देश के ज़िला अस्पतालों की प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट जारी करने के बाद नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि सेहतमंद समाज के निर्माण में ऐसे अस्पतालों की महत्वपूर्ण भूमिका है, जो बड़ी आबादी की स्वास्थ्य सेवा की ज़रूरतों को पूरा करते हैं. हालांकि उनकी अहम भूमिका के बावजूद दुर्भाग्य से कुछ कमियां भी हैं.
नई दिल्ली: नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने गुरुवार को सेहतमंद समाज के निर्माण में जिला अस्पतालों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि उन्नत माध्यमिक देखभाल प्रदान करने में उनकी अहम भूमिका के बावजूद, दुर्भाग्य से कुछ कमियां भी हैं.
नीति आयोग ने इस दिन भारत में जिला अस्पतालों के प्रदर्शन मूल्यांकन की रिपोर्ट जारी की, जिसका शीर्षक ‘जिला अस्पतालों के कामकाज में अपनाये जा रहे तौर-तरीके’ है.
पॉल ने कहा कि सभी के लिए स्वास्थ्य को एक वास्तविकता बनाने के लिए प्रत्येक नागरिक की सुरक्षित तथा विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने की जरूरत है.
एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘डॉ वीके पॉल ने स्वस्थ समाज के निर्माण में जिला अस्पतालों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया, जो स्वास्थ्य सेवाओं की एक व्यापक पहुंच प्रदान करते हैं और एक बड़ी आबादी की सभी ज़रूरतों को पूरा करते हैं.’
नीति आयोग के सदस्य ने कहा, ‘उन्नत माध्यमिक देखभाल प्रदान करने में उनकी (जिला अस्पतालों की) महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद, दुर्भाग्य से कुछ कमियां भी हैं, चाहे वह मानव संसाधनों की कमी हो, क्षमता, उपयोग और सेवा में वृद्धि की बात हो.’
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, ‘यह रिपोर्ट देश भर में किए गए जिला अस्पतालों का पहला प्रदर्शन मूल्यांकन है. यह डेटा स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली में एक प्रमुख बदलाव का प्रतीक है और हमें स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने वाले समुदायों और लोगों के और भी करीब ले जाता है. अध्ययन का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं की अधिक जानकारीपूर्ण समझ का मार्ग प्रशस्त करना है.’
मूल्यांकन ढांचे में संरचना और आउटपुट के डोमेन में 10 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों को शामिल किया है. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 707 जिला अस्पतालों ने प्रदर्शन मूल्यांकन में भाग लिया.
वर्ष 2017-18 के स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के आंकड़ों को इस मूल्यांकन के लिए आधार रेखा के रूप में इस्तेमाल किया गया. यह अस्पतालों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत करता है – छोटे अस्पताल (200 बिस्तरों से कम या उसके बराबर), मध्यम आकार के अस्पताल (201 -300 बिस्तरों) और बड़े अस्पताल (300 बिस्तरों से अधिक).
रिपोर्ट में स्वास्थ्य प्रणाली के सामने आने वाले कुछ प्रमुख मुद्दों पर भी प्रकाश डाला गया है जो देश में जिला अस्पतालों की स्थिति को मजबूत करने के लिए कुछ स्थायी समाधान प्रदान करता है, जिसमें मुख्य रूप से एचएमआईएस में डेटा रिपोर्टिंग में सुधार करना और जिला अस्पतालों में स्वास्थ्य देखभाल के लिए अधिक जवाबदेही लाने के लिए इस तरह के प्रदर्शन मूल्यांकन अध्ययन को प्रोत्साहित करना शामिल है.
बयान में कहा है कि यह रिपोर्ट देश में उन्नत और बेहतर जिला अस्पतालों के विकास के लिए कार्ययोजना के लिए एक आधार के रूप में काम कर सकती है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)