त्रिपुरा: विधायकों के साथ बैठक के बाद पूर्व मंत्री बोले- कार्यकर्ताओं की नहीं सुनती भाजपा

त्रिपुरा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुदीप रॉय बर्मन के नेतृत्व में प्रदेश के भाजपा विधायकों के एक समूह ने 'सरकार की ग़लतियों की पहचानने' के लिए एक बैठक की थी. नेताओं ने कहा कि इन्हें पार्टी नेताओं के सामने उठाया जाएगा. नेताओं ने यह भी जोड़ा कि भाजपा व राज्य सरकार कार्यकर्ताओं की बातें सुनने की इच्छुक नहीं हैं.

/
त्रिुपुरा विधानसभा में सुदीप रॉय बर्मन (खड़े). (फोटो: फेसबुक/@SRBTripura)

त्रिपुरा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुदीप रॉय बर्मन के नेतृत्व में प्रदेश के भाजपा विधायकों के एक समूह ने ‘सरकार की ग़लतियों की पहचानने’ के लिए एक बैठक की थी. नेताओं ने कहा कि इन्हें पार्टी नेताओं के सामने उठाया जाएगा. नेताओं ने यह भी जोड़ा कि भाजपा व राज्य सरकार कार्यकर्ताओं की बातें सुनने की इच्छुक नहीं हैं.

त्रिपुरा विधानसभा में सुदीप रॉय बर्मन (खड़े हुए). (फोटो: फेसबुक/@SRBTripura)

अगरतला: त्रिपुरा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुदीप रॉय बर्मन के नेतृत्व में प्रदेश के भाजपा विधायकों के एक समूह ने रविवार को अगरतला में सरकार की गलतियों की पहचान करने के लिए बैठक की. नेताओं ने कहा कि इन गलतियों को अब पार्टी नेताओं के सामने उठाया जाएगा.

बाद में पत्रकारों से बात करते हुए बर्मन ने कहा, ‘पार्टी की गलतियों और कमजोरियों की पहचान करने के लिए ये बैठकें की गई थीं. अब हम इन्हें नेतृत्व के सामने रखेंगे. अगर इन गलतियों को दुरुस्त किया जाता है तो ये केवल पार्टी संगठन को मजबूत करेंगी.’

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा और राज्य सरकार कार्यकर्ताओं की बातें सुनने की इच्छुक नहीं हैं.

उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन हमने इन कार्यकर्ताओं को उनके मन की बात बोलने का अवसर दिया है. हो सकता है उनमें से कुछ ने अच्छी बातें नहीं कही हों. लेकिन वे ये बातें दुख और गुस्से में कह रहे हैं. भाजपा के सभी पुराने कार्यकर्ता वहां मौजूद थे. पार्टी और सरकार उनकी बातें नहीं सुन रही हैं. हम इन मुद्दों को पार्टी और राज्य सरकार और दिल्ली में नेतृत्व के ध्यान में लाएंगे.’

उनके तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के संपर्क में रहने के सवाल पर पूर्व मंत्री ने कहा, ‘मैंने उनसे संपर्क नहीं किया है. और मुझे विश्वास है कि जो आज हमारे साथ थे, उनमें से किसी ने भी टीएमसी से संपर्क नहीं किया है. मैं बाकी के बारे में नहीं जानता, लेकिन मैं अब जहां हूं, उससे सहज हूं.’

बर्मन ने यह भी कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधारने की जरूरत है. उन्होंने त्रिपुरा में जारी हमलों और गुंडागर्दी पर भी चिंता व्यक्त की. इन मुद्दों से पार्टी की केंद्रीय नेतृत्व को अवगत करा दिया गया है. उन्होंने जो समाधान उपलब्ध कराए उन्हें राज्य में लागू नहीं किया गया.

साल 2017 में टीएमसी से भाजपा में जाने वाले बर्मन को बिप्लब देब मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था. हालांकि, बाद में कथित तौर पर नेतृत्व से मतभेद के कारण उन्हें हटा दिया गया.

साल 2020 में बर्मन और पांच विधायकों ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से दिल्ली में मुलाकात की थी. ऐसी चर्चा थी कि वे देब को मुख्यमंत्री के पद से हटाने के लिए नड्डा से मिले थे लेकिन नेताओं ने बाद में कहा था कि केवल संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा हुई थी.

इस बीच, रविवार को बर्मन के आरोपों पर भाजपा प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने कहा, ‘मुझे ऐसी किसी बैठक की जानकारी नहीं है. इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई है.’

बता दें कि सोमवार को ही भाजपा पर प्रतिशोध की राजनीति में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए पश्चिम बंगाल में बिष्णुपुर के विधायक तन्मय घोष टीएमसी में शामिल हो गए.

इस मौके पर पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने दावा किया कि त्रिपुरा के भाजपा विधायक भी टीएमसी के संपर्क में हैं.

उन्होंने कहा, ‘जब ममता बनर्जी त्रिपुरा में कदम रखेंगी, तो सुनामी आएगी. उस राज्य के भाजपा नेता इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं. भाजपा के नेतृत्व में त्रिपुरा खौफ की घाटी में तब्दील हो गया है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)