सीमा विवाद को लेकर असम और मिज़ोरम के मुख्यमंत्रियों के बीच सार्वजनिक रूप से कहासुनी हुई. दोनों मुख्यमंत्रियों ने हिंसा के लिए एक-दूसरे को ज़िम्मेदार ठहराते हुए केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिमंता बिस्वा शर्मा और ज़ोरमथांगा से बात कर शांति बनाए रखने की अपील की है.
गुवाहाटी/आइजोल/नई दिल्ली: असम और मिजोरम के बीच पिछले कुछ हफ्तों से जारी सीमा विवाद सोमवार शाम को अचानक हिंसक हो गया. इस दौरान राज्य की सीमा की सुरक्षा कर रहे असम पुलिस के कम से कम छह जवानों की मौत हो गई और एक पुलिस अधीक्षक समेत 60 अन्य घायल हो गए हैं.
यह नवीनतम संघर्ष असम के कछार जिले के लैलापुर गांव और पड़ोसी मिजोरम के कोलासिब जिले के पड़ोसी वैरेंग्टे गांव के स्थानीय लोगों के बीच तनाव की परिणति थी. माना जा रहा है कि असम पुलिस द्वारा हाल ही में किए गए अतिक्रमण अभियान ने तनाव को और बढ़ा दिया है.
दोनों पक्षों ने हिंसा के लिए एक-दूसरे की पुलिस को जिम्मेदार ठहराया और केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की. इस मामले को लेकर असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों के बीच सार्वजनिक रूप से कहासुनी भी हुई है. दोनों मुख्यमंत्रियों ने हिंसा के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने क्रमश: असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों, हिमंताा बिस्वा शर्मा और जोरमथांगा से बात की और उनसे विवादित सीमा पर शांति सुनिश्चित करने और सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने का आग्रह किया.
अमित शाह ने पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत में सीमा विवादों को सुलझाने की आवश्यकता को रेखांकित किया था, जिसके दो दिन बाद यह घटना सामने आई है.
असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रधानाचार्य बाबुल बेजबरूआ ने बताया कि कम से कम 50 घायल पुलिसकर्मचारियों को भर्ती कराया गया है, जिन्हें गोली लगी है.
उन्होंने कहा कि अस्पताल में घायलों का आना जारी है और करीब 10 और घायलों को पास के ही धोलाई के अस्पताल में भर्ती किया गया है, जिनमें से अधिकतर पुलिसकर्मी हैं.
असम के बराक घाटी के जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडी मिजोरम के तीन जिलों आइजोल, कोलासिब और मामित के साथ 164 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं. एक क्षेत्रीय विवाद के बाद अगस्त 2020 और इस साल फरवरी में अंतर-राज्यीय सीमा पर झड़पें हुईं.
असम के मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर घोषणा की कि कछार जिले में अंतर-राज्यीय सीमा पर मिजोरम की ओर से ‘उपद्रवियों’ द्वारा की गई गोलीबारी में असम पुलिस के छह जवान मारे गए.
शर्मा ने ट्वीट किया, ‘मुझे यह सूचित करते हुए बहुत दुख हो रहा है कि असम-मिजोरम सीमा पर हमारे राज्य की संवैधानिक सीमा की रक्षा करते हुए असम पुलिस के छह बहादुर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना.’
I am deeply pained to inform that six brave jawans of @assampolice have sacrificed their lives while defending constitutional boundary of our state at the Assam-Mizoram border.
My heartfelt condolences to the bereaved families.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 26, 2021
हालांकि, मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना ने एक बयान में कहा कि असम के 200 से अधिक पुलिसकर्मचारियों ने सीआरपीएफ की चौकी पारकर आगजनी, हमला और निहत्थे लोगों पर गोलीबारी की, जिसके बाद मिजोरम पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की.
असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीमा पार से उपद्रवियों ने उस समय अचानक गोलीबारी शुरू कर दी, जब दोनों पक्षों के नागरिक अधिकारी मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे थे.
अधिकारी ने फोन पर कहा, ‘मैं तत्काल यह नहीं बता सकता कि कितने लोग घायल हुए हैं, लेकिन मेरा अनुमान है कि कम से कम 50 कर्मचारी घायल हुए. गोलीबारी में हमारे एसपी भी घायल हो गए और एक गोली उनके पैर में लगी.’
आईपीएस अधिकारी जब फोन पर बात कर रहे थे तब वह जंगल के अंदर छिपे हुए थे और पीछे से गोलीबारी की आवाज सुनाई दे रही थी.
शाम के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों से दोनों राज्यों के बीच चल रहे सीमा विवाद पर बात की और उनसे विवाद का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने को कहा.
सूत्रों ने यह जानकारी दी.
सूत्रों ने बताया कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा के साथ टेलीफोन पर अलग-अलग बातचीत के दौरान शाह ने उनसे अंतरराज्यीय सीमा पर शांति बनाए रखने को कहा. गृह मंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि सीमा विवाद को आपसी सहमति से हल करें.
दोनों मुख्यमंत्रियों ने गृह मंत्री को आश्वासन दिया है कि शांति सुनिश्चित करने और सीमा मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
इसके तुरंत बाद मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना ने अपने बयान में कहा कि शाह के हस्तक्षेप के बाद असम पुलिस उस जगह से हट गई है और ड्यूटी पोस्ट सीआरपीएफ कर्मचारियों को वापस सौंप दी गई है.
इससे पहले, दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सोमवार को एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए और एक-दूसरे की पुलिस को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया. दोनों ने केंद्र से मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने ट्विटर पर कहा कि उन्होंने मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा से बात की है और उनकी पुलिस शांति बनाए रखेगी.
जोरमथांगा ने असम पुलिस पर लाठीचार्ज करने और आंसू गैस के गोले छोड़ने के आरोप लगाए, जबकि असम की पुलिस ने दावा किया कि मिजोरम से बड़ी संख्या में ‘उपद्रवियों’ ने पथराव किया और असम सरकार के अधिकारियों पर हमला किया.
मिजोरम के पुलिस महानिरीक्षक (उत्तरी रेंज) लालबियाकथांगा खियांगते ने कहा कि विवादित क्षेत्र में ऐटलांग नदी के पास कम से कम आठ झोपड़ियों में रविवार की रात 11:30 बजे आग लगा दी गई. उन्होंने बताया कि इन झोपड़ियों में कोई नहीं था.
उन्होंने बताया कि ये झोपड़ी असम के नजदीकी सीमावर्ती गांव वैरेंग्टे के किसानों की है.
असम के स्थानीय लोगों ने आरोप लगाए कि अपराधी लाठी, डंडे, लोहे की छड़ और राइफल लिए हुए थे और उन्होंने ललितपुर में असम पुलिस के कर्मचारियों पर हमला किया और कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसमें उपायुक्त कार्यालय के वाहन भी शामिल थे.
जोरमथांगा ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें असम के पुलिस कर्मचारियों और डंडे लिए हुए युवकों के समूह के बीच संघर्ष हो रहा है.
उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय गृह मंत्री के कार्यालय, हिमंता बिस्वा शर्मा और असम के कछार जिले के अधिकारियों को टैग करते हुए लिखा, ‘अमित शाह जी, कृपया मामले को देखें. इसे तुरंत रोकने की जरूरत है.’
Honble Zoramthanga ji could you please investigate why are civilians from Mizoram holding sticks and trying to incite violence ? We urge civilians to not take up law and order on their own hands and permit peaceful dialogue to take place between governments @AmitShah @PMOIndia https://t.co/BRkhWYuEUX
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 26, 2021
जोरमथांगा ने एक अन्य ट्वीट में कछार से मिजोरम लौट रहे एक ‘निर्दोष दंपति’ पर कथित हमले की बात भी कही. उन्होंने पूछा, ‘इन हिंसक कृत्यों को आप कैसे उचित ठहरा सकते हैं?’
Innoncent couple on their way back to Mizoram via Cachar manhandled and ransacked by thugs and goons.
How are you going to justify these violent acts?@dccachar @cacharpolice @DGPAssamPolice pic.twitter.com/J9c20gzMZQ
— Zoramthanga (@ZoramthangaCM) July 26, 2021
असम पुलिस ने मिजोरम के मुख्यमंत्री के आरोपों का प्रतिवाद करते हुए कहा कि मिजोरम के लोगों ने इसके कर्मचारियों पर हमला किया और पथराव किया.
इसने ट्वीट किया, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मिजोरम से काफी संख्या में बदमाशों ने पथराव किया और असम सरकार के अधिकारियों पर हमले किए, जो ललितपुर में असम की जमीन को अतिक्रमण से बचाने के लिए ठहरे हुए हैं.’
असम पुलिस ने भी कहा, ‘हम तोड़फोड़ की इन घटनाओं की कड़ी निंदा करते हैं और असम की सीमा की रक्षा करने के अपने संकल्प को दोहराते हैं.’
असम के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘माननीय मुख्यमंत्री जोरमथांगा जी कोलासिब (मिजोरम) के पुलिस अधीक्षक हमसे अपनी चौकियों से हट जाने के लिए कह रहे हैं, अन्यथा उनके नागरिक न तो सुनेंगे, न ही हिंसा रोकेंगे.’
एक वीडियो ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा, ‘इस तरह की परिस्थितियों में हम सरकार कैसे चलाएंगे? उम्मीद है अमित शाह, प्रधानमंत्री कार्यालय जल्द से जल्द हस्तक्षेप करेंगे.’
Honble @ZoramthangaCM ji , Kolasib ( Mizoram) SP is asking us to withdraw from our post until then their civilians won't listen nor stop violence. How can we run government in such circumstances? Hope you will intervene at earliest @AmitShah @PMOIndia pic.twitter.com/72CWWiJGf3
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 26, 2021
शर्मा ने कहा कि उन्होंने मिजोरम के मुख्यमंत्री से बात की है और कहा कि असम पुलिस सीमा पर यथास्थिति तथा शांति बनाए रखेगी.
उन्होंने कहा, ‘मैंने तुरंत माननीय मुख्यमंत्री जोरमथांगा जी से बात की. मैंने कहा है कि असम सीमा पर यथास्थिति तथा शांति बनाए रखेगा. मैंने आइजोल का दौरा करने और जरूरत पड़ने पर इन मुद्दों पर चर्चा करने की इच्छा जताई है.’
बहरहाल जोरमथांगा ने फिर ट्वीट किया, ‘प्रिय हिमंता जी, माननीय अमित शाह जी द्वारा मुख्यमंत्रियों के साथ सौहार्दपूर्ण बैठक के बाद आश्चर्यजनक रूप से असम पुलिस की दो कंपनियां नागरिकों के साथ पहुंचीं और मिजोरम के अंदर आज वेयरेंगटे ऑटो रिक्शा स्टैंड पर मौजूद नागरिकों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. उन्होंने सीआरपीएफ कर्मचारियों/मिजोरम पुलिस से भी संघर्ष किया.’
मिजोरम के मुख्यमंत्री ने हिमंता शर्मा से अपील की कि असम पुलिस को निर्देश दें कि वह वैरेंग्टे से हट जाए.
Hon'ble @himantabiswa ji, as discussed I kindly urge that Assam Police @assampolice be instructed to withdraw from Vairengte for the safety of civilians. @narendramodi @AmitShah @PMOIndia @HMOIndia https://t.co/wHtMPhFRpP
— Zoramthanga (@ZoramthangaCM) July 26, 2021
असम में फिलहाल भाजपा की सरकार है जबकि मिजोरमपा नीत पूर्वोत्तर में भाजलोकतांत्रिक गठबंधन (नेडा) में शामिल मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की सरकार है.
बता दें कि, कुछ दिन पहले ही मिजोरम ने असम पर मानवाधिकार उल्लंघनों का आरोप लगाया था, जिससे इनकार करते हुए असम की ओर से कहा गया था कि उसकी भूमि पर अतिक्रमण किया गया, जो पूर्वोत्तर के दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद का एक महत्वपूर्ण बिंदू है.
विपक्षी कांग्रेस ने हिंसा को लेकर भाजपा पर निशाना साधा
कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि यह बहुत चिंता का विषय है कि एक ओर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ट्विटर पर खुलेआम बहस कर रहे थे, दूसरी ओर तनाव बढ़ रहा था.
पार्टी ने पूछा, ‘कल (रविवार को) गृह मंत्री ने अंतरराज्यीय सीमा विवाद के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मुख्य सचिवों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की थी. उनके बीच क्या हुआ? सीमा विवादों को कम करने के लिए क्या नीतियां अपनाई गईं?’
रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस ने आगे कहा, ‘यह एक बड़ी सार्वजनिक चिंता और साथ ही भयावह हास्य का विषय है कि दोनों मुख्यमंत्री नेडा (नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस) गठबंधन के ही हैं लेकिन ट्विटर हैंडल पर एक दूसरे के साथ खुले तौर पर बहस कर रहे हैं और उन्होंने गृह मंत्री और प्रधान मंत्री को भी टैग किया है.’
विपक्षी एआईयूडीएफ ने भी हिंसा पर अपनी चिंता व्यक्त की.
एआईयूडीएफ विधायक अशरफुल हुसैन ने ट्वीट किया, ‘अगर दोनों सीएम ने बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाने की कोशिश की होती तो इस विवाद को टाला जा सकता था. दोनों राज्य सरकार से जल्द से जल्द एक सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की पीड़ा को दूर करने का आग्रह करता हूं.’
हिंसा की निंदा करते हुए असम जातीय परिषद (एजेपी) ने कहा कि यह घटना अधिक महत्व रखती है, क्योंकि यह पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक के एक दिन बाद हुई.
एजेपी ने कहा कि असम और मिजोरम दोनों में सरकारें नेडा का हिस्सा हैं, जिसके संयोजक असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा हैं.
गृह मंत्री ने देश को फिर निराश किया: राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने असम-मिजोरम सीमा विवाद के अचानक बढ़ने से भड़की हिंसा में कई लोगों के मारे जाने पर दुख जताते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि गृह मंत्री अमित शाह ने ‘लोगों के जीवन में घृणा और अविश्वास का बीज बोकर’ एक बार फिर देश को निराश किया है.
उन्होंने हिंसा से जुड़ा एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘जो लोग मारे गए हैं, उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है. मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’
Heartfelt condolences to the families of those who’ve been killed. I hope the injured recover soon.
HM has failed the country yet again by sowing hatred and distrust into the lives of people. India is now reaping its dreadful consequences. #AssamMizoramBorder pic.twitter.com/HJ3n2LHrG8
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 27, 2021
कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘गृह मंत्री ने लोगों के जीवन में घृणा और अविश्वास का बीज बोकर एक बार फिर देश को निराश किया है. भारत अब भयावह नतीजों से दो-चार हो रहा है.’
(समाचार एजेंसी पीटीआई से इनपुट के साथ)