इंडियन ऑयल के कर्मचारियों का जातिगत भेदभाव का आरोप, कंपनी ने इनकार किया

मामला इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड की राजस्थान इकाई का है, जहां अनुबंध पर तैनात 25 कर्मचारी जातिगत भेदभाव का आरोप लगाते हुए बीते दो दिनों से हड़ताल पर है. अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले इन कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें शौचालय, कैंटीन और अन्य जगहों का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाता.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

मामला इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड की राजस्थान इकाई का है, जहां अनुबंध पर तैनात 25 कर्मचारी जातिगत भेदभाव का आरोप लगाते हुए बीते दो दिनों से हड़ताल पर है. अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले इन कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें शौचालय, कैंटीन और अन्य जगहों का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाता.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

जयपुरः इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) की राजस्थान इकाई के हेड ऑफिस में निजी ठेकेदार द्वारा अनुबंध पर तैनात कुछ कर्मचारियों ने कंपनी के अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि, कंपनी के शीर्ष अधिकारियों ने इन आरोपों से इनकार किया है.

इस भेदभाव के विरोध में बीते दिनों से आईओसीएल ऑफिसर में चतुर्थ श्रेणी के 25 कर्मचारी हड़ताल पर हैं.

वहीं, इन आरोपों को पूरी तरह से गलत बताते हुए आईओसीएल की राज्य इकाई के प्रमुख और कार्यकारी निदेशक सुनील गर्ग ने कहा, ‘कंपनी ने समाज के हर वर्ग से कर्मचारियों को भर्ती किया है. यहां कोई जातिगत भेदभाव नहीं है.’

प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाने वाले एक कर्मचारी विक्रम पहाड़िया ने बताया, ‘आईओसीएल प्रशासन हमें ऑफिस शौचालय का इस्तेमाल करने नहीं देता जबकि हम ही इन शौचालयों को साफ करते हैं. हममे से अधिकतर कर्मचारी अनुसूचित जाति से हैं और ऐसा लगता है कि यह व्यवहार दलितों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैये की वजह से है. हमारे साथ ऑफिस की कैंटीन और अन्य जगहों पर ही ऐसा ही भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जाता है.’

उन्होंने कहा, ‘हममे से चार को मंगलवार को ऑफिस में घुसने की अनुमति नहीं दी गई. हमें बताया गया कि अब हमारी जरूरत नहीं है.’

आदर्श नगर के एसएचओ बृजभूषण ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.