केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा का कुछ दिनों पहले किसानों को दी गई चेतावनी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें यह कहते सुना जा सकता है कि ‘सामना करो आकर, हम आपको सुधार देंगे, दो मिनट लगेगा केवल.’ इसी के बाद लखीमपुर खीरी ज़िले में बीते तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहे किसानों के समूह पर कथित तौर पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे द्वारा वाहन चढ़ा देने से चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में करीब दस महीने से आंदोलन कर रहे किसानों की नाराजगी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के उस बयान के बाद और बढ़ गई, जिसमें उन्होंने किसानों को ‘दो मिनट में सुधार देने की चेतावनी’ और ‘लखीमपुर खीरी छोड़ने’ की चेतावनी दी थी.
इस बीच बीते सोमवार की शाम बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के ‘दो मिनट में सुधर जाने’ और इसके बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री के एक वीडियो प्रसारित होने के मामले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह भाजपा नीत सरकार की घोर जनविरोधी और तानाशाही प्रवृत्ति को साबित करता है.
गृह राज्य मंत्री और लखीमपुर खीरी के सांसद अजय कुमार मिश्रा का कुछ दिनों पहले अपने गृह जिले की एक सभा में किसानों को दी गई चेतावनी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें यह कहते सुना जा सकता है कि ‘सामना करो आकर, हम आपको सुधार देंगे, दो मिनट लगेगा केवल.’
एक समारोह में मंच से गृह राज्यमंत्री कह रहे हैं, ‘मैं केवल मंत्री नहीं हूं, सांसद, विधायक भर नहीं हूं, जो विधायक और सांसद बनने से पहले मेरे विषय में जानते होंगे, उनको यह भी मालूम होगा कि मैं किसी चुनौती से भागता नहीं हूं.’
मिश्रा ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, ‘जिस दिन मैंने उस चुनौती को स्वीकार करके काम कर लिया उस दिन पलिया नहीं, लखीमपुर तक छोड़ना पड़ जाएगा, यह याद रहे.’
अजय मिश्र पहले से ही किसानों को भड़का रहे थे। साथ की हरयाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का बयान,जिसमे जैसे को तैसा करने की अपील। भाजपा किसानों के खिलाफ हिंसा को जायज़ क्यों बना रही है ? https://t.co/SXjU6BiZPM
— Abhisar Sharma (@abhisar_sharma) October 3, 2021
बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार की शाम ट्वीट किया, ‘हरियाणा के मुख्यमंत्री (मनोहर लाल) खट्टर द्वारा आंदोलित किसानों के प्रति लाठियों-डंडों से जैसे को तैसा जवाब देकर जेल जाने व नेता बन जाने का भाजपा कार्यकर्ताओं को दिए गए भड़काऊ निर्देश का वीडियो वायरल है. हिंसा बढ़ाने वाले सीएम के इस बयान की जितनी भी निंदा व भर्त्सना की जाए वह कम है.’
सिलसिलेवार ट्वीट में मायावती ने कहा, ‘केंद्रीय गृह राज्य मंत्री द्वारा उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में किसानों को दो मिनट में देख लेने की धमकी के बाद वहां कल (रविवार तीन अक्टूबर) हुई व्यापक हिंसा में आठ लोगों की मौत व इसी बीच हरियाणा के सीएम का ऐसा घिनौना बयान भाजपा सरकार की घोर जनविरोधी व तानाशाही प्रवृति को साबित करता है.’
जानकारों के अनुसार, मिश्रा पिछले महीने के आखिरी हफ्ते में अपने संसदीय क्षेत्र में गए थे, जहां कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने उन्हें काले झंडे दिखाए. इससे गृह राज्य मंत्री नाराज हो गए और उन्होंने काले झंडे दिखाने वालों को यह गंभीर चेतावनी दे दी.
इसके बाद से किसान उनके खिलाफ आंदोलित थे और बनबीरपुर में उनके पैतृक गांव में आयोजित एक समारोह में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध कर रहे थे.
इस विरोध प्रदर्शन को लेकर स्थानीय इंटेलीजेंस यूनिट ने उत्तर प्रदेश पुलिस और जिला प्रशासन को अगाह किया था. इसके साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को भी ये जानकारी दी गई थी कि किसान आंदोलन करने वाले हैं.
किसान नेता गुरमीत सिंह ने खीरी के तिकोनिया में एक समाचार चैनल को बताया, ‘25 तारीख को गृह राज्यमंत्री पलिया से आगे संपूर्णानगर की तरफ आए थे तो हमारी यूनियन (क्रांतिकारी किसान यूनियन) और भारतीय किसान यूनियन के लोगों ने उनको काले झंडे दिखाए तो वे मंच पर चढ़े और उन्होंने बोला, ‘मैं बहुत बड़ा गुंडा हूं. मैं हिसाब बराबर कर दूंगा. मेरे बारे में जानते नहीं हो, इस तरह की धमकी दी.’
गुरमीत ने कहा, ‘हमें पता चला कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तीन अक्टूबर को ‘टेनी’ (केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा) के घर पर किसी कार्यक्रम में आ रहे हैं तो संयुक्त किसान मोर्चा ने तय किया कि उनको शांतिपूर्ण तरीके से काले झंडे दिखाए जाएंगे. किसान आए और जहां हेलीपैड बना था वहां शांतिपूर्ण तरीके से बैठ गए.’
उन्होंने कहा, ‘इसके बाद पता चला कि मौर्य सड़क मार्ग से आ रहे हैं तो किसान तीन किलोमीटर तक सड़क के किनारे खड़े हो गए. जब पता चला कि मौर्य किसी दूसरे रास्ते से चले गए तो किसान वापस जाने की तैयारी में लग गए और उसी बीच यह घटना हुई.’
गुरमीत सिंह ने आरोप लगाया कि गृह राज्य मंत्री के पुत्र और उनके समर्थकों की गाड़ियों ने किसानों को कुचल दिया.
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के विरोध में बीते रविवार को वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया और इसके बाद भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई.
घटना लखीमपुर खीरी ज़िले के तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई, जहां प्रदर्शनकारी किसान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बनबीरपुर दौरे का विरोध कर रहे थे. किसानों का आरोप है कि इसी बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा ने किसानों को अपनी गाड़ी से कुचला.
हालांकि मिश्रा ने आरोप को खारिज करते हुए रविवार को एक चैनल से कहा कि दुर्घटना के वक्त उनका बेटा दूसरी जगह किसी कार्यक्रम में हिस्सा ले रहा था.
मिश्रा ने कहा था कि कार्यक्रम में शिरकत करने आ रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को साथ लाने के लिए कुछ कार्यकर्ता जा रहे थे. रास्ते में तिकोनिया में धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कार्यकर्ताओं की गाड़ी पर पथराव कर दिया, जिससे वह गाड़ी पलट गई. उसकी चपेट में आकर कुछ लोग घायल हो गए.
हालांकि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का ये दावा सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो से पूरी तरह झूठा साबित होता है. करीब 29 सेकंड के इस वीडियो का एक-एक फ्रेम रोंगटे खड़े कर देने वाला है, जिसमें ये स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से जा रहे थे और पीछे से आ रही दो गाड़ियों ने उन्हें कुचल दिया.
सारा मामला सबके सामने है..!
ना मंत्री बर्खास्त हुआ ना ही कोई गिरफ्तारी हुई…!
वीडियो को सबूत नहीं माना जाता क्या????@sakshijoshii @rohini_sgh@vinodkapri @ShyamMeeraSingh#लखीमपुर_किसान_नरसंहार pic.twitter.com/pom5ki4yXb— Kisan It Cell (@kisanItcell1) October 5, 2021
मिश्रा से जब पूछा गया कि क्या उनका बेटा उन वाहनों में से एक में था, जिसे कृषि विरोधी कानून प्रदर्शनकारियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था, तो उन्होंने कहा, ‘नहीं. अगर वह उस कार में होता, तो वह जिंदा नहीं होता.’
उन्होंने कहा कि इस घटना में उनके बेटे की कोई संलिप्तता नहीं है.
गौरतलब है कि जिला पंचायत सदस्य से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले अजय कुमार मिश्रा वर्ष 2012 में खीरी जिले के निघासन विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक चुने गए और पार्टी ने 2014 में उन्हें खीरी लोकसभा से उम्मीदवार बनाया और वह चुनाव जीत गए. 2019 में उन्हें भाजपा ने दोबारा मौका दिया और वह पुन: लोकसभा का चुनाव जीत गए.
जुलाई के पहले हफ्ते में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार किया तो उत्तर प्रदेश के तीन दलित और तीन पिछड़े सांसदों के साथ ही इकलौते ब्राह्मण अजय कुमार मिश्रा को मंत्रिमंडल में शामिल किया.
मिश्रा को गृह राज्य मंत्री जैसा महत्वपूर्ण पद मिला. पार्टी ने ब्राह्मण चेहरे के रूप में उन्हें आगे किया और उनकी यात्रा और कई सभाएं भी आयोजित की गईं. हालांकि अजय कुमार मिश्रा पर हत्या समेत कई आपराधिक मुकदमे भी पूर्व में दर्ज थे, जिसमें वह हत्या के मामले में अदालत से बरी हो गए हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए चार किसानों के परिवारों को 45-45 लाख रुपये की वित्तीय मदद और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है.
राज्य सरकार ने इसके साथ ही बीते सोमवार को घोषणा की कि हाईकोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश मामले की जांच करेंगे. इसके साथ ही घायल किसानों को दस-दस लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)