दिल्ली के नांगल इलाके में एक अगस्त को नौ साल की दलित बच्ची पानी भरने श्मशान घाट गई, लेकिन वापस नहीं लौटी. आरोप है कि श्मशान घाट के पुजारी और तीन कर्मचारियों ने बच्ची का बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित परिवार पर ज़ोर देते हुए उसका अंतिम संस्कार भी करा दिया. मामले में पुजारी सहित चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने राजधानी के नांगल इलाके में नौ साल की दलित बच्ची के बलात्कार के मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी श्मशान घाट के पुजारी राधेश्याम के खिलाफ चार्जशीट दायर की है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपी पुजारी ने पहले भी कथित तौर पर बच्ची का यौन उत्पीड़न किया था.
इस मामले में गिरफ्तार श्याम और तीन अन्य आरोपी कुलदीप सिंह, लक्ष्मी नारायण और सलीम अहमद के बयान, अन्य लोगों के बयान और सीसीटीवी कैमरे की फुटेज उनके खिलाफ आरोपों का आधार बने.
पुलिस की चार्जशीट में श्याम का बयान दर्ज है, जिसमें श्याम ने कहा है कि उसने एक बार पहले पीड़िता (बच्ची) को उसे मसाज देने को कहा था, बच्ची को जबरन पोर्नोग्राफी भी दिखाई थी और पहले भी बच्ची को गलत तरीके से छुआ था.
चार्जशीट के मुताबिक, घटना के दिन श्याम ने बच्ची को उसे मसाज देने को कहा था, जिसके बाद अहमद को जलेबी खरीदने भेजा जिसके बाद श्याम और सिंह ने बारी-बारी से बच्ची का बलात्कार किया था.
चार्जशीट में कहा गया कि जब बच्ची की सांसें रुक गई तो आरोपी घबरा गए. उस समय आरोपियों ने फैसला किया कि वे बच्ची के परिजनों को बताएंगे कि बच्ची की करंट लगने से मौत हो गई है.
आरोपियों ने कथित तौर पर बच्ची पर पानी डाल दिया ताकि उनकी कहानी पर सब विश्वास कर सकें.
श्याम ने पीड़िता की मां को शाम को छह बजे फोन कर बुलाया और उनसे कहा कि उनकी बेटी को बिजली का करंट लग गया है. जब मां ने अपनी बच्ची को देखा तो उसने श्याम से पूछा कि बच्ची के कपड़े भीगे हुए क्यों हैं?
बच्ची की मां के बयान के मुताबिक, पुजारी ने पीड़िता की मां को यह समझाने की कोशिश की कि इस मामले में पुलिस को नहीं बुलाएं क्योंकि पुलिस के हस्तक्षेप के बाद बच्ची की ऑटोप्सी होगी और उसके शरीर के अंगों को चुराकर बेच दिया जाएगा.
पुजारी ने श्मशान घाट में ही बच्ची के अंतिम संस्कार पर जोर दिया और जबरन बच्ची का दाह संस्कार कर दिया.
पुलिस की चार्जशीट से मां के बयान की पुष्टि होती है, जिसमें कहा गया है कि श्याम ने बच्ची के शरीर के अंगों को चुराने उन्हें बेचने को लेकर मां के दिमाग में डर पैदा करने की कोशिश की थी.
चार्जशीट में यह भी कहा गया कि आरोपी ने मां को को 20,000 रुपये देने की भी पेशकश की और निशुल्क ही शव का दाह संस्कार कर दिया. मां की बार-बार आपत्ति के बावजूद बच्ची का जबरन अंतिम संस्कार किया गया.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस का यह भी दावा है कि एक बेडशीट और मोबाइल फोन को भी जलती चिता में डाल दिया गया. इस बेडशीट का इस्तेमाल बच्ची के बलात्कार के समय किया गया था और मोबाइल फोन का इस्तेमाल कथित तौर पर पोर्न वीडियो देखने के लिए किया गया.
फॉरेंसिक टीम को चिता से जले हुए मोबाइल फोन के निशान मिले हैं
दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने नौ सितंबर को चार्जशीट पर संज्ञान लिया और इस मामले की अगली सुनवाई 29 सितंबर के लिए तय की. मामले में चारों आरोपियों को पेश करने का वारंट भी जारी किया गया.
बता दें कि आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 304 (गैर इरादतन हत्या) 376 (बलात्कार), 341 (गलत तरीके से रोकना), 506 (आपराधिक धमकी देना), 201 (साक्ष्यों से छेड़छाड़), 34(सामान्य मंशा से कई व्यक्तियों द्वारा अपराध करना) और पॉक्सो के तहत मामला दर्ज किया है.
बता दें कि दिल्ली के नांगल इलाके में एक अगस्त को नौ साल की दलित बच्ची पानी भरने श्मशान घाट गई थी लेकिन वापस नहीं लौटी. आरोप है कि श्मशान घाट के पुजारी और यहां के तीन कर्मचारियों ने बच्ची का बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित परिवार पर जोर देते हुए उसका अंतिम संस्कार भी करा दिया था.
मामले में पुजारी सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान श्मशान घाट के 55 वर्षीय पुजारी राधेश्याम और घाट के तीन कर्मचारियों- सलीम, लक्ष्मी नारायण और कुलदीप के तौर पर की गई है.