मुंद्रा अडानी बंदरगाह हेरोइन ज़ब्ती मामला: दिग्विजय ने कहा, सुप्रीम कोर्ट जज से करवाएं जांच

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने गुजरात के मुंद्रा अडानी बंदरगाह पर पिछले महीने मादक पदार्थ हेरोइन की दो बड़ी खेप पकड़े जाने के मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश द्वारा कराने की मांग करते हुए कहा कि एनआईए पर अब देश को भरोसा नहीं है, क्योंकि इस एजेंसी के द्वारा विभिन्न मामलों में भाजपा से संबंधित आरोपियों को बरी करवाने का इतिहास है. 

दिग्विजय सिंह. (फोटो: पीटीआई)

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने गुजरात के मुंद्रा अडानी बंदरगाह पर पिछले महीने मादक पदार्थ हेरोइन की दो बड़ी खेप पकड़े जाने के मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश द्वारा कराने की मांग करते हुए कहा कि एनआईए पर अब देश को भरोसा नहीं है, क्योंकि इस एजेंसी के द्वारा विभिन्न मामलों में भाजपा से संबंधित आरोपियों को बरी करवाने का इतिहास है.

दिग्विजय सिंह. (फोटो: पीटीआई)

जयपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने गुजरात के मुंद्रा अडानी बंदरगाह पर एक महीने में हेरोइन (एक प्रकार का ड्रग्स- मादक पदार्थ) की दो बड़ी खेप पकड़े जाने के मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से करवाए जाने की मांग की है.

उन्होंने कहा कि मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी गई, लेकिन देश को इस एजेंसी पर भरोसा नहीं है.

सिंह ने शुक्रवार को राजस्थान की राजधानी जयपुर में कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘उच्चतम न्यायालय के मौजूदा या सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में ही जांच होनी चाहिए.’

संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने एक वीडियो भी दिखाया, जिसमें कथित तौर पर भाजपा से संबंध रखने वाले और नशीली दवाओं की तस्करी में शामिल लोगों के नाम थे. दिग्विजय सिंह यह भी जानना चाहा कि केंद्र यह बताए कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई.

उन्होंने कहा, ‘एक लाख 75 हजार करोड़ रुपये तथा 21 हजार करोड़ रुपये मूल्य की यानी एक महीने के अंतराल में ही कुल मिलाकर करीब दो लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की हेरोइन पकड़ी गई है, जो गंभीर मामला है.’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग करती है कि इस मामले की जांच एनआईए को सौंपे जाने की बजाय उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के अधीन करवायी जाए.

सिंह ने कहा, ‘इस गंभीर प्रकरण की जांच उच्चतम न्यायालय के मौजूदा या सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा ही होनी चाहिए. एनआईए पर अब देश को भरोसा नहीं है, क्योंकि इस एजेंसी के द्वारा विभिन्न मामलों में भारतीय जनता पार्टी से संबंधित आरोपियों को बरी करवाने का इतिहास है.’

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के जिन 13 नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के विरूद्ध मादक पदार्थ के मामलों में लिप्त होने के आरोप लगे हैं उनके विरूद्ध केंद्र सरकार ने क्या कार्रवाई की है, इसकी जानकारी देश को दी जाए.

उन्होंने कहा, ‘16 सितंबर, 2021 को केंद्र सरकार के अमले ने मुंद्रा अडानी बंदरगाह पर टेल्कम पाउडर के नाम से आयातित की गई 3,000 किलो हेरोइन पकड़ी. इसकी बाजार कीमत 21,000 करोड़ रुपये है.’

सिंह के अनुसार जांच में पाया गया कि इसी तरह की 25,000 किलो की एक खेप पहले आई, जिसका कोई अता पता नहीं है. इसकी बाजार में कीमत 1.75 लाख करोड़ रुपये है.

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोंविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि उद्योगपति गौतम अडानी के नियंत्रण वाले बंदरगाह से हजारों करोड़ रुपये की ड्रग्स देश के कोने-कोने में भेज दी गई और इस गंभीर मुद्दे पर केंद्र सरकार द्वारा आज तक कोई अपेक्षित कार्रवाई नहीं की गई है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, गुजरात में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस के राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) अहमदाबाद ने 16 सितंबर को मुंद्रा अडानी बंदरगाह पर दो कंटेनरों से 2,990 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी. इन्हें अफगानिस्तान में उत्पन्न होने वाले टाल्क पाउडर या अर्ध-संसाधित टाल्क पत्थर के रूप में घोषित किया गया था. इसे ईरान के बांदर अब्बास बंदरगाह पर कंटेनरों में लोड किया गया था.

हेरोइन जब्ती के बाद जांच का दायरा आंध्र प्रदेश तक बढ़ा दिया गया है, क्योंकि विजयवाड़ा के एक दंपति ने तमिलनाडु, गुजरात और अन्य स्थानों पर इसकी खेप का आयात किया था.

जांच में आशी ट्रेडिंग कंपनी को हेरोइन आयात करने वाली फर्म के रूप में पहचाना गया था. इस फर्म के एम. सुधाकर तथा उनकी पत्नी जी. दुर्गा पूर्णा वैशाली द्वारा संचालित होने का आरोप है. दोनों को चेन्नई से गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था. अब तक डीआरआई ने मामले में आशी ट्रेडिंग के मालिकों सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया है.

सूत्रों ने कहा कि टाल्क कंटेनर, आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में पंजीकृत आशी ट्रेडिंग कंपनी द्वारा हसन हुसैन लिमिटेड नामक एक फर्म से आयात किया गया था.

गुजरात के कच्छ जिले के मुंद्रा अडानी बंदरगाह से इतनी मात्रा में हेरोइन बरामद होने पर अडानी समूह ने स्पष्टीकरण जारी किया था. कंपनी ने कहा था कि वह केवल बंदरगाह ऑपरेटर है और उसके पास बंदरगाह पर आने वाले शिपमेंट की जांच करने का अधिकार नहीं है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)