घटना उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले में बीते 28 जुलाई को हुई. करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने जबरन धर्म परिवर्तन और लव जिहाद का मामला बताकर स्थानीय अदालत में एक अंतरधार्मिक विवाह रुकवाया था. इसके बाद युवती के पिता की शिकायत के बाद युवक के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है. शुरुआत में युवती ने कहा था कि वह दलित समुदाय से है, बालिग है और अपनी मर्ज़ी से शादी कर रही है.
बलिया/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में मुस्लिम युवक से शादी करने के मामले में दलित युवती ने शुक्रवार को अपने बयान से पलटते हुए कहा कि आरोपी उसे झांसा देकर शादी का पंजीकरण कराने अदालत लेकर गया था.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जिले के उभांव थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 18 वर्षीय दलित युवती को दिलशाद अहमद (24 वर्ष) नामक मुस्लिम युवक से शादी करने के मामले में शुक्रवार को पुलिस ने बलिया की फास्ट ट्रैक अदालत में पेश किया था.
मामले के विवेचना अधिकारी दिनेश शर्मा ने बताया कि युवती ने बयान दिया है कि उभांव थाना क्षेत्र के पड़री गांव के दिलशाद अहमद ने गत 25 जुलाई को झांसा देकर उसका अपहरण कर लिया था. उसके बाद वह उसे लेकर 28 जुलाई को बलिया अदालत गया, ताकि उसके शादी का पंजीकरण हो सके.
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मामला कथित ‘लव जिहाद’ से जुड़ा नहीं है.
गौरतलब है कि जिले के उभांव थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 18 वर्षीय दलित युवती को लेकर इसी थाना क्षेत्र के पड़री गांव का निवासी दिलशाद बीते 28 जुलाई को जिला मुख्यालय स्थित कचहरी में शादी का पंजीकरण कराने गया था. उस वक्त युवती बुरका पहने थी.
इस दौरान कचहरी में मौजूद हिंदुत्ववादी संगठन करणी सेना के कार्यकर्ताओं को शक हुआ तो उन्होंने दोनों से पूछताछ शुरू कर दी और युवती को नाबालिग बताते हुए इसे ‘लव जिहाद’ करार दिया और हंगामा शुरू कर दिया.
सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हुआ है जिसमें लोग युवती को हिंदू दलित बताते हुए उसके परिजन को बुलाने और युवक को धमकाते हुए उसे थाने ले जाने की बात कहते दिख रहे हैं. वीडियो में युवती कह रही है कि वह अपनी मर्जी से शादी करने आई है.
वीडियो में कथित तौर पर खुद को करणी सेना का कार्यकर्ता बताने वाला एक शख्स युवती से उसका नाम पूछते नजर आ रहा है. वह युवती से पूछता है, तुम्हारा नाम क्या है? तुम किस जाति से हो? लड़का किस जाति से है? क्या वह मुस्लिम है? तुम उससे शादी क्यों कर रही हो?
इस घटना का एक अन्य वीडियो भी है, जो किसी पुलिस थाने का है, जिसमें लोगों का एक समूह युवती से बात करता नजर आ रहा है.
ये लोग युवती से कहते हैं, ‘तुम अपने माता-पिता के साथ ऐसा कैसे कर सकती हो, जिन्होंने तुम्हारा लालन-पालन किया? तुम्हे शिक्षा दी?’
इस पर युवती कहती है कि वह दलित समुदाय से है, बालिग है और अपनी मर्जी से लड़के से शादी कर रही है.
आरोप है कि इसके बावजूद करणी सेना के कार्यकर्ता युवक और युवती को जबरन बलिया शहर कोतवाली ले गए और वहां भी जमकर हंगामा किया. इसके बाद संगठन के कार्यकर्ताओं ने युवती को कथित तौर पर कोतवाली पुलिस थाने जाने को मजबूर किया. यहां से पुलिसकर्मियों ने 18 साल की युवती को उसके परिजनों को सौंप दिया था.
थाना प्रभारी ज्ञानेश्वर मिश्र ने बताया कि घटना के बाद से ही पुलिस आरोपी दिलशाद को अपनी अभिरक्षा में रखकर पूछताछ कर रही है. युवती के कलमबंद बयान के आधार पर आरोपी के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में कार्रवाई होगी.
विवेचना अधिकारी शर्मा ने बताया कि आरोपी दिलशाद को एक महीने पहले उभांव पुलिस ने देशी तमंचा के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा था.
उन्होंने बताया कि 28 जुलाई की रात युवती के पिता की शिकायत पर उभांव थाने में दिलशाद के विरुद्ध अपहरण का मामला दर्ज किया गया था. पिता की शिकायत है कि दिलशाद ने शादी का झांसा देकर उसकी पुत्री का गत 25 जुलाई को अपहरण कर लिया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बलिया के पुलिस अधीक्षक विपिन ताडा ने बताया था, ‘कुछ लोगों का आरोप है कि अवैध रूप से धर्म परिवर्तन किया जा रहा था, लेकिन ऐसा कुछ पता नहीं चला. कुछ लोग धर्म परिवर्तन का आरोप लगाकर युवती को स्थानीय पुलिस थाने लाए थे.’
आरोपी मुस्लिम युवक के खिलाफ उभाव पुलिस थाने में केस दर्ज है, जहां के एसएचओ ज्ञानेश्वर मिश्रा का कहना था कि युवती के पिता जय प्रकाश ने अपनी शिकायत में कहा था कि उनकी बेटी दो दिनों से घर नहीं लौटी और उन्होंने कुछ लोगों से सुना कि दिलशाद सहित कुछ लोग उस पर दबाव डालकर उसकी शादी कर रहे हैं.
एसएचओ मिश्रा ने कहा था, ‘युवती के पिता ने बुधवार (28 जुलाई) दोपहर को अदालत परिसर में (शादी के समय) हंगामे के बाद बुधवार शाम में शिकायत दर्ज कराई थी.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)