महाराष्ट्र सरकार में मंत्री अनिल परब ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर याचिका में भाजपा नेता किरीट सोमैया पर ‘दुर्भावनापूर्ण, अपमानजनक और मानहानिकारक’ बयान देने के आरोप लगाते हुए बिना शर्त माफ़ी मांगने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया है.
मुंबईः महाराष्ट्र के मंत्री अनिल परब ने दुर्भावनापूर्ण, अपमानजनक और मानहानिकारक बयान देने के आरोप में भाजपा नेता किरीट सोमैया के खिलाफ मंगलवार को बंबई हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया है.
राज्य कैबिनेट में परिवहन मंत्री परब ने 100 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की है.
शिवसेना नेता परब ने याचिका में सोमैया को बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिए जाने का भी अनुरोध किया गया है. परब ने आरोप लगाया है कि सोमैया ने सुर्खियों में बने रहने के लिए उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है.
राज्य के परिवहन मंत्री ने सोमैया के खिलाफ भविष्य में उनके खिलाफ ऐसा कोई बयान देने या प्रकाशित करने पर स्थायी रोक लगाने की भी मांग की है.
याचिका में कहा गया है कि सोमैया झूठे बयान दे रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि परब आपराधिक और भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त हैं.
परब ने पिछले हफ्ते अपनी वकील सुषमा सिंह के जरिये सोमैया को कानूनी नोटिस भेजा था लेकिन सोमैया की ओर से नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर परब ने हाईकोर्ट का रुख किया था.
याचिका में कहा गया कि सोमैया मई 2021 से रत्नागिरि जिले के दापोली में एक रिसॉर्ट के निर्माण में परब की संलिप्तता का आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने के अभियान में लिप्त हैं.
याचिका में कहा गया कि परब का इस रिसॉर्ट या उसके निर्माण से कोई संबंध नहीं है. सोमैया द्वारा प्रकाशित पोस्ट को सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित किया जाता है, जिससे मंत्री की प्रतिष्ठा को नुकसान होता है.
याचिका में आगे कहा गया है कि परब एक मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का ईमानदारी और लगन से निर्वहन कर रहे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, परब ने अपनी याचिका में सोमैया के ट्वीट का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि उन पर लगाए गए आरोप दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक हैं.
इस मामले पर सोमैया द्वारा किए गए ट्वीटों को देशभर के मीडिया संस्थानों ने कवर किया गया.
याचिका में कहा गया, ‘परब को सोमैया द्वारा लगाए गए आरोपों के संदर्भ में सरकार में अपने वरिष्ठों, सहयोगियों, राजनीतिक दल और परिवार से कई सवालों का सामना करना पड़ा है.’
याचिका में कहा गया, ‘सोमैया के दो मिनट के मीडिया स्पॉटलाइट और प्रसिद्धि के लिए परब की प्रतिष्ठा, नाम और छवि को धूमिल किया गया.’
इस मामले पर अभी तक सोमैया ने कोई टिप्पणी नहीं की है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)