भाजपा में शामिल होने की अटकलों को नकारते हुए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह ऐसी पार्टी में नहीं रह सकते, जहां उनका अपमान हो और उन पर विश्वास न किया जाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीचे की ओर जा रही है. वरिष्ठ नेताओं की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है. कांग्रेस नेतृत्व को ‘जी 23’ नेताओं की बात सुननी चाहिए.
नई दिल्ली: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अब कांग्रेस में नहीं रहेंगे और पार्टी से इस्तीफा दे देंगे, क्योंकि ऐसे दल में वह नहीं रह सकते जहां उन्हें अपमानित किया जाए और उन पर विश्वास न किया जाए.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे. इस बयान के साथ ही उन्होंने भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर विराम लगा दिया.
सिंह ने एक बयान में कहा, ‘मैं भाजपा में शामिल नहीं हो रहा, लेकिन कांग्रेस छोड़ दूंगा. ऐसी पार्टी में मैं नहीं रह सकता जहां मेरा अपमान हो और मुझ पर विश्वास न किया जाए.’
उनके मुताबिक, वह अभी आगे के विकल्प की तलाश कर रहे हैं.
सिंह ने कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल खड़े करते हुए दावा किया, ‘कांग्रेस नीचे की ओर जा रही है. वरिष्ठ नेताओं की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है.’
वरिष्ठ कांग्रेसी, जो पार्टी के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है, को विचारक बताते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा कि युवा नेतृत्व को उन योजनाओं को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, जिन्हें तैयार करने के लिए वरिष्ठ नेता सबसे अच्छी तरह से सुसज्जित हैं. दुर्भाग्य से वरिष्ठों को पूरी तरह से दरकिनार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह पार्टी के लिए अच्छा नहीं है.
कपिल सिब्बल के घर के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘यह हमला किया गया, क्योंकि उन्होंने (सिब्बल ने) वह विचार प्रकट किए, जो पार्टी नेतृत्व को खुश करने वाले नहीं थे. यह पार्टी के लिए ठीक नहीं है.’
सिब्बल ने पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर बुधवार को पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए और कहा था कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए तथा संगठनात्मक चुनाव कराए जाने चाहिए.
उन्होंने कई नेताओं के पार्टी छोड़ने का उल्लेख करते हुए गांधी परिवार पर इशारों-इशारों में कटाक्ष किया कि ‘जो लोग इनके खासमखास थे, वो छोड़कर चले गए, लेकिन जिन्हें वे खासमखास नहीं मानते वे आज भी इनके साथ खड़े हैं.’
सिब्बल ने जोर देकर कहा था, ‘जी-23 उन मुद्दों को उठाएगा, जिन पर ध्यान देने की जरूरत है. यह बहुत स्पष्ट है कि हम जी-23 हैं, हम ‘जी हुजूर 23’ नहीं हैं. हम बात करना जारी रखेंगे. हम हमारी मांगों को दोहराना जारी रखेंगे.’
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने यह भी कहा, ‘पंजाब और भारत में पाकिस्तान से खतरे को जो लोग कमतर बता रहे हैं, वे राष्ट्र विरोधी लोगों के हाथों में खेल रहे हैं. पाक समर्थित तत्व रोजाना हमारे जवानों को मार रहे है, वे ड्रोन से हमारे राज्य में हथियार पहुंचा रहे हैं. हम इस खतरे को कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं?’
गृह मंत्री अमित शाह से बुधवार को मुलाकात करने के बाद अमरिंदर सिंह ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात की. सिंह ने कहा कि पंजाब से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं को लेकर उन्होंने डोभाल से मुलाकात की है.
इससे पहले एक निजी चैनल से बातचीत में अमरिंदर सिंह ने कहा था कि पंजाब में आम आदमी पार्टी का ग्राफ बढ़ रहा है, लेकिन कांग्रेस की लोकप्रियता 20 प्रतिशत घट गई है.
डोभाल से मुलाकात के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा चिंताओं को लेकर मैं उनसे मिला. मैं मुख्यमंत्री भले ही नहीं हूं, लेकिन पंजाब तो हमारा है. पहले जैसे हालात न पैदा हों, एनएसए से मुलाकात का यही मकसद था.’
गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात को लेकर सिंह ने कहा, ‘किसान आंदोलन को एक साल पूरा हो गया. कुछ तो समाधान निकलना चाहिए. मुझे डर है कि इससे पंजाब में दिक्कतें पैदा हो सकती हैं, और यह मैं नहीं चाहता.’
उनके मुताबिक, ‘मैने गृह मंत्री से कहा है कि किसानों की मांग मानने और फसल विविधिकरण के लिए पंजाब को 25 हजार करोड़ रुपये दिए जाएं.’
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू पर एक बार फिर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि वह गंभीर व्यक्ति नहीं हैं और सबको साथ लेकर काम नहीं कर सकते.
सिद्धू के साथ टकराव के बाद 18 सितंबर को अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके बाद चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया. इसी बीच सिद्धू ने बीते 28 सितंबर को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की तारीफ करते हुए सिंह ने कहा, ‘वह बेहद शिक्षित व्यक्ति हैं. मेरे साथ मंत्री के तौर पर उन्होंने अच्छा काम किया. यह जरूरी है कि सिद्धू उनको काम करने दें. सिद्धू हावी होना चाहते हैं.’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को ‘जी 23’ की बात सुननी चाहिए.
गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी और विवेक तन्खा सहित 23 प्रमुख नेताओं ने पिछले वर्ष कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में संगठन चुनाव करवाने की मांग की थी. इस समूह के एक नेता जितिन प्रसाद अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)