एफसीआरए के तहत पांच साल से वार्षिक रिटर्न जमा न करने की वजह से गृह मंत्रालय ने लगाया प्रतिबंध. 1,222 एनजीओ को बैंक खाते सत्यापित कराने के लिए नोटिस.
नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू), जवाहर लाल नेहरू (जेएनयू), आईआईटी दिल्ली, इग्नू और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद जैसे देश के प्रमुख शिक्षण संस्थान तथा उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन सहित सैकड़ों संगठनों को विदेशी सहायता प्राप्त करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेशी सहायता विनियमन कानून 2010 (एफसीआरए) के तहत इन संस्थानों के पंजीकरण को इस आधार पर रद्द कर दिया क्योंकि ये संस्थान लगातार पांच वर्ष से वार्षिक रिटर्न जमा करने में नाकाम रहे.
नियमानुसार एफसीआरए के तहत पंजीकरण कराए बिना कोई भी संस्थान विदेशी सहायता हासिल नहीं कर सकता है. साथ ही इस कानून के तहत पंजीकृत संस्थान को अपनी आय व्यय का सालाना रिटर्न सरकार को हर साल पेश करना अनिवार्य है और इसका पालन नहीं करने वाले संस्थानों का एफसीआरए के तहत पंजीकरण निरस्त कर दिया जाता है.
इस प्रावधान का पालन नहीं करने के कारण गृह मंत्रालय द्वारा एफसीआरए के तहत पंजीकरण रद्द किए गए शिक्षण संस्थानों की फेहरिस्त में पंजाब विश्वविद्यालय, दून स्कूल एसोसिएशन, दिल्ली स्थित गार्गी कॉलेज, श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज और लेडी इरविन कॉलेज भी शामिल हैं.
इतना ही नहीं एफसीआरए के तहत पंजीकरण रद्द करने की मंत्रालय की कार्रवाई के दायरे में शिक्षण संस्थानों के अलावा उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन, एस्कॉर्ट अस्पताल, गांधी शांति प्रतिष्ठान, नेहरू युवा केंद्र संगठन, आर्म्ड फोर्सेस फ्लैग डे फंड, फिक्की, दिल्ली स्थित स्कूल आॅफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर और सामाजिक आर्थिक विकास फांउडेशन भी शामिल हैं.
जबकि सामाजिक संगठनों में डॉ. राम मनोहर लोहिया इंटरनेशनल ट्रस्ट और डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को भी विदेशी सहायता लेने से प्रतिबंधित करते हुए इनका एफसीआरए पंजीकरण रद्द कर दिया गया है.
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस कार्रवाई के दायरे में आए संस्थान वित्त वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक आय व्यय का वार्षिक रिटर्न जमा करने में नाकाम रहे.
कार्रवाई से पहले इन संस्थानों को गत 14 जून को जारी नोटिस में 23 जुलाई तक रिटर्न फाइल करने की मोहलत भी दी गई थी लेकिन इसका पालन नहीं कर पाने के कारण एफसीआरए के तहत इनका पंजीकरण रद्द किया गया है.
1,222 एनजीओ को बैंक खाते सत्यापित कराने का नोटिस
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश भर में लगभग 1,222 गैरसरकारी संगठनों (एनजीओ) के उन बैंक खातों का सत्यापन कराने को कहा है जिनमें इन संगठनों को विदेशों से मिलने वाली सहायता राशि जमा कराई जाती है. ऐसा न करने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.
इन संगठनों की सूची में श्री रामकृष्ण मठ, रामकृष्ण मिशन, इंदौर कैंसर फांउडेशन चेरिटेबल ट्रस्ट, कोयंबटूर क्रिश्चियन चेरिटेबल ट्रस्ट, दिल्ली स्कूल ऑफ सोशल वर्क सोसाइटी, हिंदू अनाथ आश्रम और मदनी दारुत तरबियत जैसे बड़े एनजीओ भी शामिल हैं.
मंत्रालय ने विदेशी सहायता विनियमन कानून (एफसीआरए) के तहत पंजीकृत इन एनजीओ को जारी निर्देश में निर्धारित समय सीमा के भीतर बैंक खातों का सत्यापन नहीं कराने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी है.
मंत्रालय ने जिन एनजीओ को नोटिस जारी किया है, उनमें गूंज, जेके ट्रस्ट, रोटरी क्लब आॅफ मुंबई, मदीना एजुकेशन एंड चेरिटेबल सोसायटी, रहमते आलम हॉस्पिटल ट्रस्ट अनंतनाग, नगालैंड बाइबल कॉलेज आदि शामिल हैं.
गृह मंत्रालय ने एफसीआरए के तहत पंजीकृत सभी एनजीओ को किसी एक निर्दिष्ट बैंक खाते में ही विदेशी सहायता जमा कराने का निर्देश दिया है.
इसके लिए एनजीओ को अपने निर्दिष्ट खातों का सत्यापन कराना अनिवार्य है लेकिन सूची में शामिल संगठनों ने अब तक निर्दिष्ट बैंक खातों का सत्यापन नहीं कराया है.
इससे संबद्ध बैंकों को एनजीओ के खातों में विदेशी सहायता जमा कराए जाने के 48 घंटे के भीतर केंद्र सरकार को इसकी सूचना देने की अनिवार्यता का पालन करना मुश्किल हो रहा है.
एफसीआरए के प्रावधानों के तहत सभी बैंकों को किसी भी एनजीओ के खाते में विदेशी सहायता जमा होने या ऐसे खाते से पैसा निकाले जाने की जानकारी 48 घंटे के भीतर सरकार को देना अनिवार्य है.
सरकार ने नवंबर 2016 में 11 हज़ार से अधिक विदेशी सहायता प्राप्त एनजीओ को पंजीकरण का 28 फरवरी 2017 तक नवीनीकरण कराने को कहा था.
इनमें से लगभग 3500 एनजीओ ने इसके लिए आवेदन किया, शेष एनजीओ का पंजीकरण स्वत: रद्द किए जाने योग्य मान लिया गया. एफसीआरए के तहत फिलहाल लगभग 22 हज़ार एनजीओ पंजीकृत हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)