बीते दिनों पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत की बृहस्पतिवार को की गई टिप्पणी का जवाब दे रहे थे, जिसमें श्रीनेत ने कहा था कि पार्टी के अंदर गुस्सा करने के लिए कोई जगह नहीं है. अमरिंदर द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को कथित तौर पर ‘अनुभवहीन’ बताए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए श्रीनेत ने यह बात कही थी.
चंडीगढ़/नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमरिंदर सिंह ने बृहस्पतिवार को पार्टी के अंदर अपने ‘अपमान’ का जिक्र किया और पूछा कि अगर उनके साथ इस तरह का व्यवहार हो रहा है तो आम कार्यकर्ताओं के साथ क्या होता होगा.
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत की दिल्ली में बृहस्पतिवार को की गई टिप्पणी का जवाब दे रहे थे, जिसमें श्रीनेत ने कहा था कि पार्टी के अंदर गुस्सा करने के लिए कोई जगह नहीं है.
अमरिंदर सिंह द्वारा बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा को कथित तौर पर ‘अनुभवहीन’ बताए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए श्रीनेत ने यह बात कही.
नवजोत सिंह सिद्धू के साथ तनातनी के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद सिंह ने बुधवार (22 सितंबर) को यह टिप्पणी की थी.
प्रवक्ता के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हां, राजनीति में गुस्से के लिए कोई जगह नहीं होती. लेकिन क्या कांग्रेस जैसी इतनी पुरानी पार्टी में अपमान और परेशान किए जाने के लिए जगह है?’
अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल के एक ट्वीट के मुताबिक, ‘अगर मुझ जैसे वरिष्ठ नेता के साथ इस तरह का व्यवहार हो सकता है तो मुझे आश्चर्य है कि कार्यकर्ताओं के साथ क्या होता है: कैप्टन अमरिंदर.’
इस्तीफा देने के बाद अमरिंदर सिंह ने कहा था कि वह ‘अपमानित’ महसूस कर रहे थे.
गांधी भाई-बहन को ‘अनुभवहीन’ कहने के अलावा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि वह पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ आगामी विधानसभा चुनावों में मजबूत उम्मीदवार उतारेंगे.
सिंह ने सिद्धू को ‘राष्ट्रविरोधी’ और ‘खतरनाक’ बताया था.
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की पंजाब इकाई में गुटबाजी, आंतरिक कलह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से तनातनी की वजह से हाल में अमरिंदर सिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
बीते 18 सितंबर को अमरिंदर सिंह के इस्तीफा देने के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस विधायक दल का नया नेता चुना गया. चरणजीत सिंह चन्नी ने 20 सितंबर को चंडीगढ़ स्थित पंजाब राजभवन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उपस्थिति में पंजाब के 27वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. चन्नी पंजाब में मुख्यमंत्री बनने वाले दलित समुदाय के पहले व्यक्ति हैं.
पंजाब के मालवा क्षेत्र के रूपनगर जिले से ताल्लुक रखने वाले चन्नी को विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री बनाना कांग्रेस का काफी अहम कदम है, क्योंकि राज्य की आबादी में लगभग 32 प्रतिशत लोग दलित समुदाय से हैं.
उनके साथ डेरा बाबा नानक से विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा और अमृतसर सेंट्रल से विधायक ओम प्रकाश सोनी ने राज्य के उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. रंधावा जाट सिख और सोनी हिंदू समुदाय से आते हैं.
चन्नी पंजाब के मालवा क्षेत्र से हैं, जबकि रंधावा और सोनी दोनों राज्य के माझा क्षेत्र से हैं. एक दलित को मुख्यमंत्री, एक जाट सिंह और एक हिंदू को उप-मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस ने जाति संतुलन बनाए रखने की कोशिश की है.
चन्नी दलित सिख (रामदासिया सिख) समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे. वह रूपनगर जिले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वह इस क्षेत्र से साल 2007 में पहली बार विधायक बने और इसके बाद लगातार जीत दर्ज की.
वह शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन के शासनकाल के दौरान साल 2015-16 में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी थे.
आशा है कि ‘अनुभवहीन’ बताने वाले बयान पर पुनर्विचार करेंगे अमरिंदर: कांग्रेस
कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह अपने उस कथित बयान पर पुनर्विचार करेंगे, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा को ‘अनुभवहीन’ बताया था.
पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी कहा कि अमरिंदर सिंह का बयान उनके कद के मुताबिक नहीं है, लेकिन वह कांग्रेस के बड़े नेता हैं और संभव है कि उन्होंने कोई बात गुस्से में कह दी होगी.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘वह शायद मेरे पिता जी की उम्र के होंगे. बुजुर्गों को गुस्सा आता है और बहुत ज्यादा गुस्सा आता है और वह कई बार गुस्से में बहुत सारी बातें कह देते हैं. उनके गुस्से, उनकी उम्र, उनके तजुर्बे का हम सम्मान करते हैं और मुझे लगता है कि वह जरूर इस पर पुनर्विचार करेंगे.’
साथ ही सुप्रिया ने जोर देकर कहा, ‘राजनीति में गुस्सा, ईर्ष्या, द्वेष, व्यक्ति विशेष पर टिप्पणी और उनसे बदला लेने की भावना की कोई जगह नहीं है. हम आशा करते हैं कि वह अपनी कही हुई बातों पर अपनी ही समझदारी दिखाते हुए जरूर पुनर्विचार करेंगे, क्योंकि वह कांग्रेस पार्टी के एक मजबूत योद्धा रहे हैं.’
सुप्रिया के अनुसार, ‘अमरिंदर सिंह जी को कांग्रेस पार्टी ने 9 साल, 9 महीने मुख्यमंत्री बनाया है. उनको राजिंदर कौर भठ्ठल जी की जगह मुख्यमंत्री बनाया गया था. मुझे ऐसा लगता है कि उनका अनुभव, सार्वजनिक जीवन में उनका योगदान देखते हुए इस तरह की बातें उनके कद के अनुरूप नहीं हैं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)