बीते दिनों गोरखपुर ज़िले के उरुवा ब्लॉक में ग्राम पंचायत अधिकारी अनीश कुमार की सरेबाज़ार हत्या कर दी गई थी. अनीश ने अपनी सहकर्मी दीप्ति मिश्रा से अंतरजातीय विवाह किया था. बताया गया है कि दीप्ति के दलित व्यक्ति से विवाह करने से नाराज़ उनका परिवार काफ़ी समय से अनीश को धमका रहा था.
गोरखपुर: ‘अनीश मोबाइल से बात करते हुए दुकान से निकला और अपनी कार की तरफ बढ़ा. मैं पीछे से आ रहा था. कार तक पहुंचते ही पीछे से धारदार हथियार और चाकू लिए चार लोगों ने उस पर हमला कर दिया. मैं बचाने के लिए दौड़ा, लेकिन तब तक हमलावर उस पर सात.आठ घातक प्रहार कर चुके थे. वह बुरी तरह घायल हो चुका था. अनीश को बचाते देख उन लोगों ने मुझ पर भी हमला कर दिया. एक बड़ा चाकू मेरे सीने के दाहिने तरह घुस गया और मैं गिर पड़ा. हमलावर भाग गए. मैंने घर फोन कर घटना की जानकारी दी. फिर हमें नजदीकी सरकारी अस्पताल ले जाया गया. वहां से जिला अस्पताल भेज दिया गया. अस्पताल पहुंचते-पहुंचते अनीश की मौत हो गई.’
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एक वॉर्ड में भर्ती देवीदयाल अपनी आंखों के सामने भतीजे अनीश की बेरहमी से की गई हत्या से इस कदर दहले हुए हैं कि उनकी आवाज मानो चली गई है. वे बेहद धीमी आवाज में बोलते हैं.
अनीश कुमार कन्नौजिया गोरखपुर जिले के उरुवा ब्लॉक में ग्राम पंचायत अधिकारी थे. आरोप है कि अंतरजातीय प्रेम विवाह करने के कारण 24 जुलाई की सुबह दस बजे जिले के गोला क्षेत्र के गोपालपुर चौराहे के लिए कथित तौर पर उनकी हत्या कर दी गई. अनीश ने अपने साथ ही ग्राम पंचायत अधिकारी बनीं दीप्ति मिश्रा से प्रेम विवाह किया था.
जिस दिन यह घटना घटी देवीदयाल और अनीश एक साथ कार से घर से निकले थे. देवीदयाल भी ग्राम पंचायत अधिकारी हैं. अनीश और देवीदयाल की उरुवा ब्लॉक में तैनाती थी और दोनों साथ ही आते-जाते थे.
देवीदयाल बताते हैं कि वे दोनों अपने गांव उनैला से चले और 1.5 किलोमीटर चलकर गोपालपुर चौराहे पर बिल्डिंग मैटेरियल की दुकान पर पैसा देने के लिए रुके थे. काम खत्म करने के बाद हम दोनों कार की तरफ बढ़े. अनीश के पास कोई कॉल आया और वह मोबाइल पर बात करने लगा, इसी दौरान उस पर हमला किया गया.
45 वर्षीय देवीदयाल घटना को याद करते हुए बताते हैं, ‘अनीश के सिर, चेहरे, गर्दन, सीने पर ताबड़तोड़ प्रहार किया गया था. घातक प्रहारों से अनीश की गर्दन बुरी तरह जख्मी हो गई थी. हत्यारे प्रतिशोध से भरे हुए थे.’
दुखी स्वर में उन्होंने जोड़ा, ‘अनीश मेरे बच्चे जैसा था. उसे मेरे सामने इस तरह मार डाला गया और मैं उसे बचा नहीं पाया. वह खौफनाक लम्हा हमेशा आंख के सामने रहता है.’
घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने अनीश के प्रेम-विवाह को हमले की वजह बताया था. अनीश के बड़े भाई अनिल कुमार की तहरीर पर गोला पुलिस ने धारा 302/307/506/120 बी व 3 (2)5 एससी एसटी एक्ट के तहत 17 नामजद और चार अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
एफआईआर में दीप्ति के पिता नलिन मिश्र, सगे भाई अभिनव मिश्र, ताऊ मणिकांत मिश्र सहित चाचा, चचेरे भाई व घर के अन्य लोग हैं. पुलिस ने 27 जुलाई को मणिकांत मिश्रा, विवेक तिवारी, अभिषेक तिवारी और सन्नी सिंह को गिरफ़्तार किया. दीप्ति के भाई अभिनव मिश्र को 30 जुलाई को गिरफ़्तार किया गया. अभिनव श्रावस्ती में सिपाही है.
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— Gorakhpur Police (@gorakhpurpolice) July 31, 2021
गोरखपुर विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर चुके 34 वर्षीय अनीश कुमार छात्र जीवन में भी काफी सक्रिय रहते थे. 2017 में उनका चयन ग्राम पंचायत अधिकारी के रूप में हुआ. वह वर्ष 2019 में ग्राम पंचायत अधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष भी चुने गए थे.
अनीश के बड़े भाई 47 वर्षीय अनिल कुमार दो बार उनैला के प्रधान रहे हैं. एक बार उनकी पत्नी प्रधान रही हैं. गगहा थाना क्षेत्र के देवकली गांव की रहने वाली दीप्ति मिश्रा, अनीश के बैच की थीं और दोनों ने साथ-साथ प्रशिक्षण लिया था. प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने 2018 में कोर्ट मैरिज कर ली. हालांकि दोनों ने अपनी शादी को सार्वजनिक नहीं किया और कुछ समय तक साथ रहे.
कुछ समय बाद उन्होंने इसकी जानकारी अपने घरवालों को दे दी थी, लेकिन दीप्ति का किसी दलित लड़के से प्रेम विवाह करना उनके घरवालों को बर्दाश्त नहीं हुआ और वे अनीश के परिजनों को धमकी देने लगे.
अनीश के बड़े भाई अनिल कुमार बताते हैं, ‘मां की तबियत खराब होने की बात कहकर दीप्ति को उसके घरवालों ने बुलाया तो हमने कोई आपत्ति नहीं की, लेकिन इसके बाद दीप्ति को वापस नहीं भेजा गया.’
अगस्त 2020 में दीप्ति की शिकायत पर अनीश पर बलात्कार का केस दर्ज करवाया गया. अनिल कुमार का कहना है कि दीप्ति पर दबाव डालकर यह मामला दर्ज कराया गया था. इस केस में गिरफ्तारी से बचने के लिए अनीश हाईकोर्ट गए और उन्हें स्थगन आदेश मिल गया.
इस केस के सिलसिले में अनीश वरिष्ठ अधिवक्ता जेपी सिंह से मिले थे. जेपी सिंह ने बताया कि अनीश ने पत्नी दीप्ति की विदाई के लिए पारिवारिक न्यायालय में वाद दायर किया था. उधर दीप्ति के घरवाले कोर्ट मैरिज को निरस्त कराने के प्रयास में लगे थे. इसी दौरान अनीश के साथ मारपीट की घटना हुई, जिसमें उन्होंने दीप्ति के परिजनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई.
दीप्ति पर उनके परिजनों ने पहरा बिठा दिया था. तमाम दबावों के बावजूद दीप्ति ने किसी तरह अनीश से संपर्क किया और फरवरी 2021 में अनीश के घर आकर साथ रहने लगीं. इस पर दीप्ति के परिजनों ने गोला थाने में अनीश व उनके घर के लोगों पर अपहरण की एफआईआर दर्ज करा दी.
गोला पुलिस ने अनीश के घर के कई लोगों को थाने में बुलाकर बैठा लिया. इससे दीप्ति और अनीश परेशान हो गए. दोनों ने एक वीडियो जारी कर कहा कि वे दोनों अपनी मर्जी से साथ रह रहे हैं. उन्होंने कोर्ट मैरिज की है. पुलिस झूठी शिकायतों के आधार पर उनके परिजनों को परेशान कर रही है. इस वीडियो में दोनों ने पुलिस अधिकारियों से गुहार लगाई कि उन्हें और उनके परिजनों को परेशान न किया जाए.
दलितों के लिए काम करने वाली पूर्वांचल सेना के अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि उन्होंने जब अनीश और दीप्ति के वीडियो को देखा तो उन्होंने भी इसे अपने फेसबुक पेज से शेयर किया था.
वीडियो जारी करने के साथ-साथ अनीश और दीप्ति पुलिस अधिकारियों से मिले और बताया कि उन्होंने प्रेम विवाह किया है. दोनों अपनी मर्जी से साथ रह रहे हैं, लेकिन दीप्ति के परिजनों की झूठी शिकायतों पर केस दर्ज कर उन्हें परेशान किया जा रहा है.
अनीश के भाई अनिल के अनुसार, थाने में इस मामले को लेकर दो बार पंचायत भी हुई, जिसमें दीप्ति के परिवारवालों का कहना था कि वे कोर्ट मैरिज को फर्जी बता दें और मारपीट के मामले में दर्ज केस वापस कर लें. हम लोगों ने कोर्ट मैरिज की बात से मुकरने से साफ मना कर दिया.
इसके बाद पुलिस ने इस मामले में कोई दखल नहीं दी और दीप्ति के परिवारवालों की भी सक्रियता कम दिखी.
अनिल कुमार कहते हैं, ‘इस दौरान उन लोगों ने अनीश को मारने की योजना बना ली. हमें अंदेशा था कि अनीश पर हमला हो सकता है, इसलिए हमने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित सभी बड़े अधिकारियों को पत्र लिखकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए अनीश की सुरक्षा की मांग की थी लेकिन उन्हें सुरक्षा नहीं मिली.’
इस साल 28 मई को दीप्ति और अनीश ने गोरखपुर के एक मैरिज हॉल में अपनी शादी का रिसेप्शन दिया, जिसमें दीप्ति के परिवार से कोई नहीं आया.
देवीदयाल कहते हैं, ‘अनीश ने बताया था कि दीप्ति के घरवाले उसे जान से मारने की धमकी दिया करते हैं. वे इस बात से बुरी तरफ खफा थे कि ब्राह्मण परिवार की लड़की ने कैसे दलित लड़के से शादी कर ली.’
देवीदयाल के अनुसार, अनीश ने उन्हें बताया था कि दीप्ति के मायके वाले कहा करते थे कि जब वे अनीश की कटी गर्दन देख लेंगे तभी उन्हें चैन आएगा.
अनिल कुमार बताते हैं, ‘24 जुलाई की सुबह घर में हो रहे निर्माण कार्य को लेकर बातचीत हुई. करीब आधा घंटा तक हम और अनीश साथ रहे. इसके बाद वे कार से चाचा देवीदयाल के साथ रवाना हुए. कुछ ही देर बाद चाचा का फोन आया कि उन लोगों ने अनीश को मार दिया. हम तुरंत गोपालपुर चौराहे की तरफ भागे. आधा घंटा पहले बातचीत करने वाला मेरा छोटा भाई सड़क पर खून से लथपथ पड़ा था.’
रुंधे गले से अनिल कहते हैं, ‘अनीश घर की रीढ़ था. आज वो टूट गई, पूरा परिवार बिखर गया है. मैंने तो पूरा जीवन खेती और गांव की राजनीति में दिया. अनीश के नौकरी में आने के बाद से घर की आर्थिक स्थिति बेहतर हो रही थी.’
वे आगे कहते हैं, ‘जब हमें दीप्ति और अनीश के प्रेम के बारे में पता चला था तो मैंने उससे कहा था कि हम लोग जाति से धोबी हैं जबकि तुम ब्राह्मण हो. तुम्हारे घरवाले इस संबंध को कभी स्वीकार नहीं करेंगे. दीप्ति का जवाब था कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. हम दोनों पढ़े-लिखे हैं और जाति के भेद को नहीं मानते.’
अनिल कुमार ने बताया, ‘अब भी घटना के मुख्य अभियुक्त गिरफ्तार नहीं हुए हैं. परिवार के एक सदस्य को नौकरी, आर्थिक मदद, सुरक्षा की मांग की है. इस हफ्ते घर पर सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन अभी अन्य मांगों को पूरा नहीं किया गया है. हम न्याय चाहते हैं.’
अनिल कुमार बताते हैं, ‘अनीश की हत्या से दीप्ति को गहरा सदमा लगा है. वह पूरे दिन अनीश की तस्वीर को लिए रोती रहती है. वह चार महीने की गर्भवती है. हम उसकी सेहत और मनोदशा को लेकर चिंतित हैं.’
(लेखक गोरखपुर न्यूज़लाइन वेबसाइट के संपादक हैं.)