कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर बुधवार को पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे. उसके बाद पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने सिब्बल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया और उनके ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की थी.
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के आवास के बाहर हुए पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन की निंदा करते हुए कहा कि इस ‘उपद्रव’ में शामिल लोगों के खिलाफ पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘कपिल सिब्बल के घर पर हमला और उपद्रव के बारे में सुनकर स्तब्ध और आहत हूं. इस निंदनीय कृत्य से पार्टी की बदनामी होती है. इसकी कड़ी भर्त्सना की जानी चाहिए.’
राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि मत भिन्नता लोकतंत्र का हिस्सा है. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से आग्रह है कि वह कड़ी कार्रवाई करें.’
Congress has a history of upholding freedom of expression . differences of opinion and perception are integral to a democracy. Intolerance and violence is alien to Congress values and culture.
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) September 30, 2021
उल्लेखनीय है कि सिब्बल की ओर से पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़ा किए जाने के बाद पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने बुधवार को सिब्बल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया और उनके खिलाफ नारेबाजी की.
सिब्बल के आवास के बाहर पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं जिन पर ‘गेट वेल सून सिब्बल’ (सिब्बल आप जल्द स्वस्थ हों) लिखा हुआ था. उन्होंने ‘गद्दारों को पार्टी से बाहर निकालो’ के नारे भी लगाए.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अनिल चौधरी ने कहा कि वे सिब्बल के पुराने निर्वाचन क्षेत्र चांदनी चौक के कार्यकर्ता थे, वे सिब्बल की टिप्पणी से सहमत नहीं थे. अनिल चौधरी ने इस तरह के विरोध की निंदा की.
मालूम हो कि कपिल सिब्बल ने पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर बुधवार को पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए और कहा था कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए तथा संगठनात्मक चुनाव कराए जाने चाहिए.
उन्होंने कई नेताओं के पार्टी छोड़ने का उल्लेख करते हुए गांधी परिवार पर इशारों-इशारों में कटाक्ष किया कि ‘जो लोग इनके खासमखास थे, वो छोड़कर चले गए, लेकिन जिन्हें वे खासमखास नहीं मानते वे आज भी इनके साथ खड़े हैं.’
सिब्बल ने जोर देकर कहा था, ‘जी-23 उन मुद्दों को उठाएगा, जिन पर ध्यान देने की जरूरत है. यह बहुत स्पष्ट है कि हम जी-23 हैं, हम ‘जी हुजूर 23’ नहीं हैं. हम बात करना जारी रखेंगे. हम हमारी मांगों को दोहराना जारी रखेंगे.’
बता दें कि पिछले साल अगस्त में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग करने वाले पार्टी के असंतुष्ट धड़े को जी-23 कहा जाता है. सिब्बल इन्हीं जी-23 नेताओं में से एक हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)