स्थानीय अदालत ने एक सोशल मीडिया कंपनी समेत 10 मीडिया घरानों को कोविड-19 दूसरी लहर के दौरान बिस्तर घोटाले के संबंध में भाजपा विधायक सतीश रेड्डी के ख़िलाफ़ ख़बर प्रसारित या प्रकाशित करने से रोक दिया. विधायक ने इंटरनेट पर पहले से मौजूद प्रकाशित खबरों को हटाने का भी अनुरोध किया था.
बेंगलुरु: एक स्थानीय अदालत ने यहां कुछ मीडिया संस्थानों को कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान सरकारी कोटे के तहत अस्पताल में बिस्तरों को भरा दिखाने से जुड़े कथित घोटाले के संबंध में भाजपा विधायक सतीश रेड्डी के खिलाफ कुछ भी खबर प्रसारित या प्रकाशित करने से रोक दिया है.
यह आदेश विधायक द्वारा जारी 20 करोड़ रुपये के मानहानि की याचिका पर दिया गया है जिसमें उन्होंने उनके खिलाफ इस मामले में किसी भी खबर के प्रकाशन या प्रसारण पर स्थायी रोक की मांग की है.
शहर की दीवानी एवं सत्र अदालत की अतिरिक्त न्यायाधीश वीना एम. नाइकर ने सोमवार के अपने आदेश में एक सोशल मीडिया कंपनी समेत 10 मीडिया घरानों को इंटरनेट, टीवी या किसी अन्य मीडिया माध्यम से लेखों, खबरों, वीडियो आदि के प्रकाशन, प्रदर्शन, प्रसारण अथवा वितरण से रोक दिया.
विधायक ने याचिका में यह अनुरोध भी किया था कि प्रतिवादियों को इंटरनेट पर पहले से मौजूद प्रकाशित खबरों और लेखों को हटाने या ब्लॉक करने का आदेश दिया जाए.
बता दें कि बीते मई महीने में बेंगलुरु सिटी पुलिस के सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने कोविड-19 बेड बुकिंग घोटाले के संबंध में विधायक सतीश रेड्डी के सहयोगी बाबू को गिरफ्तार किया था.
पुलिस ने दावा किया था कि बाबू बेड को ब्लॉक (अवरुद्ध) कर लोगों की आर्थिक हालात को देखते हुए उनसे अलग-अलग कीमत वसूलते थे.
चार मई को दक्षिणी बेंगलुरु से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या, बोम्मानहल्ली से विधायक सतीश रेड्डी, बसावनगुड़ी विधायक रवि सुब्रमण्या और चिकपेट से विधायक उदय गरुधाचर के साथ बृहद बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के उस कोविड-19 वॉर रूम में पहुंचे थे, जहां 16 मुस्लिम कर्मचारियों पर इस कथित घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया गया था.
भाजपा सांसद सूर्या की छापेमारी से कुछ दिन पहले भाजपा विधायक सतीश रेड्डी और उनके समर्थकों (जिसमें बाबू भी शामिल था) ने उसी वॉर रूम में आईएएस अधिकारी वी. यशवंत पर हमला किया था.
बेंगलुरु में कथित बेड घोटाले के आरोपों को लेकर कर्नाटक में विपक्षी कांग्रेस ने राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा था और यह आरोप लगाते हुए पार्टी सांसद तेजस्वी सूर्या और विधायक सतीश रेड्डी की गिरफ्तारी की मांग की थी कि वे शहर में कोविड-19 रोगियों के लिए अस्पताल के बिस्तरों को अवरुद्ध करने के घोटाले के पीछे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)