सुरेश चव्हाणके के ख़िलाफ़ एफआईआर, धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश का आरोप

राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ के सदस्य गिरराज मीणा द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि 23 जुलाई की शाम सुदर्शन टीवी के संपादक सुरेश चव्हाणके ने उन्हें और पूरे आदिवासी समुदाय को गाली दी. यह भी कहा गया कि वे सांप्रदायिक सद्भाव को भंग करने के लिए अराजकता और दंगे फैलाना चाहते हैं.

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सुदर्शन चैनल के एडिटर-इन-चीफ सुरेश चव्हाणके (फोटोः फेसबुक)

राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ के सदस्य गिरराज मीणा द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि 23 जुलाई की शाम सुदर्शन टीवी के संपादक सुरेश चव्हाणके ने उन्हें और पूरे आदिवासी समुदाय को गाली दी. यह भी कहा गया कि वे सांप्रदायिक सद्भाव को भंग करने के लिए अराजकता और दंगे फैलाना चाहते हैं.

सुदर्शन चैनल के एडिटर-इन-चीफ सुरेश चव्हाणके. (फोटोः फेसबुक)

जयपुर: मीणा समुदाय और हिंदूवादी समूहों के बीच अंबागढ़ किले को जारी हालिया विवाद को लेकर कथित तौर पर आदिवासियों और मीणा समुदाय की भावनाओं को आहत करने पर सुदर्शन टीवी के एडिटर इन चीफ सुरेश चव्हाणके के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ के सदस्य गिरराज मीणा की शिकायत पर शुक्रवार को जयपुर के ट्रांसपोर्ट नगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई.

मीणा द्वारा दर्ज कराई एफआईआर में कहा गया, ‘23 जुलाई की शाम सुदर्शन टीवी के सुरेश चव्हाणके ने अपनी मर्जी से मुझे और पूरे आदिवासी समुदाय को गाली दी और यह कई दिनों तक चलता रहा.’

एफआईआर में आगे कहा गया कि चव्हाणके और अन्य एक साजिश के तहत धार्मिक उन्माद फैलाना चाहते हैं और सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने के लिए अराजकता और दंगे फैलाना चाहते हैं.

आईटी अधिनियम की धारा 67 के साथ आईपीसी की धारा 295 (किसी भी वर्ग के धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को चोट पहुंचाना या अपवित्र करना) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

एसीपी आदर्श नगर नील कमल ने कहा, ‘इस मामले में एक एफआईआर दर्ज की गई है और चव्हाणके एक आरोपी हैं.’

उल्लेखनीय है कि बीते दिनों अंबागढ़ किला दो समुदायों के बीच विवाद का केंद्र बन गया है. इस किले पर लगे भगवा ध्वज को हाल ही में निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा की उपस्थिति में कुछ लोगों ने कथित तौर पर फाड़ दिया था.

इस संबंध में ट्रांसपोर्ट नगर थाने में मीणा समुदाय और दक्षिणपंथी संगठनों की ओर से 22 जुलाई को दो प्राथमिकी दर्ज करवाई गईं. पुलिस को बुधवार को कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए किले और उस पर बने मंदिर में प्रवेश को रोकना पड़ा.

भाजपा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने बृहस्पतिवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपा था. इसमें उन्होंने आदिवासी मीणा समाज की ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने और धार्मिक भावनाओं को भड़काने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

उस दौरान मीणा ने संवाददाताओं से कहा था, ‘हमने सरकार से किले को खोलने ओर चाबियां मीणा समुदाय को सौंपने की मांग की है ताकि मंदिर में वो लोग पूजा कर सकें. इससे पहले पट्टिका हटाई गई, मूर्तियों की चोरी की गई और अब प्रवेश बंद कर दिया गया.’

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा अपने स्वार्थ के लिए वैमनस्य पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए.

वहीं, रामकेश मीणा ने संवाददाताओं को बताया था कि आंबागढ़ किला मीणा समुदाय का ऐतिहासक धरोहर है और कुछ असामाजिक तत्वों ने मीणा समाज के इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया है जो स्थानीय लोगों को मंजूर नहीं है, जिसके कारण घटना घटित हुई.

विधायक के समर्थक समूह ने दावा किया कि किला मीणा समुदाय के कुलदेवता का है. पहले मंदिर में अल्पसंख्यक समुदाय के एक समूह द्वारा मूर्तियों को तोड़ा गया और बाद में कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने समुदाय की धार्मिक संहिता को चोट पहुंचाने के लिए किले के ऊपर भगवा झंडा फहरा दिया.

वहीं, दूसरी ओर सर्व ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष सुरेश मिश्र ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में लोगों से सांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखने और किले के अंदर स्थित मंदिर को पूजा-अर्चना के लिए खोलने की अपील की.

मिश्रा ने कहा, ‘जहां तक मंदिर के टाइटल का सवाल है तो तत्कालीन शाही परिवार ने मंदिर को एक परिवार को सौंप दिया था जो वर्षों से मंदिर की देखभाल कर रहा है. कोई भी यह नहीं कह सकता कि मंदिर उनका है.’

इससे पहले चव्हाणके ने ट्वीट कर कहा था कि वह एक अगस्त को भगवा झंडा फहराने और इस मुद्दे पर अपने चैनल पर कार्यक्रम प्रसारित करने के लिए अंबागढ़ जाएंगे.

हालांकि, तब भी मीणा संगठनों ने कहा था कि किसी को भी स्थल पर भगवा झंडा फहराने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

वहीं, जयपुर पुलिस ने कहा है कि अंबागढ़ किले के पास की जमीन वन विभाग की है और किसी को भी वहां जाने और कानून-व्यवस्था की स्थिति को प्रभावित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)