दिल्ली: राजमार्ग के निर्माण के लिए काटे जा सकते हैं 5,100 से अधिक पेड़

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने छह लेन वाले दिल्ली-सहारनपुर राजमार्ग के 14.75 किलोमीटर के हिस्से के विकास के लिए दिल्ली वन विभाग से यह अनुमति मांगी है. वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि प्राधिकरण ने इन काटे गए पेड़ों के बदले में पेड़ लगाने के लिए कहीं और ज़मीन उपलब्ध नहीं कराई है.

A women tie banners on trees during "Save The Tree Campaign" in New Delhi, India, June 26, 2018. REUTERS/Adnan Abidi

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने छह लेन वाले दिल्ली-सहारनपुर राजमार्ग के 14.75 किलोमीटर के हिस्से के विकास के लिए दिल्ली वन विभाग से यह अनुमति मांगी है. वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि प्राधिकरण ने इन काटे गए पेड़ों के बदले में पेड़ लगाने के लिए कहीं और ज़मीन उपलब्ध नहीं कराई है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: पूर्वी और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में छह लेन वाले राजमार्ग के निर्माण के लिए 14 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि में लगे हुए 5,104 पेड़ों को काटने का प्रस्ताव पेश किया गया है.

अधिकारियों के मुताबिक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने छह लेन वाले दिल्ली-सहारनपुर राजमार्ग के 14.75 किलोमीटर के हिस्से के विकास के लिए दिल्ली वन विभाग से यह अनुमति मांगी है.

वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि अक्षरधाम राष्ट्रीय राजमार्ग-9 जंक्शन और दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा के बीच स्थित इस हिस्से पर कुल 5,104 पेड़ हैं.

इन पेड़ों की प्रजातियों में शीशम, शहतूत, पीपल, चंपा, अशोक, सुबाबुल, नीम, नीलगिरी, कीकर, बेर, जामुन और गुलर शामिल हैं.

अधिकारी ने कहा, ‘पिछले महीने एक निरीक्षण किया गया था. उपयोगकर्ता एजेंसी ने गणना के दौरान कुछ पेड़ों को छोड़ दिया था और अब उन्हें उन पेड़ों पर भी विचार करने के लिए कहा गया है.’

अधिकारी ने कहा कि एनएचएआई ने अभी तक इसके बदले में पेड़ लगाने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराई है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उप वन-संरक्षक (डीसीएफ), केंद्रीय प्रभाग, आदित्य मदनपोत्रा ​​ने कहा कि परियोजना के लिए लगभग 5,104 पेड़ों को काटना पड़ सकता है. इसमें सड़क के बाईं ओर 2,038 पेड़, दाईं ओर 2,436 और मध्य में 630 पेड़ शामिल हैं. कुल संख्या की अभी भी समीक्षा की जा रही है, लेकिन यह इस आंकड़े के करीब रहने की संभावना है.

वन मंजूरी के लिए प्रारंभिक प्रस्ताव इस साल मई में प्रस्तुत किया गया था.

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के पोर्टल पर अपलोड की गई परियोजना की टाइमलाइन के मुताबिक उप वन संरक्षक ने अगस्त और सितंबर में प्रस्तुत प्रारंभिक प्रस्ताव पर सवाल उठाए थे, जिसे लेकर एनएचआई को अभी जवाब देना है.

मदनपोत्रा ​​ने कहा कि शास्त्री पार्क में कुछ क्षेत्र को प्रतिपूरक वनीकरण (काटे गए पेड़ों के बदले में पेड़ लगाया जाना) के लिए दर्शाया गया था. हालांकि एक निरीक्षण में पता चला था कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने पहले ही उस भूमि के कुछ हिस्सों में वृक्षारोपण कर लिया है.

करीब 15,00 करोड़ रुपये की यह परियोजना भारतमाला परियोजना के पहले चरण का हिस्सा है, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा राजमार्ग निर्माण कार्यक्रम है. इसके तहत 50,000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाएगा.

केंद्रीय एजेंसी ने एनएच-148 डीएनडी महारानी बाग से जैतपुर-पुस्ता रोड खंड तक छह लेन राजमार्ग के निर्माण के लिए 0.35 हेक्टेयर वन भूमि की भी अनुमति मांगी है. निर्माण कार्य के दौरान बेरी, नीम, पीपल, शहतूत और सिरस सहित कुल 191 पेड़ों को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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