मेघालय: नाबालिग से बलात्कार के मामले में पूर्व विधायक को 25 साल की जेल की सज़ा

मेघालय के एक पूर्व विधायक जूलियस डोरफांग पर आरोप है कि उन्होंने 15 दिसंबर 2016 को तत्कालीन गृह मंत्री एचडीआर लिंगदोह के बेटे के गेस्टहाउस में कथित तौर पर एक नाबालिग लड़की का रेप किया था. डोरफांग को जेल भेजे जाने के साथ उन पर पंद्रह लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

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मेघालय के एक पूर्व विधायक जूलियस डोरफांग पर आरोप है कि उन्होंने 15 दिसंबर 2016 को तत्कालीन गृह मंत्री एचडीआर लिंगदोह के बेटे के गेस्टहाउस में कथित तौर पर एक नाबालिग लड़की का रेप किया था. डोरफांग को जेल भेजे जाने के साथ उन पर पंद्रह लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

जूलियस डोरफांग. (फाइल फोटो: पीटीआई)

शिलॉन्ग: मेघालय के एक पूर्व विधायक जूलियस किटबोक डोरफांग को साल 2016 में एक 14 वर्षीय लड़की का बलात्कार करने के जुर्म में री-भोई जिले की एक विशेष अदालत ने 25 साल की जेल की सजा सुनाई है. यह घटना उस समय की है जब वह विधायक थे.

विशेष न्यायाधीश (बाल यौन अपराध संरक्षण-पोक्सो) फेब्रोनियस सिल्कम संगमा ने डोरफांग पर 15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. डोरफांग अलगाववादी समूह हाइन्नीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं.

उन्होंने एचएनएलसी अध्यक्ष के तौर पर साल 2007 में आत्मसमर्पण किया था और साल 2013 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मावहाटी सीट से चुनाव जीता था.

अदालत ने 13 अगस्त को डोरफांग को दोषी ठहराया था और बीते मंगलवार को सजा सुनाई. विशेष अदालत के एक अधिकारी ने बताया, ‘जूलियस डोरफांग को 25 साल की जेल की सजा सुनाई गई. उनसे 15 लाख रुपये का जुर्माना देने को भी कहा गया है.’

अदालत ने तीन और लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई और उन पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

डेरिशा मैरी खारबामोन, मामोनी परवीन और उनके पति संदीप बिस्वा पर लड़की को अपराध के लिए लाने और उससे वेश्यावृत्ति कराने का आरोप है.

डोरफांग के वकील किशोर सी. गौतम ने कहा कि वह इस आदेश के खिलाफ मेघालय उच्च न्यायालय का रुख करेंगे.

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) द्वारा दर्ज नौ प्राथमिकी के आधार पर राज्य में अवैध यौन तस्करी के गिरोह में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किए गए 12 लोगों में डोरफांग भी शामिल थे.

चार जनवरी, 2017 को एक जिला अदालत ने दोरफांग के खिलाफ गैर-जमानती वारंट दायर किया था, जिसके बाद वह फरार हो गए थे.

इस घटना के चलते महिला समूहों समेत जनमानस में व्यापक आक्रोश पैदा हुआ और विरोध प्रदर्शन हुए.

डोरफांग पर आरोप है कि उन्होंने 15 दिसंबर 2016 को तत्कालीन गृह मंत्री एचडीआर लिंगदोह के बेटे के गेस्टहाउस में कथित तौर पर एक नाबालिग लड़की का रेप किया था.

राज्य की दो महिला संगठनों- सिविल सोसाइटी महिला संगठन (सीएसडब्ल्यूओ) और थमा-यू-रंगली-जुकी (टीयूआर) ने शिलॉन्ग की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए न केवल डोरफांग के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, बल्कि लिंगदोह को कैबिनेट से निकालने के लिए भी कहा था.

इसके बाद डोरफांग को दिसंबर 2016 में पूर्वी खासी हिल्स जिला पुलिस ने एससीपीसीआर द्वारा दर्ज कराई शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया था.

जनवरी 2017 में एससीपीसीआर ने री-भोई में एक अन्य शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि डोरफांग ने जिले के एक रिजॉर्ट में भी एक नाबालिग के साथ बलात्कार किया था.

इन शिकायतों के आधार पर डोरफांग के खिलाफ दो अलग मामले दर्ज किए गए जिसके बाद वह लापता हो गए थे. डोरफांग को पड़ोसी असम राज्य में एक बस टर्मिनल से सात जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. उन्हें पांच जनवरी 2017 को दायर एक मामले में पोक्सो अदालत ने दोषी ठहराया था.

दूसरे मामले में सुनवाई जोवई की एक विशेष अदालत में चल रही है.

डोरफांग उच्च न्यायालय से जमानत मिलने से पहले नोंगपोह जिले की जेल में बंद थे. उन्हें पिछले साल चिकित्सा आधार पर जमानत दी गईथी. पूर्व विधायक को 13 अगस्त को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)