद में जनप्रतिनिधियों की संख्या बढ़ाने के संकेत दिए हैं.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर, 2020 के एक इंटरव्यू में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा था कि यह मान लिया जाना चाहिए कि निकट भविष्य में सांसदों की संख्या में वृद्धि होगी, क्योंकि कुछ लोकसभा सीटें 16 लाख से 18 लाख लोगों का प्रतिनिधित्व करती हैं.
ओम बिरला ने कहा था कि निचले सदन में जगह की कमी के कारण कई सांसदों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
उन्होंने कहा था, ‘वर्तमान में यदि सभी 543 सांसद भवन में मौजूद हैं, तो वे सभी अध्यक्ष के आसन से दिखाई नहीं देते हैं. कई सांसदों को खंभों के पीछे भी बैठना पड़ता है. वे शिकायत करते हैं कि ऐसी स्थिति में वे ठीक से (सदन को संबोधित) नहीं कर पा रहे हैं और काम करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. डेस्क और बैठने की स्थान पर जगह की कमी है. आधुनिक मल्टीमीडिया संचार उपकरण और मतदान प्रणाली के लिए कोई स्थान नहीं है.’
ओम बिरला ने कहा कि नए संसद भवन के लोकसभा में 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, जिसमें संयुक्त सत्र के दौरान क्षमता को बढ़ाकर 1,224 करने का विकल्प होगा. इसी तरह राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी.