राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के ये आंकड़े देश में कोविड-19 के प्रसार चलते बड़ी संख्या में नौकरियां जाने के पहले के हैं. इनके अनुसार, साल 2019 में बेरोज़गारी के कारण आत्महत्या के सर्वाधिक 553 मामले कर्नाटक में दर्ज हुए. दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र और तीसरे स्थान पर तमिलनाडु रहा.
![Research has shown that LGBTQ people face a higher risk of having mental health issues such as depression, anxiety, substance abuse, suicide and self-harm than heterosexuals. ― Picture by Gift Habeshaw/Unsplash via Reuters](https://hindi.thewire.in/wp-content/uploads/2018/03/suicide-pti.jpg)
नई दिल्लीः राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक बेरोजगारी की वजह से 2016 की तुलना में 2019 में आत्महत्या के मामले 24 फीसदी बढ़ गए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एनसीआरबी रिकॉर्ड से पता चलता है कि देश में 2019 में बेरोजगारी की वजह से 2,851 लोगों ने आत्महत्या की है. 2016 में यह आंकड़ा 2,298 था.
कर्नाटक में 2019 में बेरोजगारी की वजह से आत्महत्या के सर्वाधिक 553 मामले दर्ज हुए जबकि महाराष्ट्र में 452 और तमिलनाडु में 251 मामले दर्ज हुए थे.
Suicide cases registered due to unemployment increased by 24% in 4 years:
2016 : 2,298
2017 : 2,404
2018 : 2,741
2019 : 2,851@IndianExpress pic.twitter.com/82AyCIttDZ
— Harikishan Sharma (@harikishan1) August 2, 2021
एनसीआरबी के ये आंकड़े देश में कोविड-19 के प्रसार से पहले के हैं. कोरोना की वजह से बीते दो साल में बहुत लोगों की नौकरियां गई हैं.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी महेश व्यास का कहना है, ‘ कोरोना की दूसरी लहर की वजह से एक करोड़ से अधिक भारतीयों की नौकरियां गई हैं और महामारी के शुरू होने के बाद से लगभग 97 फीसदी घरों की आय कम हुई है.’
बता दें कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों को हाल ही में संसद में पेश किया गया था, जिनसे पता चला कि 2017-2019 के बीच 14 से 18 आयुवर्ग के 24,000 से अधिक बच्चों ने आत्महत्या की. इनमें से 4,000 से अधिक बच्चों ने परीक्षा में सफल नहीं होने पर आत्महत्या की थी.
आंकड़ों के मुताबिक 2017-2019 के बीच 14 से 18 आयुवर्ग के 24,568 बच्चों ने आत्महत्या की, जिनमें 13,325 लड़कियां शामिल हैं.