ब्रिटेन के नए यात्रा नियमों के अनुसार, भारत में कोविशील्ड टीके की दोनों खुराक लिए व्यक्ति को ‘पूर्ण वैक्सीनेटेड’ नहीं माना जाएगा और उन्हें दस दिन क्वारंटीन में रहना होगा. जिन देशों को इस नियम से बाहर रखा गया है, उनमें ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, इज़रायल, सऊदी अरब, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया शामिल हैं, जहां एस्ट्राजेनेका वैक्सीन, जो भारत में कोविशील्ड के रूप में उपलब्ध है, उपयोग में है.
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश तथा शशि थरूर ने ब्रिटेन के कोविड-19 से संबंधित उन यात्रा नियमों की सोमवार को आलोचना की, जिनके मुताबिक भारत में कोविशील्ड टीके की खुराक लेने वालों को टीका नहीं लगा हुआ माना जाएगा.
रमेश ने कहा कि इस फैसले में ‘नस्लवाद की बू’ आती है.
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन ने कोविड-19 जोखिम स्तर के आधार पर, देशों के लिए तय विभिन्न श्रेणियों में से अधिकतर को चार अक्टूबर से खत्म करने का फैसला किया है.
इससे भारत को फायदा होगा और अब ब्रिटेन में टीके की खुराक लेने वाले भारतीय प्रवासियों पर अनिवार्य पीसीआर जांच के संबंध में कम भार आएगा.
हालांकि, उन देशों की विस्तृत सूची में भारत का नाम नहीं है, जिनके टीकों को इंग्लैंड में मान्यता प्राप्त है.
इसका मतलब है कि उन भारतीयों को अब भी रवाना होने से पहले आरटीपीसीआर जांच और ब्रिटेन पहुंचने पर भी आगे जांच से गुजरना होगा, जिन्होंने कोविशील्ड (सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया में तैयार ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका टीका) की खुराक ली है.
इसके चलते यात्रा करने वाले भारतीयों को 10 दिन क्वारंटीन में रहना होगा. ब्रिटेन ने अमेरिका, यूरोप समेत दुनिया के कई देशों के टीकाकृत लोगों को यात्रा की अनुमति दी है, मगर भारतीयों को नहीं.
Absolutely bizarre considering Covishield was originally developed in the UK and The Serum Institute, Pune has supplied to that country too! This smacks of racism. https://t.co/GtKOzMgydf
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 20, 2021
जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘कोविशील्ड टीका ब्रिटेन में विकसित हुआ है और भारत के सीरम इंस्टिट्यूट ने ब्रिटेन में भी इस टीके की आपूर्ति की. इसको देखते हुए यह फैसला अजीबोगरीब लगता है. इसमें नस्लवाद की बू आती है.’
थरूर ने कहा कि ब्रिटेन में इस नियम के कारण ही उन्होंने कैम्ब्रिज में अपनी पुस्तक ‘द बैटल ऑफ बिलॉन्गिंग’ के ब्रिटिश संस्करण के विमोचन समारोह से खुद को अलग कर लिया है.
Because of this I have pulled out of a debate at the @cambridgeunion &out of launch events for the UK edition of my book #TheBattleOfBelonging (published there as #TheStruggleForIndiasSoul). It is offensive to ask fully vaccinated Indians to quarantine. The Brits are reviewing! https://t.co/YEVy3Ez5dj
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) September 20, 2021
उन्होंने ट्वीट किया, ‘यह बहुत आपत्तिजनक बात है कि पूरी तरह टीकाकरण करा चुके भारतीय नागरिकों से कहा जाए कि वे ब्रिटेन पहुंचने पर पृथकवास में रहें.’
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कम से कम एक साल तक इन नए नियमों के लागू रहने की उम्मीद है. इसकी अगली समीक्षा केवल 2022 की शुरुआत में निर्धारित है.
यूके के नए यात्रा नियमों के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका, फाइजर या मॉडर्ना जैसी वैक्सीन के दोनों डोज लेने वालों को ‘पूर्ण वैक्सीनेटेड’ माना जाएगा. वहीं जॉनसन एंड जॉनसन की पहली डोज लेने वालों को भी ‘पूर्ण वैक्सीनेटेड’ माना जाएगा.
इन नियमों के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया, एंटीगा एंड बारबूडा, बारबडोस, बहरीन, ब्रुनेई, कनाडा, डोमिनिका, इजरायल, जापान, कुवैत, मलेशिया, न्यूजीलैंड, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, साउथ कोरिया और ताइवान में सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन लगवाने वालों को भी ‘पूर्ण वैक्सीनेटेड’ माना जाएगा.
ब्रिटेन की ये एडवाइजरी भारत के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि यहां कोविशील्ड सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला टीका है और यूके द्वारा इसको मान्यता नहीं देने के कारण छात्रों, पर्यटकों, व्यवसायियों और अन्य लोगों के लिए यात्रा में बाधा उत्पन्न होगी.
कोविशील्ड को पहले से ही विश्व स्वास्थ्य संगठन से ईयूए यानी आपातकालीन उपयोग की स्वीकृति प्राप्त है.
ब्रिटेन सरकार का ये निर्णय ऐसे समय पर आया है जब दर्जनों यूरोपीय देशों जैसे कि फ्रांस, जर्मनी, स्वीडन और नीदरलैंड इत्यादि ने भारत निर्मित कोविशील्ड को मंजूरी दी है.
कोविशील्ड टीके की दोनों डोज लगवाए व्यक्तियों को इन देशों में निगेटिव कोविड रिपोर्ट दिखाने की जरूरत नहीं है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)