केंद्र में भाजपा सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ 19 विपक्षी दलों द्वारा बुलाए गए राष्ट्रव्यापी आंदोलन के समर्थन में मणिपुर के विपक्षी दलों ने 11 दिवसीय विरोध प्रदर्शन की शुरुआत की है. विरोध में शामिल माकपा, भाकपा, कांग्रेस, टीएमसी आदि दलों ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार कॉरपोरेट समर्थक है, जो आम लोगों की कम परवाह करती है.
नई दिल्ली: मणिपुर में 11 विपक्षी दलों ने राज्य और केंद्र में भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ 19 विपक्षी दलों द्वारा बुलाए गए राष्ट्रव्यापी आंदोलन के समर्थन में बीते सोमवार को 11 दिवसीय विरोध प्रदर्शन शुरू किया.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, राज्य के बिष्णुपुर जिले में कांग्रेस भवन में धरना-प्रदर्शन के बाद एक जनसभा आयोजित कर विरोध शुरू किया गया. सभी 11 दलों- ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (एआईएफबी), तृणमूल कांग्रेस, बसपा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), माकपा, कांग्रेस, जेडीएस, मणिपुर पीपुल्स पार्टी (एमपीपी), राकांपा, पीआरजेए और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के प्रतिनिधियों ने प्रदर्शन में भाग लिया.
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश, जो मणिपुर के चुनाव पर्यवेक्षक भी हैं, ने ट्वीट कर बताया, ‘कांग्रेस सहित 11 विपक्षी दल आज (सोमवार) मणिपुर में संविधान, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए देशव्यापी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. मणिपुर के लोग दिल्ली में नरेन और इंफाल में बीरेन की विभाजनकारी राजनीति और नीतियों को हराने के लिए एकजुट हैं.’
एक जनसभा को संबोधित करते हुए मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के अध्यक्ष एन. लोकेन सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से जनता बेतहाशा पीड़ा झेल रही है.
11 opposition parties including the Congress joined the nationwide protest to save the Constitution, Democracy and Secularism in Manipur today.
The people of Manipur stand united to defeat the divisive politics and policies of Naren in Delhi and Biren in Imphal. pic.twitter.com/w9RRmQbSga
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 20, 2021
सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार कॉरपोरेट समर्थक है, जो आम लोगों की कम परवाह करती है. उन्होंने कहा, ‘यह उचित समय है कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए भाजपा सरकार को हराने के लिए एकजुट हों.’
एमपीसीसी अध्यक्ष ने अर्थव्यवस्था को सुधारने में विफल रहने के लिए राज्य सरकार की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि राज्य की खेती और इससे संबद्ध क्षेत्रों को विकसित करने में विफल रहने के कारण अर्थव्यवस्था इस स्थिति में पहुंची है.
वहीं भाकपा मणिपुर के सचिव एल. सोतिनकुमार ने भाजपा सरकार पर आरएसएस के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए देश के संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और संघीय ढांचे को कमजोर करने का आरोप लगाया.
विपक्षी दलों ने बताया कि इसी तरह के विरोध प्रदर्शन और बैठकें राज्य के विभिन्न हिस्सों में आयोजित की जाएंगी.